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धान की नर्सरी हो गई है ज्यादा दिन की, तो रोपाई के समय इन अहम बातों का रखें ध्यान

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Published : Jul 30, 2021, 10:41 AM IST

Updated : Jul 30, 2021, 11:49 AM IST

जिले में लगातार हो रही बारिश में अचानक ब्रेक आने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, लेकिन अब जब फिर से बारिश शुरू हो चुकी है, तो एक नई समस्या ये है कि जिन किसानों ने अभी तक नर्सरी की रोपाई नहीं की थी, उनका रोपा बड़ा हो गया है. ऐसे में रोपा लगाते समय किन-किन बतों का ध्यान रखना है ये जानने के लिए पड़े हमारी ये खास रिपोर्ट....

planting paddy
धान रोपाई से संबंधित जानकारी

शहडोल। आदिवासी बाहुल्य इस जिले में खरीफ के सीजन में धान की खेती काफी बड़े रकबों में की जाती है. इस बार यहां समय से पहले मानसून का आगमन हो गया. अच्छी बारिश के कारण किसानों ने खेती भी बड़े उत्साह के साथ शुरू कर दी थी, लेकिन अचानक ही बारिश बंद हो गई. काफी लंबे समय तक बारिश नहीं होने के कारण किसानों में मायूसी छा गई. हालांकि, अब जब धान की नर्सरी बड़ी हो गई है, तब कहीं जाकर एक फिर से बारिश शुरू हो गई है.

नुकसान की संभावना
दरअसल, एक लंबे ब्रेक के बाद बारिश होने से किसानों के खेतों में पानी तो आ गया है, लेकिन अब जब खेतों में मौजूद नर्सरी बड़ी हो चुकी हो, तब रोपाई के दौरान उसके नुकसान की संभावना भी बढ़ गई है. बता दें कि रोपण कार्य में नर्सरी पुरानी होने से फसल के उत्पादन में नुकसान की संभावना बनी रहती है.

जिले में पिछले तीन-चार दिन से झमाझम बारिश हो रही है, जिसके चलते खेत लबालब पानी भर चुके हैं. लंबे वक्त के बाद ही सही बारिश होने के बाद किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं, क्योंकि किसानों के धान की नर्सरी तैयार हो चुकी थी, और उन्हें लंबे समय से बारिश का इंतजार था, लेकिन देरी से बारिश होने के चलते किसानों की नर्सरी पुरानी हो गई जिसने किसानों की चिंता भी बढ़ा दी है.

धान की रोपाई में बरतें ये सावधानी
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ मृगेंद्र सिंह ने बताया कि, जिले में पिछले दो तीन दिनों में अच्छी बारिश हुई है, ऐसे में जिन किसानों के पास सिंचाई का साधन नहीं है और रोपा अधिक दिन का हो गया है, तो वे किसान एक नर्सरी से दूसरी नर्सरी के बीच में 20 सेंटीमीटर की दूरी रखें. इसके साथ ही एक या दो घंटे के दौरान जितना रोपा लगा सकें उतना ही उखाड़ें. हालांकि जो किसान जागरूक हैं वह 10 से 12 दिन के अंदर नर्सरी की रोपाई कर देते हैं.


रोपा लगाने का सही तरीका
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक सिंह ने आगे बताया कि, अगर रोपा ज्यादा लंबे हो गए हैं, तो उसे थोड़ी ऊपर से काट दें, ये ध्यान देने की बात है. दूसरा किसान ये कोशिश करें कि कतार से इसकी ट्रांसप्लांटिंग करें, कतार से इसकी ट्रांसप्लांटिंग करने पर, ये होता है कि बाद में जब खरपतवार आते हैं तो कोनोवीडर आदि चलाने में उनको सहूलियत होती है. नहीं तो हैंड बीडिंग करना पड़ता है या केमिकल दवाइयों का उपयोग करना पड़ता है.

धान रोपाई से संबंधित जानकारी

वीडीसाइड्स डालने का तरीका
उन्होंने आगे बताया कि आज कल दोनों तरह के वीडीसाइड्स बाजार में उपलब्ध हैं. ट्रांसप्लांटिंग के तुरंत बाद वीडीसाइड्स डाल देते हैं, वो सबसे अच्छा तरीका है. अदर वाइज पोस्ट ईमर्जेंस भी आते हैं, की कम से कम 25 दिन के अंदर उसको अगर डाल देते हैं तो काफी वीड कंट्रोल हो जाता है.

किसानों को निराश नहीं करेगी सरकार! मूंग खरीदी के लिए 6000 करोड़ रुपये का कैबिनेट को मंत्री ने भेजा प्रस्ताव

पर्याप्त मात्रा में डालें फर्टिलाइजर
कृषि वैज्ञानिक किसानों को सलाह देते हुए आगे कहते हैं कि अगर आपने हाइब्रिड वैरायटी की धान की फसल लगाई है, तो न्यूट्रिएंट का खास तौर से ध्यान रखें, क्योंकि आपके अपनी खेत की स्थिति के अनुसार, अगर खेत की मिट्टी की जांच कराई है, तो उसके हिसाब से आप उसमें पर्याप्त मात्रा मेंफर्टिलाइजर डोज अवश्य डालें.

शहडोल। आदिवासी बाहुल्य इस जिले में खरीफ के सीजन में धान की खेती काफी बड़े रकबों में की जाती है. इस बार यहां समय से पहले मानसून का आगमन हो गया. अच्छी बारिश के कारण किसानों ने खेती भी बड़े उत्साह के साथ शुरू कर दी थी, लेकिन अचानक ही बारिश बंद हो गई. काफी लंबे समय तक बारिश नहीं होने के कारण किसानों में मायूसी छा गई. हालांकि, अब जब धान की नर्सरी बड़ी हो गई है, तब कहीं जाकर एक फिर से बारिश शुरू हो गई है.

नुकसान की संभावना
दरअसल, एक लंबे ब्रेक के बाद बारिश होने से किसानों के खेतों में पानी तो आ गया है, लेकिन अब जब खेतों में मौजूद नर्सरी बड़ी हो चुकी हो, तब रोपाई के दौरान उसके नुकसान की संभावना भी बढ़ गई है. बता दें कि रोपण कार्य में नर्सरी पुरानी होने से फसल के उत्पादन में नुकसान की संभावना बनी रहती है.

जिले में पिछले तीन-चार दिन से झमाझम बारिश हो रही है, जिसके चलते खेत लबालब पानी भर चुके हैं. लंबे वक्त के बाद ही सही बारिश होने के बाद किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं, क्योंकि किसानों के धान की नर्सरी तैयार हो चुकी थी, और उन्हें लंबे समय से बारिश का इंतजार था, लेकिन देरी से बारिश होने के चलते किसानों की नर्सरी पुरानी हो गई जिसने किसानों की चिंता भी बढ़ा दी है.

धान की रोपाई में बरतें ये सावधानी
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ मृगेंद्र सिंह ने बताया कि, जिले में पिछले दो तीन दिनों में अच्छी बारिश हुई है, ऐसे में जिन किसानों के पास सिंचाई का साधन नहीं है और रोपा अधिक दिन का हो गया है, तो वे किसान एक नर्सरी से दूसरी नर्सरी के बीच में 20 सेंटीमीटर की दूरी रखें. इसके साथ ही एक या दो घंटे के दौरान जितना रोपा लगा सकें उतना ही उखाड़ें. हालांकि जो किसान जागरूक हैं वह 10 से 12 दिन के अंदर नर्सरी की रोपाई कर देते हैं.


रोपा लगाने का सही तरीका
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक सिंह ने आगे बताया कि, अगर रोपा ज्यादा लंबे हो गए हैं, तो उसे थोड़ी ऊपर से काट दें, ये ध्यान देने की बात है. दूसरा किसान ये कोशिश करें कि कतार से इसकी ट्रांसप्लांटिंग करें, कतार से इसकी ट्रांसप्लांटिंग करने पर, ये होता है कि बाद में जब खरपतवार आते हैं तो कोनोवीडर आदि चलाने में उनको सहूलियत होती है. नहीं तो हैंड बीडिंग करना पड़ता है या केमिकल दवाइयों का उपयोग करना पड़ता है.

धान रोपाई से संबंधित जानकारी

वीडीसाइड्स डालने का तरीका
उन्होंने आगे बताया कि आज कल दोनों तरह के वीडीसाइड्स बाजार में उपलब्ध हैं. ट्रांसप्लांटिंग के तुरंत बाद वीडीसाइड्स डाल देते हैं, वो सबसे अच्छा तरीका है. अदर वाइज पोस्ट ईमर्जेंस भी आते हैं, की कम से कम 25 दिन के अंदर उसको अगर डाल देते हैं तो काफी वीड कंट्रोल हो जाता है.

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पर्याप्त मात्रा में डालें फर्टिलाइजर
कृषि वैज्ञानिक किसानों को सलाह देते हुए आगे कहते हैं कि अगर आपने हाइब्रिड वैरायटी की धान की फसल लगाई है, तो न्यूट्रिएंट का खास तौर से ध्यान रखें, क्योंकि आपके अपनी खेत की स्थिति के अनुसार, अगर खेत की मिट्टी की जांच कराई है, तो उसके हिसाब से आप उसमें पर्याप्त मात्रा मेंफर्टिलाइजर डोज अवश्य डालें.

Last Updated : Jul 30, 2021, 11:49 AM IST
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