शहडोल। कई क्षेत्रों में टाइगर का मूवमेंट देखा जाता है. कई बार ये टाइगर सड़कों पर भी आ गए हैं. और अब यही बाघ मौत के शिकार भी हो रहे हैं. एक ऐसा ही मामला शहडोल जिले के जयपुर वन परिक्षेत्र का सामने आया है जहां कुछ लोगों ने खेत की फसल को बचाने के लिए जंगली सुअर के लिए करंट लगाया था लेकिन उसमें बाघ फंस गया.
बिछाए करंट में फंसा बाघ: जयपुर वन परिक्षेत्र के लफदा बीट में आए दिन जंगली सुअर खेती को नष्ट कर रहे हैं. उसे बचाने के लिए किसान खेत में करंट बिछा देते हैं.ऐसे ही एक खेत में बिछाए करंट में सुअर की जगह बाघ फंस गया. और फिर बाघ की मौत हो गई. बाघ की मौत के बाद गांव वालों की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई.
बाघ के साथ क्या किया: बाघ की मौत की सूचना गांव वालों ने वन विभाग को नहीं दी. और जब गांव वालों को कुछ समझ नहीं आया तो उन्होंने बाघ के दांत,नाखून और मूंछ निकाल लिए. इसके बाद बाघ के अवशेष को आग के हवाले कर दिया.
ये भी पढ़ें: |
कैसे हुआ खुलासा: इस पूरे मामले को लेकर शहडोल वन विभाग के दक्षिण वन मंडल की डीएफओ श्रद्धा पेन्द्रे का कहना है कि 23 नवंबर को जंगल के भ्रमण के दौरान यह सूचना प्राप्त हुई थी कि जैतपुर रेंज के लफ़दा बीट में टाइगर का अधजला शव मिला है. सूचना के बाद राजस्व विभाग के अधिकारी तहसीलदार, डॉक्टर पैनल, जनप्रतिनिधि और अन्य लोगों को सम्मिलित करके टाइगर के शव का पोस्टमार्टम कराया गया और उसका नियमानुसार दाह संस्कार भी कराया गया. पोस्टमार्टम के पहले ही डॉग से बाघ की बॉडी को स्मेल कराकर इन्वेस्टिगेशन शुरू कर दी गई थी.
11 आरोपी पकड़े गए: जब डॉग ने उस बॉडी को स्मेल किया उसके बाद वह एक संदेही व्यक्ति के घर में घुस गया. उससे जब पूछताछ की गई तो पूछताछ में ये सामने आया कि उनके द्वारा कुछ दिन पहले जंगली सुअर के लिए करंट लगाया था. जिसमें टाइगर फंसकर मर गया था. इस मामले में दो गांव से सभी 11 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया है. उनके पास से वन्य प्राणियों के अवशेष भी जब्त किए गए हैं.