शहडोल। शहडोल जिले के अंतिम छोर में बसे बाणसागर में लड़कियां क्रिकेट नहीं खेलती बल्कि फुटबॉल खेलती हैं. यहां एक-दो लड़की फुटबॉल नहीं खेलती, बल्कि 35 से 40 लड़कियां हर दिन अभ्यास करने पहुंचती हैं. वे सभी अच्छा फुटबॉल खिलाड़ी बनना चाहती हैं. उनके इस सपने को पूरा करने के लिए पैरेंट्स भी फुल सपोर्ट कर रहे हैं. लड़कियों की एक अलग नर्सरी तैयार हुई तो इसके पीछे भी एक नेशनल फुटबॉल प्लेयर की कहानी है. एक युवा नेशनल फुटबॉल प्लेयर काम करने के लिए अचानक ही बाणसागर पहुंचता है. इसके बाद साल दर साल वहां की तस्वीर बदल जाती है. बाणसागर में लड़कियों की एक पूरी की पूरी फुटबॉल टीम मिल जाती है. एक से एक बढ़कर खिलाड़ी हैं. इन लड़कियों का सपना भी है कि उन्हें एक बेस्ट फुटबॉल खिलाड़ी बनना है.
कई लड़कियां खेल चुकी हैं नेशनल लेवल पर : फुटबॉल की ट्रेनिंग देने वाले युवा नेशनल फुटबॉल प्लेयर और कोच सीताराम सहीस बताते हैं कि इन लड़कियों में बड़ा टैलेंट है. इस खेल को लेकर इनमें क्रेज भी है. इसी का नतीजा है कि इनमें से 10 से 11 लड़कियां ऐसी हैं जो नेशनल लेवल पर खेल चुकी हैं. फुटबॉल की प्रैक्टिस कर रही सानिया बहरोलिया 2 बार नेशनल लेवल पर खेल चुकी है और अभी कक्षा 9वीं में पढ़ती हैं. उसका सपना एक बेस्ट फुटबॉल प्लेयर बनना है. मोनिका बुनकर भी दो नेशनल खेल खेल चुकी हैं और कक्षा 12वीं में पढ़ती हैं. वहीं प्रांजली मिश्रा एक बार नेशनल लेवल पर खेल चुकी हैं और कक्षा 9वीं में पढ़ती हैं. ऐसी कई लड़कियां हैं जो नेशनल खेल चुकी हैं और वह फुटबॉल में एक बेस्ट खिलाड़ी बनना चाहती हैं. इन लड़कियों को फुटबॉल के अलावा कोई भी खेल पसंद नहीं है. वे कहती हैं कि यहां की लड़कियां क्रिकेट नहीं खेलती बल्कि फुटबॉल खेलती हैं.
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ऐसे तैयार हुई फुटबॉल की नर्सरी : नेशनल फुटबॉल प्लेयर सीताराम सहीस का कहना है कि वह रहने वाले विचारपुर शहडोल के हैं, जहां 10-11 साल हो गए फुटबॉल सिखाते हुए. पहले तो बाणसागर में वहां काम के सिलसिले में गए थे, वो खुद फुटबॉल में 5 नेशनल खेल चुका हैं और वो अक्सर वहां भी ग्राउंड जाते थे. सीताराम सहीस बताते हैं कि मैं ग्राउंड में खेल रहा था, तभी मेरे पास कुछ बच्चे आए. पहले तो वहां लड़कों को फुटबॉल सिखाना शुरू किया. फिर धीरे-धीरे वहां लड़कियां भी फुटबॉल खेलने आने लग गईं. उन्हें भी सिखाना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे अब बाणसागर में गर्ल्स की फुटबॉल की एक पूरी टीम तैयार है. शहडोल के सहायक संचालक और एनआईएस फुटबॉल कोच रईस अहमद बताते हैं बाणसागर के खेल मैदान में हमारे एक स्टूडेंट हैं सीताराम सहीस. वह खुद भी नेशनल प्लेयर हैं. उन्होंने लड़कियों को फुटबॉल की ट्रेनिंग दी है.