शहडोल। मानव तस्करी (Human Trafficking) करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है, इसके साथ ही आरोपियों के कैद से 19 नाबालिगों को भी छुड़ाया है, जिसमें 18 लड़के और एक लड़की शामिल थी, बस के माध्यम से इन बच्चों को गोपनीय तरीके से ले जाया जा रहा था, बताया जा रहा है, कि यह गिरोह उत्तर प्रदेश के मेरठ का है, जो कुछ दिनों से जिले में सक्रिय था, इस गिरोह पर पुलिस की पहले से नज़र थी, जिसे रंगे हाथों आज पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश
शहडोल पुलिस के मुताबिक के मुताबिक पहले से ही मानव तस्कर गिरोह के सक्रिय रहने की सूचना थी, जो जिले के नाबालिग बच्चों को उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादकों को बेचकर बाल श्रम करवाते थे, उसके बाद उन बच्चों की घर वापसी नहीं हो पाती थी, यह गंभीर समस्या बन गई थी, जिस पर पुलिस अपनी पैनी नजर बनाये हुए थी, उस सक्रिय गिरोह को रंगे हाथ पुलिस पकड़ने के प्रयास में थी.
उत्तर प्रदेश का सक्रिय गैंग कर रहा था तस्करी
पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी, कि उत्तर प्रदेश के मेरठ और हापुर के मानव तस्कर शहडोल जिले में सक्रिय अपने ऐजेंटों के माध्यम से अलग-अलग गांव से गरीब नाबालिग बच्चों को लेकर रवाना होने वाले हैं, मुखबिर से सूचना पर पुलिस ने आरोपियों के हर मूवमेंट पर नजर रखी, जब पता चला कि गिरोह के सदस्य बच्चों को लेकर बस से रवाना हो रहे हैं, तो पुलिस ने तुरंत घेराबंदी करते हुए, उत्तर प्रदेश की बस UP-15-CT-4609 को रोक लिया, और आरोपियों को गिरफ्तार किया, इसके साथ ही नाबालिगों को आजाद कराया.
तीन आरोपी गिरफ्तार
जिस बस को जब्त किया गया है, उसके ड्राइवर सोनू कुमार शर्मा को पुलिस ने तत्काल अपनी गिरफ्त में लिया, आरोपी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के आलमगिरपुर का रहने वाला है, दूसरा ड्राइवर सूरज चंद यूपी के मेरठ (जागृति विहार) का रहने वाला है, इसके साथ ही एजेंट सकील अहमद जिसकी उम्र 29 साल है और यह असोढा गांव का जिला हापुर उत्तर प्रदेश का बताया जा रहा है.
नाबालिगों का सौदा करने वाले गिरोह के आरोपी गिरफ्तार
शहडोल जोन के आईजी जी.जनार्दन के मुताबिक शहडोल जिले में शहडोल पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में यहां पर जयसिंहनगर गोहपारू जनकपुर और पाली जो उमरिया जिले के थाना अंतर्गत अलग अलग ग़ांव से करीब 19 बच्चों को मजदूरी के नाम से यूपी ले जा रहे थे, सूचना के आधार पर तत्काल करवाई करके 19 बच्चों को बरामद किया गया गया है, ये लोग बच्चे को यहां से ले जाकर यूपी में गन्ने के खेत में इन्हें फॉर्म हाउस में बेच देते थे, इसके बाद हमेशा के लिए ये बच्चे घर से छूट जाते हैं, और इनका संपर्क नहीं होता है.
आईजी के मुताबिक: लोकल दलालों के बिना इस प्रकार से इतनी बड़ी मात्रा में बच्चों को ले जाना संभव नहीं है, कुछ फेक नाम से लोगों को इकट्ठा करने की जानकारी मिली है, जिसने भी इस प्रकार से अलग नाम से बच्चों को एकत्रित किया है, हमारी कोशिश है कि इसमें जो लोग भी जुड़े हुए हैं, उस रैकेट में सभी जो स्थानीय लोग हैं, उन सभी की पहचान कर कारवाई करेंगे, 19 बच्चे जो मिले हैं, वो 12 साल से लेकर के 17 साल तक के बच्चे हैं.
कनाडा में भारतीय मूल के तीन व्यक्ति मानव तस्करी में गिरफ्तार
बता दें कि पुलिस की तत्परता के चलते 19 नाबालिग बच्चों को मानव तस्कर गिरोह से बचाया गया है, पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने बताया कि वो बस मालिक सोनू कुमार जो कि तेजगढ़ी जिला मेरठ उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, उनके कहने पर नाबालिग बच्चों को बंधुआ मजदूरी के लिए मेरठ ले जा रहे थे, फिलहाल पुलिस ने चारों आरोपियों के विरुद्ध मानव तस्करी और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कर लिया है, इसके साथ ही पूछताछ की जा रही है, पुलिस को उम्मीद है, कि पूछताछ के बाद कई अन्य खुलासे हो सकते हैं.