शहडोल। लॉकडाउन में रियायत मिलने के बाद दुकानें खुलनी शुरु हुई. लेकिन इस रियायत का लोग गलत फायदा उठाते दिख रहे हैं. शहडोल में जैसे ही दुकानें खोलने की छूट दी गई. यहां की सड़कों पर ऐसा हुजूम उमड़ा जैसे लॉकडाउन लगा ही न हो. यहां न सोशल डिस्टेसिंग दिखी और न सावधानी. सब जगह भीड़ उमड़ पड़ी. ईटीवी भारत ने जब जिला मुख्यालय का जायजा लिया. तो यहां जमकर लापरवाही देखने को मिली.
शहडोल के बाजारों में नाजारा आम दिनों की तरह नजर आ रहा था. गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही थी. कहीं जाम लग रहा था कही दुकानों में भीड़ उमड़ रही थी. जिसे देखकर यह लग ही नहीं रहा था कि लॉकडाउन भी लगा है.
दुकानों में भी सुरक्षा के तमाम इंतजाम नहीं थे. पहले की तरह शहडोल में काफी चहल पहल थी, गाड़ियों की भरमार, दुकानों में भीड़ और शहर की गलियों में लगा ये लंबा जाम ही परेशानियां खड़ी कर सकता है.
सोशल डिस्टेंसिंग पब्लिक कब समझेगी
जब तक लोगों को राहत नहीं मिली थी. तो राहत के लिए गुहार लगाई जा रही थी. लेकिन जैसे ही राहत मिली और बाजार खुला तो सुरक्षा के तमाम नियम भुला दिए गए. सड़कों पर आम दिनों की तरह भीड़ जुटी थी.
इस दौरान पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी बाजार से नदारत रहे. कहने को तो मास्क अनिवार्य है. लेकिन कई लोग बिना मॉस्क के ही बाजार में खूमते दिखे.
ऐसे में तो यही कही जा सकता है कि शहडोल लोगों को रियायत क्या दी गई. लोगों को ऐसा लग रहा है मानो जिले से कोरोना वायरस का खतरा ही खत्म हो गया. लेकिन फिलहाल सावधानी रखनी जरुरी है. क्योंकि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेसिंग रखना जरुरी है. फिलहाल शहडोल में इस रियायत का गलत उपयोग हो रहा है.