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अब आदिवासी जिले का मेडिकल कॉलेज सुर्खियों में, 24 घंटे में 4 मासूमों की मौत, जानिए क्या है मामला - 4 children died in shahdol

शहडोल मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर 4 बच्चों की मौत से हंगामा खड़ा हो गया है. फिलहाल मेडिकल कॉलेज ने भी इस मामले पर बयान दिया है.

shahdol medical college creat panic in picu
शहडोल मेडिकल कॉलेज में 4 बच्चों की मौत
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Published : Mar 6, 2023, 1:21 PM IST

Updated : Mar 6, 2023, 4:56 PM IST

शहडोल मेडिकल कॉलेज में 4 बच्चों की मौत

शहडोल। शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है और यह जिला आए दिन सुर्खियों में बना रहता है. अभी शहडोल जिला चिकित्सालय ही मासूम बच्चों की मौत को लेकर सुर्खियों में रहता था और अब शहडोल मेडिकल कॉलेज सुर्खियों में आ गया है. जानकारी के मुताबिक शहडोल मेडिकल कॉलेज में पिछले 24 घंटे में 4 मासूमों की मौत हुई है, जिसके बाद एक बार फिर से मेडिकल कॉलज सुर्खियों में आ गया है. हालांकि मेडिकल कॉलेज के डीन मिलिंद शिरालकर का कहना है कि सभी गंभीर हालत में थे, जिसमें 3 वेंटिलेटर में थे.

जानिए पूरा मामला: पूरा मामला शहडोल मेडिकल कॉलेज का है जहां शहडोल मेडिकल कॉलेज में स्थित पीआईसीयू में इलाज के दौरान रविवार सुबह से पिछले 24 घंटे के दौरान 4 मासूम बच्चों की मौत हो गई है, अचानक इतनी मौत के बाद अब परिजन गुस्से में हैं और आरोप लगाया है कि मेडिकल कॉलेज में इलाज के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है, बच्चों की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज में चल रहे इलाज को लेकर व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं, तो पीआईसीयू कर्मचारियों द्वारा घटना की जानकारी छुपाने का भी मामला सामने आया है.

shahdol medical college creat panic in picu
शहडोल मेडिकल कॉलेज में 4 बच्चों की मौत

शहडोल की अन्य खबरों पर भी एक नजर:

मेडिकल कॉलेज ने दी सफाई: मामले में मेडिकल कॉलेज के डीन मिलिंद शिरालकर का कहना है कि "पीआईसीयू में गंभीर हालत में ही बच्चे आते हैं इसके लिए जरूरी है कि प्राथमिक उपचार में गंभीरता बरती जाए, 4 बच्चों के मौत में अनूपपुर के बरगवां के आर्यन यादव को पहले से ही सीरियस हालत में भर्ती कराया गया था, तीन अन्य बच्चे पहले से ही वेंटिलेटर पर थे जिन्हें सांस लेने में तकलीफ थी."

इलाज के नाम पर खाना पूर्ति: गौरतलब है कि कुछ साल पहले ही शहडोल जिला चिकित्सालय इसी तरह मासूम बच्चों की मौत को लेकर सुर्खियों में बना हुआ था, जिसके बाद हड़कंप मच गया था और एक के बाद एक मौतों के बाद खुद स्वास्थ्य मंत्री भी जिला चिकित्सालय के निरीक्षण के लिए पहुंच गए थे, जिसके बाद जिले के स्वास्थ्य अधिकारी सीएमएचओ और सिविल सर्जन को भी पद से हटा दिया गया था और फिर इस घटना के बाद ही शहडोल मेडिकल कॉलेज में एसएनसीयू और पीआईसीयू को चालू करने के निर्देश जारी किए गए थे, जिसके बाद मेडिकल कॉलेज में सेवा शुरू की गई थी. लेकिन परिजनों का आरोप है कि मेडिकल कॉलेज में इलाज के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है.

शहडोल मेडिकल कॉलेज में 4 बच्चों की मौत

शहडोल। शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है और यह जिला आए दिन सुर्खियों में बना रहता है. अभी शहडोल जिला चिकित्सालय ही मासूम बच्चों की मौत को लेकर सुर्खियों में रहता था और अब शहडोल मेडिकल कॉलेज सुर्खियों में आ गया है. जानकारी के मुताबिक शहडोल मेडिकल कॉलेज में पिछले 24 घंटे में 4 मासूमों की मौत हुई है, जिसके बाद एक बार फिर से मेडिकल कॉलज सुर्खियों में आ गया है. हालांकि मेडिकल कॉलेज के डीन मिलिंद शिरालकर का कहना है कि सभी गंभीर हालत में थे, जिसमें 3 वेंटिलेटर में थे.

जानिए पूरा मामला: पूरा मामला शहडोल मेडिकल कॉलेज का है जहां शहडोल मेडिकल कॉलेज में स्थित पीआईसीयू में इलाज के दौरान रविवार सुबह से पिछले 24 घंटे के दौरान 4 मासूम बच्चों की मौत हो गई है, अचानक इतनी मौत के बाद अब परिजन गुस्से में हैं और आरोप लगाया है कि मेडिकल कॉलेज में इलाज के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है, बच्चों की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज में चल रहे इलाज को लेकर व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं, तो पीआईसीयू कर्मचारियों द्वारा घटना की जानकारी छुपाने का भी मामला सामने आया है.

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शहडोल मेडिकल कॉलेज में 4 बच्चों की मौत

शहडोल की अन्य खबरों पर भी एक नजर:

मेडिकल कॉलेज ने दी सफाई: मामले में मेडिकल कॉलेज के डीन मिलिंद शिरालकर का कहना है कि "पीआईसीयू में गंभीर हालत में ही बच्चे आते हैं इसके लिए जरूरी है कि प्राथमिक उपचार में गंभीरता बरती जाए, 4 बच्चों के मौत में अनूपपुर के बरगवां के आर्यन यादव को पहले से ही सीरियस हालत में भर्ती कराया गया था, तीन अन्य बच्चे पहले से ही वेंटिलेटर पर थे जिन्हें सांस लेने में तकलीफ थी."

इलाज के नाम पर खाना पूर्ति: गौरतलब है कि कुछ साल पहले ही शहडोल जिला चिकित्सालय इसी तरह मासूम बच्चों की मौत को लेकर सुर्खियों में बना हुआ था, जिसके बाद हड़कंप मच गया था और एक के बाद एक मौतों के बाद खुद स्वास्थ्य मंत्री भी जिला चिकित्सालय के निरीक्षण के लिए पहुंच गए थे, जिसके बाद जिले के स्वास्थ्य अधिकारी सीएमएचओ और सिविल सर्जन को भी पद से हटा दिया गया था और फिर इस घटना के बाद ही शहडोल मेडिकल कॉलेज में एसएनसीयू और पीआईसीयू को चालू करने के निर्देश जारी किए गए थे, जिसके बाद मेडिकल कॉलेज में सेवा शुरू की गई थी. लेकिन परिजनों का आरोप है कि मेडिकल कॉलेज में इलाज के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है.

Last Updated : Mar 6, 2023, 4:56 PM IST
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