शहडोल। पूरे श्रावण मास में शिवालयों में भोलेनाथ के दर्शन के लिए लंबी कतारें तो लगी रहती हैं, लेकिन इस महीने में सोमवार को शिव दर्शन और पूजा-अर्चना का अनूठा ही महत्व है, जिसके लिए भक्त आतुर रहते हैं. आज श्रावण माह का तीसरा सोमवार है, ऐसे में ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानिए कि श्रावण मास के तीसरे सोमवार को किस विधि और किस मुहूर्त में पूजा करने से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाएंगे. कहते हैं श्रावण मास में जो शिव दर्शन कर उनकी पूजा कर लें, भगवान भोलेनाथ उससे प्रसन्न हो जाते हैं और श्रावण में सोमवार के दिन तो शिव दर्शन और शिव पूजा का विशेष महत्व होता है.
ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि श्रावण के हर सोमवार को शिव की पूजा अलग-अलग तरीके से करें तो वो बहुत ही फलदायी होता है. श्रावण के तीसरे सोमवार को पूजा करने के लिए पहले मिट्टी के शिवजी बनाएं और बेलपत्र पर ओम नमः शिवाय लिखकर शिवजी को चढ़ाएं और शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंगों की मिट्टी की मूर्ति बनाकर अलग-अलग थाली में रखें. सभी ज्योतिर्लिंगों की अलग-अलग पूजा करें. पूजन करने के बाद बेल पत्र, फूल, धतूर, मदार ये सब चढ़ाएं. उसके बाद चना दाल और चावल चढ़ाए. फिर ओम नमः शिवाय का जाप करें, जिससे इस पूजा का पूरा फल मिलता है.
शुभकारी है ये पूजा
ये पूजा सभी 12 राशि वाले जातकों को करना चाहिए. इस पूजा को बहुत ही शुभ माना जाता है क्योंकि इसमें 12 ज्योतिर्लिंग की पूजा होती है तो कोई भी राशि वाले जातक श्रावण के तीसरे सोमवार को इस विधि से अगर भगवान शिव की पूजा करते हैं तो घर में आरोग्यता रहती है, खुशियां छाई रहती हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है. साथ ही भोलेनाथ से जो भी मांगों वो मिलता है.
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ज्योतिषाचार्य ने बताया कि श्रावण के तीसरे सोमवार को दिन में 11 बजे से लेकर 2 बजे तक बहुत ही शुभ मुहूर्त है, इसलिए दोपहर में पूजन करें, जिससे इसका विशेष फल भी मिलता है.