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कृषि वैज्ञानिक से जानें इस मौसम में कैसे रखें अपनी फसलों का खयाल

बदलते मौसम में फसलों का विशेष खयाल रखने की जरूरत होती है. वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में किसानों को कई टिप्स दिए, जिनकी मदद से किसान अपनी फसलों का खयाल आसानी से रख सकते हैं.

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Published : Jan 23, 2020, 12:53 PM IST

know how to nourish crops
कैसे रखें अपने फसलों का ख्याल

शहडोल। जिले में मौसम का मिजाज किसी को समझ नहीं आ रहा, कभी बादल, कभी पानी, कभी तेज़ धूप, कभी गर्मी. इस बदलते मौसम में फसलों का ख्याल रखना मुशकिल हो जाता है. वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में किसानों को कई टिप्स दिए, जिनकी मदद से किसान अपनी फसलों का खयाल आसानी से रख सकते हैं.

कैसे रखें अपने फसलों का ख्याल

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि, मौसम में जो बदलाव आ रहा है, कभी ठंडी, कभी गर्मी बढ़ती है और कभी बादल आते हैं, तो इसका मतलब है की फसलों में कीट व्याधि का प्रकोप बढ़ेगा.

इस मौसम में फसलों का रखें विशेष ख्याल

जिले के अधिकतर रकबे में गेहूं की खेती होती है. दलहनी फसलें कम हैं. हलांकि इस तरह का मौसम दलहनी के फसलों को ज्यादा नुकसान करता है. गर्मी के वक्त सरसों में और सब्जियों में जैसे सेम, में माहू का प्रकोप बढ़ जाता है. अभी ठंड थी तो दिक्कत ज्यादा नहीं आई, लेकिन अगर गर्मी वाला मौसम रहा, तो इसका प्रकोप बढ़ेगा. साथ ही रबी सीजन की सब्जी वाली फ़सलों में कीड़े मकोड़े खासकर रस चूसने वाले कीड़ों का प्रकोप बढ़ेगा.

चने की फसल को ऐसे बचाएं इल्लियों से

चने की फसल की बात करें, तो चने की फसल में अभी टी आकार की खूटियां लगा दें जो पौधे से करीब 10 सेमी या 6 सेमी ऊंची हों जिसमें चिड़िया आकार बैठ सकें और इल्लियों को खा सकें. इसके अलावा फेरोमेन ट्रेप लगा दें. अगर ज्यादा इल्लियों दिखाई दें, तो फिर कीटनाशक का उपयोग करें. साथ में अगर फसलों में माहू का प्रकोप है तो फसलों पर जिस तरह से माहू का अटैक है उस हिसाब से उसका इलाज करना होगा.

जायद में ऐसे लगाएं सब्जियां

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं, जायद में जो किसान सब्जियों की खेती करते हैं इसकी तैयारी के लिए बहुत अच्छा समय है. अगर खेत खाली नहीं है तो किसान पॉलीथीन बैग में कद्दू वर्गीय सब्जियां जैसे कि लौकी, खीरा, तरबूज, खरबूज हो इनको पॉलिथीन बैग मे तैयार कर लीजिए. एक महीन के बाद पॉलिथीन को काटकर पौधों को रोप दें. इससे अर्ली फसल मिल जाएगी. अगर अपका खेत खाली नहीं है, तो इस तरह करने से जब खेत खाली होगा तो क्रॉपिंग मिल जाएगी.

शहडोल। जिले में मौसम का मिजाज किसी को समझ नहीं आ रहा, कभी बादल, कभी पानी, कभी तेज़ धूप, कभी गर्मी. इस बदलते मौसम में फसलों का ख्याल रखना मुशकिल हो जाता है. वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में किसानों को कई टिप्स दिए, जिनकी मदद से किसान अपनी फसलों का खयाल आसानी से रख सकते हैं.

कैसे रखें अपने फसलों का ख्याल

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि, मौसम में जो बदलाव आ रहा है, कभी ठंडी, कभी गर्मी बढ़ती है और कभी बादल आते हैं, तो इसका मतलब है की फसलों में कीट व्याधि का प्रकोप बढ़ेगा.

इस मौसम में फसलों का रखें विशेष ख्याल

जिले के अधिकतर रकबे में गेहूं की खेती होती है. दलहनी फसलें कम हैं. हलांकि इस तरह का मौसम दलहनी के फसलों को ज्यादा नुकसान करता है. गर्मी के वक्त सरसों में और सब्जियों में जैसे सेम, में माहू का प्रकोप बढ़ जाता है. अभी ठंड थी तो दिक्कत ज्यादा नहीं आई, लेकिन अगर गर्मी वाला मौसम रहा, तो इसका प्रकोप बढ़ेगा. साथ ही रबी सीजन की सब्जी वाली फ़सलों में कीड़े मकोड़े खासकर रस चूसने वाले कीड़ों का प्रकोप बढ़ेगा.

चने की फसल को ऐसे बचाएं इल्लियों से

चने की फसल की बात करें, तो चने की फसल में अभी टी आकार की खूटियां लगा दें जो पौधे से करीब 10 सेमी या 6 सेमी ऊंची हों जिसमें चिड़िया आकार बैठ सकें और इल्लियों को खा सकें. इसके अलावा फेरोमेन ट्रेप लगा दें. अगर ज्यादा इल्लियों दिखाई दें, तो फिर कीटनाशक का उपयोग करें. साथ में अगर फसलों में माहू का प्रकोप है तो फसलों पर जिस तरह से माहू का अटैक है उस हिसाब से उसका इलाज करना होगा.

जायद में ऐसे लगाएं सब्जियां

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं, जायद में जो किसान सब्जियों की खेती करते हैं इसकी तैयारी के लिए बहुत अच्छा समय है. अगर खेत खाली नहीं है तो किसान पॉलीथीन बैग में कद्दू वर्गीय सब्जियां जैसे कि लौकी, खीरा, तरबूज, खरबूज हो इनको पॉलिथीन बैग मे तैयार कर लीजिए. एक महीन के बाद पॉलिथीन को काटकर पौधों को रोप दें. इससे अर्ली फसल मिल जाएगी. अगर अपका खेत खाली नहीं है, तो इस तरह करने से जब खेत खाली होगा तो क्रॉपिंग मिल जाएगी.

Intro:note_ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह के साथ खास बातचीत।

किसानों के काम की खबर- कृषि वैज्ञानिक से जानें इस बदलते मौसम में कैसे रखें अपने फसलों का ख्याल

शहडोल- जिले में मौसम का मिजाज किसी को समझ नहीं आ रहा कभी बादल, कभी पानी, कभी तेज़ धूप, कभी गर्मी आख़िर इस मौसम के बदलाव का फसलों पर कैसा असर पड़ेगा और इससे कैसे अपने फसलों का बचाव करें इसके लिए हमने बात की वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह से।


Body:इस मौसम में फसलों का रखें विशेष ख्याल

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि ये मौसम में जो बदलाव आ रहा है कभी ठंडी, कभी गर्मी बढ़ती है और कभी बादल आते हैं तो इसका मतलब है की फसलों में कीट व्याधि का प्रकोप बढ़ेगा। हलांकि कृषि वैज्ञनिक ये भी कहते हैं कि संतोष की बात ये है की लंबे समय तक मौसम बादलों वाला गर्मी वाला नही रहता बीच बीच में ठंड भी आ जाती है तो इस वजह से ज्यादा प्रकोप नही आ रहा है।

अपने यहां शहड़ोल जिले के अधिकतर रकबे में गेहूं की खेती होती है दलहनी फसलें कम हैं हलांकि इस तरह का मौसम दलहनी के फसलों को ज्यादा नुकसान करता है। जैसे जब गर्मी होता है तो सरसों में, और सब्जियों में जैसे सेम, और दूसरीं सब्जी हैं उनमें माहू का प्रकोप बढ़ जाता है अभी ठंड थी तो दिक्कत ज्यादा नहीं आयी लेकिन अगर गर्मी वाला मौसम रहा आया तो इसका प्रकोप बढ़ेगा।

साथ ही रबी सीजन की सब्जी वाली फ़सलें हैं इनमें भी कीड़े मकोड़े खासकर रस चूसने वाले कीड़ो का प्रकोप बढ़ेगा।

जहां चने का भी अपने यहां जो एरिया है वहां चने के खेत में इल्लियों का प्रकोप देखने को मिल सकता है।

चने की फसल को ऐसे बचाएं इल्लियों से

चने की फसल की बात करें तो चने के फसल में अभी टी आकार की खूटियां लगा दें, पौधे से करीब एक बीता ऊंची हो मतलब 10 सेमी. या 6 सेमी. ऊंचा हो जिसमें चिड़िया आकार बैठ सकें, और इल्लियों को खा सकें, इसके अलावा फेरोमेन ट्रेप लगा दें।

अगर इस प्रयोग से उसमें हमें अगर 4-6 ,इल्लियों से ज्यादा दिखाई देता है तो फिर हमें कीटनाशी में जाना होगा।

साथ में अगर फसलों में माहू का प्रकोप है तो फसलों पर जिस तरह से माहू का अटैक है उस हिसाब से उसका इलाज करना होगा।

जायद में ऐसे लगाएं सब्जियां

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं जायद में जो किसान सब्जियों की खेती करते हैं इसकी तैयारी के लिए बहुत अच्छा समय है अगर खेत खाली नहीं है तो किसान भाई कद्दू वर्गीय सब्जियों जिसमें नर्सरी नहीं डालते हैं उसको पॉलीथीन के बैग में अभी से तैयार कर लेते हैं तो उनको अर्ली फसल मिल जाएगी।

पॉलीथीन बैग में डालकर कद्दू, वर्गीय सब्जियां मतलब लौकी खीरा, तरबूज, कुम्हड़ा, खरबूज हो इनको आप पॉलिथीन बैग मे तैयार कर लीजिए।

और एक महीन के बाद पॉलिथीन को काटकर पौधों को रोप दें।
अगर अपका खेत खाली नहीं है तो इस तरह करने से जब खेत खाली होगा तो आपको रिले क्रॉपिंग मिल जाएगा।


Conclusion:गौरतलब है कि इस तरह के मौसम में फसलों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है और अगर फसल में कोई दिक़्क़त समझ में आती है तो अपने जिले के कृषि वैज्ञानिकों से संपर्क कर उन फसलों का सही इलाज जानकर उसका सही समय पर समाधान करें जिससे फसलों की बम्पर पैदावार आप ले सकें।
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