शहडोल। अगर आप दूध के व्यापार को लेकर रोजगार का कोई प्लान तैयार कर रहे हैं, तो आपके लिए बिल्कुल ही ये बहुत ही काम की ख़बर है, क्योंकि अब इस ओर प्रशासन की भी पैनी नज़र है, और तो और अब शहडोल कमिश्नर ने बैठक के दौरान दुग्ध उत्पादन, दुग्ध डेयरी और मिल्क रूटों को लेकर कई दिशा निर्देश भी जारी किए हैं. कमिश्नर ने साफ़ कहा है कि शहडोल संभाग में दुग्ध उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं.
दुग्ध उत्पादन की अपार संभावनाएं
शहडोल संभाग आदिवासी बाहुल्य संभाग है, यहां के तीनों ज़िलों में ऐसे लोगों की भरमार है, जो अपने घरों में दुधारू मवेशियों का पालन करते हैं, और ऐसे जगहों पर अगर दुग्ध उत्पादन की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए, तो यहां अपार संभावनाएं हैं, इससे न केवल यहां के लोग अच्छी कमाई कर सकते हैं बल्कि रोजगार की तलाश कर रहे कई युवाओं के लिए ये एक बड़ा ऑप्शन भी बन सकता है जब वो खुद अपना कोई काम शुरू कर सकें.
शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा ने एक अहम बैठक करके कहा है शहडोल संभाग में दुग्ध उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं जिन्हें ध्यान में रखते हुए किसानों को दुग्ध उत्पादन की गतिविधियां बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए कमिश्नर शहडोल ने यह सभी दिशानिर्देश पशु चिकित्सा विभाग एवं दुग्ध महासंघ के कार्यों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिए हैं.
दूध विक्रय की अच्छी संभावनाएं
कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा ने कहा है कि शहडोल संभाग के नगरीय क्षेत्रों और मंडियों में सांची दुग्ध पार्लर स्थापित करने के लिए आवश्यक कार्य करने के निर्देश भी दुग्ध संघ के अधिकारियों को दिए हैं, कमिश्नर ने कहा है कि संभाग के ऐसे नगरीय क्षेत्र एवं मंडिया जहां दूध विक्रय की अच्छी संभावनाएं हैं ऐसे नगरीय क्षेत्रों एवं मंडियों में सांची दुग्ध पार्लर स्थापित करने के लिए प्रयास किए जाएं कमिश्नर ने कहा है कि शहडोल संभाग में दुग्ध उत्पादन की विपुल संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए शहडोल संभाग के पुराने मिल्क रूटों को पुनः सक्रिय किया जाए.
कृत्रिम गर्भाधान योजना की समीक्षा
इस दौरान कमिश्नर राजीव शर्मा ने राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान योजना की समीक्षा भी की और निर्देश दिए कि शहडोल संभाग के जिन गांव में राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान योजना के तहत पशुधन का गर्भाधान किया गया है, उनकी सूची उन्हें मुहैया कराई जाए कमिश्नर ने कहा वो किसी भी गांव में जाकर पशुपालकों से स्वयं चर्चा करेंगे और कार्य वास्तविक में हुआ है अथवा नहीं इसके संबंध में जानकारी लेंगे.
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सभी योजनाओं का लाभ पशुपालकों को मिले
बैठक में कमिश्नर ने नस्ल सुधार योजना, पशु उपचार योजना, टीकाकरण योजना, और किसान क्रेडिट कार्ड योजना की जिलेवार समीक्षा करते हुए कहा है कि पशु चिकित्सा विभाग के माध्यम से संचालित योजनाओं का लाभ पशुपालकों को वास्तव में मिलना चाहिए.
गौरतलब की शहडोल संभाग आदिवासी बाहुल्य संभाग है और इस संभाग के अतंर्गत आने वाले सभी जिलों में दुधारू पशुओं की भरमार है ,ऐसे में अगर सही तौर पर इन्हें मार्गदर्शन मिले और यहां के युवाओं को दूध डेयरी दुग्ध उत्पादन जैसे रोजगार से उसे जोड़ा जाए तो निश्चित तौर पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को आय का एक बड़ा जरिया ये बन सकता है और इतना ही नहीं कई युवाओं के लिए तो ये नए स्टार्टअप का भी मौका होगा.