शहडोल। लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद हर पार्टी में टिकट के दावेदारों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है. सभी नेता अपने-अपने लोकसभा सीट से दावेदारी ठोक रहे हैं. ऐसे में शहडोल में भी उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है.
दरअसल शहडोल लोकसभा सीट आदिवासी सीट जहां पिछले एक दो दिन में ऐसे उलटफेर देखने को मिले हैं, जिससे यहां की राजनीतिक फिजा तो गरमा ही गई है साथ ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टी में टिकट के दावेदारों में इन दोनों महिला नेताओं की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है.
शहडोल लोकसभा सीट से प्रमिला सिंह जहां कांग्रेस से अब टिकट की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं, वहीं बुधवार को कांग्रेस को छोड़ बीजेपी में शामिल हुई हिमाद्री सिंह की दावेदारी बीजेपी से अब मजबूत मानी जा रही है. दिलचस्प तो ये है कि कल तक ये दोनों महिला नेता कांग्रेस पार्टी से ही टिकट के लिए दावेदारी कर रहीं थीं और टिकट के लिए इन दोनों महिला नेताओं के बीच कड़ी टक्कर भी थी. लेकिन अब एक कांग्रेस से टिकट की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं तो दूसरी बीजेपी से टिकट की प्रबल दावेदार मानी जा रही है.
हिमाद्री के बीजेपी में जाने से बदले समीकरण
बीते बुधवार को हिमाद्री सिंह कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गईं. चुनाव के एन मौके पर बीजेपी में चले जाने से शहडोल लोकसभा सीट में राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं. इस सीट से हिमाद्री की दावेदारी मजबूत मानी जाने लगी है.
बदले समीकरण से प्रमिला का दावा मज़बूत
हिमाद्री सिंह जब कांग्रेस में थीं तो प्रमिला सिंह के साथ ही इन्हें भी टिकट की दौड़ में आगे माना जा रहा था, लेकिन अब जब हिमाद्री ने बीजेपी की सदस्यता ले ली और टिकट के दावेदारों में शामिल हो गईं तो कांग्रेस से प्रमिला सिंह की दावेदारी अब और मजबूत मानी जा रही है.
दिलचस्प है दोनों का राजनीतिक जीवन
प्रमिला सिंह जहां शहडोल के जयसिंहनगर विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक रह चुकी हैं, प्रमिला 2018 में विधानसभा चुनाव में फिर से टिकट न मिलने के चलते नाराजगी की वजह से कांग्रेस में चली गईं. वहीं हिमाद्री सिंह शहडोल में 2016 में हुए लोकसभा के उपचुनाव में कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ चुकी हैं जहां उन्हें बीजेपी के ज्ञान सिंह से हार का सामना करना पड़ा था.
बदले राजनीतिक समीकरण पर क्षेत्र के नेताओं की राय
शहडोल के वरिष्ठ बीजेपी नेता कैलाश तिवारी ने हिमाद्रि के बीजेपी पार्टी में शामिल होने पर कहा की अब पाठ का पूरा इलाका जो पुष्पराजगढ़ बेल्ट है वहां पार्टी को मजबूती मिलेगी. वहां जो थोड़ा बहुत बीजेपी का वोट बैंक कमजोर पड़ता था हिमाद्री के बीजेपी पार्टी ज्वाइन करने से अब वहां फायदा मिलेगा.
वहीं कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सुभाष गुप्ता ने कहा हिमाद्री सिंह के किसी भी पार्टी में आने जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. ये तो 2018 विधानसभा चुनाव से दिख रहा था जिस तरह से उन्होंने उस समय के मुख्यमंत्री के साथ मंच शेयर किया, बीजेपी का प्रचार-प्रसार किया वो तो एक तरह से उसी समय से बीजेपी में चली गई थीं. कांग्रेस पार्टी से इनके जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता.