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आकार ले रहा आदिवासी अंचल के सपनों का मेडिकल कॉलेज, सौर ऊर्जा से मिलेगी पूरी बिजली - शहडोल मेडिकल कॉलेज

शहडोल का मेडिकल कॉलेज इस साल से शुरू होने जा रहा है जिसकी पूरी तैयारी हो चुकी है. मेडिकल कॉलेज को लेकर हर किसी में बड़ी उत्सुकता है. मेडिकल कॉलेज में बिजली की पूरी सप्लाई सौर ऊर्जा से की जाएगी. जिससे कॉलेज को सस्ते दर में बिजली तो मिलेगी ही, इसके अलावा कॉलेज के खर्चे में भी कमी आएगी.

शहडोल का मेडिकल कॉलेज
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Published : Jul 4, 2019, 2:46 PM IST

शहडोल। तस्वीरों में दिख रही ये शानदार इमारत कोई कॉर्पोरेट हाउस नहीं है, बल्कि आदिवासी अंचल शहडोल के लोगों का वो सपना है, जो कुछ ही समय में पूरा होने वाला है. जिसके तैयार होते ही आदिवासी बाहुल्य इस अंचल में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमियां दूर हो जाएंगी. ये इमारत है शहडोल का मेडिकल कॉलेज, जो कई मायनों में बेहद खास है.

आकार ले रहा आदिवासी अंचल शहडोल के सपनों का मेडिकल कॉलेज

शहडोल मेडिकल कॉलेज इस क्षेत्र के बिगड़ते स्वास्थ्य को सुधारने में मील का पत्थर साबित होगा और यहां के लोगों को बेहतर इलाज के लिए के दूसरे शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा, जबकि मेडिकल छात्रों को चिकित्सा पद्धति की बेहतर शिक्षा का अनुभव अपने ही शहर में मिल सकेगा. जो उनके अधूरे सपनों के पूरा होने से कम नहीं है. इसके अलावा भी इस मेडिकल कॉलेज में कई और सुविधाएं होंगी, जो इसे और खास बनाती हैं.

मेडिकल कॉलेज के डीन और सीईओ डॉक्टर मिलिंद शिरालकर बताते हैं कि मेडिकल कॉलेज में सप्लाई होने वाली बिजली का पूरा सिस्टम सौर उर्जा से चलेगा, जिससे पूरे अस्पताल में बिजली सप्लाई की जाएगी.

सौर उर्जा से लैस इस मेडिकल कॉलेज में सस्ती बिजली तो मिलेगी ही, साथ ही बिजली की समस्या से भी निजात मिलेगी. इसका निर्माण पूरा होते ही यहां के लोगों का सपना पूरा हो जाएगा क्योंकि लंबे समय से यहां के रहवासी मेडिकल कॉलेज की ओर आस भरी नजरों से देख रहे हैं.

शहडोल। तस्वीरों में दिख रही ये शानदार इमारत कोई कॉर्पोरेट हाउस नहीं है, बल्कि आदिवासी अंचल शहडोल के लोगों का वो सपना है, जो कुछ ही समय में पूरा होने वाला है. जिसके तैयार होते ही आदिवासी बाहुल्य इस अंचल में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमियां दूर हो जाएंगी. ये इमारत है शहडोल का मेडिकल कॉलेज, जो कई मायनों में बेहद खास है.

आकार ले रहा आदिवासी अंचल शहडोल के सपनों का मेडिकल कॉलेज

शहडोल मेडिकल कॉलेज इस क्षेत्र के बिगड़ते स्वास्थ्य को सुधारने में मील का पत्थर साबित होगा और यहां के लोगों को बेहतर इलाज के लिए के दूसरे शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा, जबकि मेडिकल छात्रों को चिकित्सा पद्धति की बेहतर शिक्षा का अनुभव अपने ही शहर में मिल सकेगा. जो उनके अधूरे सपनों के पूरा होने से कम नहीं है. इसके अलावा भी इस मेडिकल कॉलेज में कई और सुविधाएं होंगी, जो इसे और खास बनाती हैं.

मेडिकल कॉलेज के डीन और सीईओ डॉक्टर मिलिंद शिरालकर बताते हैं कि मेडिकल कॉलेज में सप्लाई होने वाली बिजली का पूरा सिस्टम सौर उर्जा से चलेगा, जिससे पूरे अस्पताल में बिजली सप्लाई की जाएगी.

सौर उर्जा से लैस इस मेडिकल कॉलेज में सस्ती बिजली तो मिलेगी ही, साथ ही बिजली की समस्या से भी निजात मिलेगी. इसका निर्माण पूरा होते ही यहां के लोगों का सपना पूरा हो जाएगा क्योंकि लंबे समय से यहां के रहवासी मेडिकल कॉलेज की ओर आस भरी नजरों से देख रहे हैं.

Intro:note_ वर्जन मेडिकल कॉलेज के डीन और सीईओ मिलिंद शिरालकर का है।

आदिवासी अंचल का ये मेडिकल कॉलेज होगा खास, सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन की तैयारी, देखिये पूरी खबर

शहडोल- शहडोल का मेडिकल कॉलेज इस साल से शुरू होने जा रहा है जिसकी पूरी तैयारी हो चुकी है। मेडिकल कॉलेज को लेकर हर किसी में बड़ी उत्सुकता है। लेकिन क्या आपको पता है शहडोल के इस शासकीय मेडिकल कॉलेज में बिजली उत्पादन के लिए बड़ी तैयारी की गई है, और ये बिजली उत्पादन सौर ऊर्जा के माध्यम से करने की तैयारी है। जिससे कॉलेज को सस्ते दर में बिजली तो मिलेगी ही, इसके अलावा कॉलेज के खर्चे में भी कमी आएगी। और मेडिकल कॉलेज को बिना किसी बाधा के बिजली आपूर्ति होगी।




Body:जानिए कैसे लगेगा सोलर प्लांट

शहडोल के शासकीय मेडिकल कॉलेज के डीन और सीईओ डॉक्टर मिलिंद शिरालकर के मुताबिक ऊर्जा मंत्रालय मध्यप्रदेश शासन, और चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय मध्यप्रदेश शासन के बीच एक समझौता हुआ है जिसमें सभी नए मेडिकल कॉलेज में उर्जा जनरेट करने के लिए सोलर पैनल लगाने के लिए मेमोरैंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग साइन किया गया है। उसी के तहत शहडोल मेडिकल कॉलेज में भी सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन की तैयारी की जा रही है।

शहडोल मेडिकल कॉलेज के डीन और सीईओ डॉक्टर मिलिंद शिरालकर बताते हैं कि बंगलुरू की टेप्साल नाम की एक कंपनी है जो मेडिकल कॉलेज में निःशुल्क सोलर उपकरण लगाएगी, और उससे जो उत्पादन होगा उसे सस्ते दर में मेडिकल कॉलेज को उपलब्ध कराया जाएगा।

इस प्रोजेक्ट में मेडिकल कॉलेज सिर्फ अपने कॉलेज परिसर की छत, होस्टल की छत और एरिया दे रहा है इसमें जो भी स्टैब्लिशमेंट का खर्चा आएगा उसे कंपनी करेगी।


Conclusion:सौर ऊर्जा से ऐसे जगमगाएगा मेडिकल कॉलेज

वैसे तो मेडिकल कॉलेज को बिलजी सप्लाई एमपीईबी से भी होगी, इसकी पूरी तैयारी भी कर ली गई है लेकिन सौर ऊर्जा से जो बिजली उत्पादन होगा उसे कंपनी मेडिकल कॉलेज को सस्ते दर में 1 रुपये 63 पैसे प्रति यूनिट की दर से बेचेगी, जिससे कॉलेज के खर्चे में भी कमी आएगी। साथ ही बिना किसी बाधा के लाइट भी मिलती रहेगी।

प्रबंधन के मुताबिक इसके अलावा भी अगर अतिरिक्त बिजली उत्पादन होता है तो ये कंपनी और ऊर्जा विभाग के माध्यम से दूसरों को वितरित किया जाएगा इसमें मेडिकल कॉलेज का कोई हिस्सा या जवाबदारी नहीं रहेगी।
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