शहडोल। आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं. इस दिन गुरु की पूजा की जाती है. देशभर में 13 जुलाई को आषाढ़-गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी. सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि के दिन गंगा स्नान व दान बेहद शुभ फलकारी माना जाता है. इस पर्व का एक अलग महत्व और विशेष शुभ अवसर होता है. अलग अलग राशि के जातक अपने गुरु की अलग-अलग तरीके से पूजन करके उन्हें कैसे सुख समृद्धि और सौभाग्य को प्राप्त कर सकते हैं, गुरु पूर्णिमा क्यों विशेष होता और कैसे अलग-अलग राशि के जातक इस विशेष शुभ अवसर का लाभ ले सकते हैं. इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने यहां बताया है.
गुरुपूर्णिमा शुभ मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक बुधवार को सुबह 8:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक शुभ मुहूर्त है. 13 जुलाई बुधवार के दिन जो दीक्षा लिए हुए हैं, ऐसे जातक और जो दीक्षा नहीं लिए हुए हैं ऐसे जातक सभी लोग सुबह उठकर प्रातः कालीन स्नान करें. फिर गुरुजी के चरणों को धोएं और चरणामृत लें, फूल माला पहनाएं, कुछ भोग लगाएं और आरती करें. इसके बाद उनके पास बैठकर के गुरु के चरणों का ध्यान करें. जो दीक्षा लिए हुए लोग हैं वे ऐसा करें, और जिन्होंने दीक्षा नहीं ली है, वह किसी भी गुरु की प्रतिमा रख कर के नारियल लें, वहां फूल माला चढ़ाएं, भोग लगाएं आरती करें. इसके बाद प्रसाद सभी लोगों को बांटे. इस तरह करने से सभी जातकों को पूर्ण लाभ मिलता है, क्योंकि गुरु पूर्णिमा वर्ष में एक बार ही आती है, और यह सभी त्योहारों का राजा माना गया है, क्योंकि नवाग्रह होते हैं और उन ग्रहों में गुरु ग्रह होता है तो सभी ग्रहों का राजा गुरु होता है. गुरु सर्वोच्च पद माना गया है क्योंकि बिना गुरु के ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती है.
मेष राशि: जो मेष राशि के जातक हैं, ऐसे जातक गुरु वंदन करके लाल पुष्प या लाल माला लेकर के अपने गुरु को पहनाएं. इससे उनके घर में शांति बनेगी और सुख समृद्धि आएगी.
वृष राशि: जो वृष राशि के जातक हैं ऐसे जातकों को चाहिए कि सफेद पुष्प माला बनाकर गुरु के चरणों को धोएं, चरणामृत लें और उनके निकट बैठकर ज्ञान की प्राप्ति करें. ऐसा करने से उनके घर में सुख समृद्धि और शांति मिलेगी.
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मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातकों को चाहिए कि हरा कपड़ा या हरे रंग का घास या हरे रंग का कोई भी पदार्थ उनके चरणों के पास रख कर के चरणों का ध्यान करें. उनके ऊपर किसी भी ग्रह की अगर दृष्टि है तो उस दृष्टि से शांति मिलती है. घर में सुख समृद्धि बनती है.
कर्क राशि: कर्क राशि वाले जो जातक हैं वह भी गुरु के पास जाकर सफेद फूल का माला बनाकर या सफेद कपड़ा से ढक करके गुरु के चरणों का ध्यान करें. उनसे आशीर्वाद लें, तो उनके भी घर में सुख-शांति, बरकत व्यापार व्यवसाय में उन्नति होगी.
सिंह राशि: जो सिंह राशि वाले जातक हैं ऐसे जातक गुरुजी के पास जाकर एक लाल और एक सफेद माला बनाकर चढ़ाए. हो सके तो 108 फूलों का माला बनाकर गुरुजी के गले में डालें. चरणों के पास बैठकर चरणों में हाथ रखकर उनको प्रणाम करें. ऐसा करने से उनके घर में बरकत होती है. अच्छी प्रेरणा मिलती है, आधी व्याधि में शांति होती है. नए कार्य करें तो उस में प्रगति होगी और सुख शांति बनेगी.
कन्या राशि: जो कन्या राशि वाले हैं ऐसे जातकों को चाहिए गुरुजी के पास जाकर फूल माला पहनाएं. लड्डू या घर में कोई भी पदार्थ जैसे जलेबी या मालपुआ है ऐसा भोग ले जाकर उनके चरणों के पास समर्पित करें. प्रार्थना करें आरती करें, ऐसा करने से उनके ऊपर अगर क्रूर ग्रहों की दृष्टि है तो गुरु कृपा बरसती है. ग्रहों की शांति मिलती है. घर में बरकत होती है.
तुला राशि: जो तुला राशि वाले जातक हैं ऐसे जातक लाल पुष्प का माला पहनाकर गुरु के निकट जाकर वहां पर गुरु के चरणों को धोएं. उनका स्वागत करें आरती करें. लाल माला पहना दें. ऐसा करने से उनके घर में जैसे पुष्प खिलता है, वैसे ही उसी तरह से उनका घर परिवार खिलेगा. सुख शांति बनेगी और बरकत होगी.
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि वाले जितने भी जातक हैं, उनको चाहिए लाल वस्त्र लेकर गुरु के कंधे में डालें कोई भी रंग का माला पहनाएं. चरणों को धोएं. चरणामृत लें, ऐसा करने से वृश्चिक राशि वालों में अगर किसी ग्रह की क्रूर दृष्टि पड़ रही है उससे शांति मिलती है. कृपा बरसती है.
धनु राशि: धनु राशि वालों के लिए शुभ अवसर है. क्योंकि इसमें उतरती शनि की साढ़ेसाती चल रही है. ऐसे जातकों को चाहिए कि गुरुजी के पास जाकर पहले चरण धोएं. इसके बाद हाथ जोड़ करके उनको जल से छिड़कें, माला पहनाएं, और चरण दबाएं. ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती के प्रकोप से शांति मिलती है. शनि की दृष्टि नहीं पड़ती है और घर में शांति मिलती है. कोई भी कार्य करें उसमें उन्हें उन्नति मिलती है. लाभ ही लाभ होता है.
मकर राशि: जो मकर राशि वाले हैं ऐसे जातकों के लिए भी सुनहरा अवसर है. गुरु जी के पास जाकर उनका स्वागत करें. वंदन करें पूजन करें इसके बाद आरती करें. किसी भी रंग का फूल माला पहनाकर आरती पूजन करें. आशीर्वाद ले तो उनके ऊपर भी जो शनि की साढ़ेसाती चल रही है उसपर शनि की दृष्टि नहीं पड़ेगी. शनि वहां क्रूर दृष्टि ना डाल कर वहां से दूर रहेंगे. घर में शांति बनेगी. पूरा परिवार हंसमुख और खिला-खिला रहेगा.
कुम्भ राशि: कुंभ राशि के जातक जितने भी हैं. ऐसे जातकों को चाहिए कि रंग बिरंगे फूलों को लाकर पहले माला बनाएं. गुरु जी के पास जाकर उनके चरणों को धोएं. वहीं माला पहना दें. एक नारियल भेंट करें या चावल छोड़ दें और प्रार्थना करें. प्रार्थना करने से जो भी आपसे जाने अनजाने में पाप हो गया है, वह नष्ट होता है और घर में शांति मिलती है. व्यापार व्यवसाय में उन्नति होती है.
मीन राशि: मीन राशि वाले जो जातक हैं, उनके लिए सुनहरा अवसर है. मीन राशि का स्वामी गुरु है और गुरु पूर्णिमा भी है. यानी दोनों का एक साथ सहयोग मिलता है. यदि ऐसे जातक गुरु की पूजन करें, फूल माला पहनाएं वंदन करें तो उनके घर में सुख शांति होती है. सुख सौभाग्य मिलती है और विद्या प्राप्त होता है. धन की प्राप्ति होती है और घर हमेशा सौभाग्य युक्त रहता है.