शहडोल। प्रदेश में इन दिनों पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव का दौर चल रहा है, शहडोल जिले में भी इन दिनों चुनावी माहौल है. पंचायत चुनाव के दो चरण हो चुके हैं, तीसरा चरण भी होना है. नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भी सरगर्मियां काफी तेज हो चुकी हैं. कांग्रेस भाजपा दोनों पूरा जोर लगा रही हैं, तो वहीं कहीं-कहीं निर्दलीय भी बाजी मारते नजर आ रहे हैं. नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस जहां पूरे प्रदेश में बाजी मारने के लिए दम भर रही है तो वहीं शहडोल जिले के खाड़ नगर परिषद (Khad Municipal Council) में कांग्रेस पार्टी को 3 वार्ड में भाजपा प्रत्याशियों से मुकाबला करने के लिए कोई प्रत्याशी ही नहीं मिला. जिसके बाद अब कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता ही पार्टी के अनुभवी, सीनियर और बुजुर्ग नेताओं की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं.
कांग्रेस को नहीं मिला प्रत्याशी: शहडोल जिले के खाड़ नगर परिषद (Khar Municipal Council) के 15 वार्डों में पार्षद पद के लिए चुनाव होना है. जिसके लिए अलग-अलग पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपना दावा ठोक दिया है और जोरों पर इन दिनों चुनाव प्रचार का दौर भी चल रहा है. इस बीच कांग्रेस पार्टी ने जिले के खाड़ नगर परिषद के 12 वार्डों में अपना प्रत्याशी तो मैदान में उतारा है लेकिन 3 वार्ड में कोई प्रत्याशी खड़ा नहीं किया है. वार्ड नंबर 2, 7 और 14 में भाजपा से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस को कोई ऐसा मजबूत प्रत्याशी ही नहीं मिला, जिसे वो खड़ा कर सके.
प्रत्याशी नहीं उतारने से BJP खुश: कांग्रेस जहां खाड़ नगरपरिषद के तीन वार्ड में कोई प्रत्याशी ही मैदान में नहीं उतार पाई. जिससे भाजपा काफी खुश नजर आ रही है. साथ ही कांग्रेस पर तंज कसने से भी पीछे नहीं हट रही है. इधर कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी भी अब इस मामले में खुल कर बोल रहे हैं और इसके लिए कांग्रेस जिलाध्यक्ष आजाद बहादुर और जिला संगठन के अहम पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
कांग्रेस के संगठन पर उठे सवाल: वर्तमान जिलाध्यक्ष आजाद बहादुर सिंह के ऊपर पार्षद पद के प्रत्याशी चयन प्रक्रिया, पार्षद पद के प्रत्याशी चयन प्रक्रिया और संगठन के बड़े बुजुर्ग एवं स्थानीय नेताओं की अनदेखी का भी आरोप लगाया जा रहा हैं. बरहाल कांग्रेस पार्टी का इन तीन वार्डों में प्रत्याशी ना खड़ा कर पाना, भाजपा के लिए वाकओवर दे देना साबित हो रहा है. जिसे लेकर भाजपा काफी खुश नजर आ रही है. वहीं कांग्रेस पार्टी के संगठन और जिम्मेदारों पर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं.