शहडोल। कलेक्टर कार्यालय में जिला आपदा प्रबंधन की बैठक में समिति के सदस्यों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि मकर संक्रांति के दिन बाणगंगा मैदान में मेले का आयोजन होगा. मेला 5 दिन तक चलेगा. मेले में आने वाले व्यापारी और अन्य लोगों को कोविड-19 कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा. मास्क और सेनिटाइजर का आवश्यक रूप से उपयोग करना होगा. मेला प्रांगण में प्रवेश करने से पहले व्यवस्था बनाए रखने हेतु मुख्य नगरपालिका अधिकारी को दायित्व भी सौंप दिया गया है. मेला में यातायात व्यवस्था चाक-चौबंद बनाने के लिए यातायात पुलिस को दायित्व दिया गया है.
हरेक काम की जिम्मेदारी तय : मेले में स्थाई स्वास्थ्य सुविधा, बिजली, सुरक्षा, पेयजल की व्यवस्था आदि अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए संबंधित अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है. इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि की व्यवस्था एवं मेला को आकर्षक रूप प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया है. हाल ही में जिस तरह से कोरोना वायरस को लेकर आशंका जताई जा रही थी, उसे देखते हुए लोगों को सस्पेंस था कि कहीं बाणगंगा मेले का आयोजन किया भी जाएगा या नहीं. अब उस पर विराम लग गया है. अब जब बाणगंगा मेले का आयोजन होने जा रहा है तो लोगों में खुशी है.
सैकड़ों साल पुराना है मेला : बता दें कि शहडोल जिला मुख्यालय के बाणगंगा मेला मैदान में लगने वाला यह बाणगंगा मेला सैकड़ों साल पुराना है. यह मेला धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व समेटे हुए है. विराट नगरी में लगने वाले इस मेले को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता रहती है. लोग इस मेले का सालभर से इंतजार करते हैं और बढ़-चढ़कर मेला में हिस्सा लेते हैं. इतना ही नहीं इस ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के मेला में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश के साथ ही देश के दूसरे राज्यों से भी व्यापारी शामिल होते हैं. वे यहां पर अपनी दुकानें लगाते हैं.
Gwalior Trade Fair मेले में थूका तो वसूला जाएगा जुर्माना, नगर निगम की टीमें रहेंगी तैनात
व्यापारियों का पहुंचना शुरू : झूला वालों की बात करें या दूसरे व्यापारियों की तो वे यहां कई दिनों तक रुककर मेला में शामिल होते हैं. गौरतलब है कि भले ही आपदा प्रबंधन की बैठक में इस बात का फैसला आज किया गया है कि बाणगंगा मेले का आयोजन किया जाएगा लेकिन इससे पहले ही पिछले तीन-चार दिन से देश के दूसरे राज्यों से व्यापारी विराट नगरी पहुंच चुके हैं और बाणगंगा मेला की तैयारी में जुटे हुए हैं. कई व्यापारी तो मेला मैदान में झूला लगाना भी शुरू कर चुके हैं.