शहडोल। कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है, इस बार भी कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारी लोगों ने खूब की है और अभी भी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. कई जगह कृष्ण जन्माष्टमी के लिए झांकियां तैयार की जा रही हैं, तो कई जगह कृष्ण मंदिर में विशेष तैयारी चल रही है, ऐसे में कृष्ण जन्माष्टमी आखिर कब है, इसका विशेष मुहूर्त कब है और जनमाष्टमी के दिन ऐसे कौन से उपाय कर सकते हैं, जिससे जातकों को लाभ होगा.आइए जानते हैं सब-कुछ ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से.
कब मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 7 सितंबर को है, लेकिन कई लोग इसे 6 सितंबर को भी मना रहे हैं. धर्म शास्त्र के अनुसार जो प्रातः कालीन उदया तिथि होती है, ज्योतिष के मुताबिक वही मान्य होता है और इस बार उदया तिथि प्रातः कालीन अष्टमी तिथि 7 सितंबर को है, उसी दिन जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा. जो मटकी फोड़ने की परंपरा वर्षों से इस दिन चली आ रही है, इसका कार्यक्रम भी 7 सितंबर को ही मनाया जाएगा."
जन्माष्टमी में ऐसे करें पूजन: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "कृष्ण जन्माष्टमी के दिन कृष्ण भक्त प्रातः कालीन स्नान करें, भगवान की एक सुंदर झांकी बनाएं और उसे सुंदर सुसज्जित करें. भगवान को पीला वस्त्र और मुकुट पहनाएं और रात्रि के करीब 10 बजे से 10:30 बजे के बीच दूध, दही, गंगा जल, शहद, शक्कर, पंचामृत, मिलाकर के उसमें भगवान को डुबो दें, ठीक जैसे ही रात्रि में 12:00 बजें वैसे ही भगवान कृष्ण को वहां से निकाल करके बढ़िया उनको शुद्ध जल से धो लें. भगवान को अच्छा कपड़ा पहनाऐं, मुकुट पहनायें, माला पहनाएं और भगवान को सिंहासन में बिठा दें. इसके बाद भगवान के सामने पकवान, लड्डू, फल, फूल सजाकर रख दें और श्रीकृष्ण की आरती करें."
जन्माष्टमी के दिन करें ये उपाय: जन्माष्टमी के विशेष दिन को लेकर ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि जन्माष्टमी के दिन जातक कुछ उपाय कर लेते हैं, तो उन्हें लाभ होता है.
- आरती करते समय भगवान की नजर और अपनी नजर मिलाकर रखें, ऐसा करने से जातकों के पास जो भी समस्याएं होती हैं, जो भी दिक्कतें होती हैं या कोई ग्रह दोष रहता है, तो भगवान से नजर से नजर मिलाते ही सारी समस्याओं को भगवान अपनी ओर खींच लेते हैं और वहां आदमी स्वतंत्र रूप से सुख भोग करता है. ऐसा करने से किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आती है.
- वे जातक जो कृष्ण जन्माष्टमी के विशेष दिन जो व्रत करते हैं, व्रत करने के बाद पूजन करते हैं, झांकी सजाते हैं, कीर्तन करते हैं और भगवान की झांकी को सर पर रख करके भक्ति करते हैं, नृत्य करते हैं, उनके करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा चली जाती है और घर में सुख शांति होती है. इस दिन जो भी लोग भगवान के दर्शन करता है, उन्हें सुख-समृद्धि मिलती है और उन्हें कोई भी रोग नहीं होता.