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बिना पुजारी बुलाए आप खुद कर सकते हैं भगवान गणेश की स्थापना, यहां देखें मुहूर्त और विधि - मुहूर्त और विधि

ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने बड़े ही आसानी से समझाया है कि किस तरह से आप गणेश जी की स्थापना अपने घर में आसान विधि से सकते हैं. इसके लिए पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने शुभ मुहूर्त भी बताया है. पढ़िए पूरी खबर..

Ganesh Chaturthi
गणेश मूर्ति की स्थापना
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Published : Aug 22, 2020, 9:38 AM IST

शहडोल। इस कोरोना काल में भी अगर आप विघ्नहर्ता लंबोदर महाराज गणपति भगवान की अपने घर में स्थापना करने जा रहे हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. अगर आप अपने घर में किसी पंडित को नहीं बुला सकते हैं किसी पुजारी को नहीं बुला सकते हैं तो आप खुद ही गणेश भगवान की मूर्ति लाकर घर में स्थापित कर सकते हैं. इसकी विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने विस्तार से बताया है और उन्होंने ये भी बताया है कि किस तरह से आप अपने घर में आसानी से गणेश भगवान की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं और फिर सुबह शाम उनकी पूजा अर्चना कर आरती कर सकते हैं. ऐसा करने से उतना ही फल आपको प्राप्त होगा, जो किसी पंडित या पुजारी के साथ गणेश जी की स्थापना करने से होता है.

देखें मुहूर्त और विधि

क्या है शुभ मुहूर्त ?

ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक गणेश चतुर्थी के दिन मतलब आज शनिवार को सुबह 8:00 से 11:00 के बीच में शुभ मुहूर्त है, जब आप गणेश भगवान की स्थापना अपने घर में कर सकते हैं और अगर आप शाम को गणेश भगवान की स्थापना घर में करना चाह रहे हैं तो सायं कालीन 3:00 बजे से लेकर रात्रि कालीन 9:00 बजे तक विशेष शुभ मुहूर्त है, इन दोनों के बीच में आप अपने घर में विघ्नहर्ता लंबोदर महाराज गणेश जी की स्थापना विधि विधान से कर सकते हैं. यह समय बहुत ही शुभ माना गया है.

Ganesh Chaturthi
बाजारों में गणेष जी की सुंदर मूर्ति

क्या है मूर्ति स्थापना की विधि ?

ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि इस बार कोरोना की वजह से बाहर गणेश की मूर्तियां नहीं रखी जा रही हैं. लोग अपने अपने घरों पर रख रहे हैं. ऐसे में अपने घर में कोई टेबल या फिर किसी पटा में पीला कपड़ा बिछाकर सबसे पहले मूर्ति रखें, इसके बाद कलश स्थापना करें, कलश स्थापना के बाद गणेश जी के मुख से कपड़ा हटाकर उनका मुख देखें, वहां पर धूप, दीप, जल, चंदन, अक्षत, फूल माला, लड्डू, का भोग प्रसाद चढाएं.

Ganesh Chaturthi
गणेश जी की स्थापना

इसके बाद हवन करें और आरती लंबोदर महाराज की आरती उतारें, इस विधि को स्थापना के दिन करें और फिर उसके अगले दिन से दोनों टाइम सुबह और शाम भगवान गणेश की पूजन अर्चना करें. ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं इस तरह से पूजन करने पर भी इसे पूर्ण पूजा माना जाएगा. गणेश जी की पूजन करने से बुद्धि मिलती है, धन मिलता है, सौभाग्य मिलता है, यश कीर्ति मिलती है, वो मंगल दायक है बुद्धि दाता हैं, विघ्नहर्ता है, इसलिए बच्चे लोग उनकी पूजा बहुत करते हैं.

शहडोल। इस कोरोना काल में भी अगर आप विघ्नहर्ता लंबोदर महाराज गणपति भगवान की अपने घर में स्थापना करने जा रहे हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. अगर आप अपने घर में किसी पंडित को नहीं बुला सकते हैं किसी पुजारी को नहीं बुला सकते हैं तो आप खुद ही गणेश भगवान की मूर्ति लाकर घर में स्थापित कर सकते हैं. इसकी विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने विस्तार से बताया है और उन्होंने ये भी बताया है कि किस तरह से आप अपने घर में आसानी से गणेश भगवान की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं और फिर सुबह शाम उनकी पूजा अर्चना कर आरती कर सकते हैं. ऐसा करने से उतना ही फल आपको प्राप्त होगा, जो किसी पंडित या पुजारी के साथ गणेश जी की स्थापना करने से होता है.

देखें मुहूर्त और विधि

क्या है शुभ मुहूर्त ?

ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक गणेश चतुर्थी के दिन मतलब आज शनिवार को सुबह 8:00 से 11:00 के बीच में शुभ मुहूर्त है, जब आप गणेश भगवान की स्थापना अपने घर में कर सकते हैं और अगर आप शाम को गणेश भगवान की स्थापना घर में करना चाह रहे हैं तो सायं कालीन 3:00 बजे से लेकर रात्रि कालीन 9:00 बजे तक विशेष शुभ मुहूर्त है, इन दोनों के बीच में आप अपने घर में विघ्नहर्ता लंबोदर महाराज गणेश जी की स्थापना विधि विधान से कर सकते हैं. यह समय बहुत ही शुभ माना गया है.

Ganesh Chaturthi
बाजारों में गणेष जी की सुंदर मूर्ति

क्या है मूर्ति स्थापना की विधि ?

ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि इस बार कोरोना की वजह से बाहर गणेश की मूर्तियां नहीं रखी जा रही हैं. लोग अपने अपने घरों पर रख रहे हैं. ऐसे में अपने घर में कोई टेबल या फिर किसी पटा में पीला कपड़ा बिछाकर सबसे पहले मूर्ति रखें, इसके बाद कलश स्थापना करें, कलश स्थापना के बाद गणेश जी के मुख से कपड़ा हटाकर उनका मुख देखें, वहां पर धूप, दीप, जल, चंदन, अक्षत, फूल माला, लड्डू, का भोग प्रसाद चढाएं.

Ganesh Chaturthi
गणेश जी की स्थापना

इसके बाद हवन करें और आरती लंबोदर महाराज की आरती उतारें, इस विधि को स्थापना के दिन करें और फिर उसके अगले दिन से दोनों टाइम सुबह और शाम भगवान गणेश की पूजन अर्चना करें. ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं इस तरह से पूजन करने पर भी इसे पूर्ण पूजा माना जाएगा. गणेश जी की पूजन करने से बुद्धि मिलती है, धन मिलता है, सौभाग्य मिलता है, यश कीर्ति मिलती है, वो मंगल दायक है बुद्धि दाता हैं, विघ्नहर्ता है, इसलिए बच्चे लोग उनकी पूजा बहुत करते हैं.

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