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Sickle Cell आदिवासी क्षेत्र की जानलेवा बीमारी! युवा पीढ़ी को खोखला कर रही नशे की लत- राज्यपाल - दुर्व्यसन रोकने के लिए जागरूकता की जरूरत

आदिवासी क्षेत्रों में सिकल सेल बीमारी बड़ी समस्या (sickle cell disease awareness camp in tribal areas) है, जोकि खून की कमी से होता है. इस बीमारी में हीमोग्लोबीन का स्तर गिरता जाता है, कई बार ये बीमारी कुपोषण में भी बदल जाती है.

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Published : Dec 18, 2021, 12:42 PM IST

शहडोल। मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल शहडोल जिले के दो दिवसीय दौरे पर हैं, जहां उन्होंने शुक्रवार की शाम स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों के साथ समीक्षा बैठक की, उन्होंने चिकित्सकों को सिकल सेल (एनीमिया) को लेकर कई निर्देश (sickle cell disease awareness camp in tribal areas) भी दिए हैं. राज्यपाल ने कहा कि सिकल सेल एक जान लेवा बीमारी है, यह बीमारी आदिवासी क्षेत्रों में और आदिवासी समाज में काफी व्याप्त है. इससे पहले राज्यपाल ने ही सिकल सेल पीड़ित जोड़े के बच्चे पैदा नहीं करने की सलाह दी थी और गलती से गर्भ ठहर भी जाए तो गर्भपात कराने की सलाह दी थी.

सिकलसेल उपचार शिविर का हुआ शुभारंभ, हजारों मरीजों को मिलेगा उपचार

सिकल सेल के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सघन अभियान चलाएं. शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं तक सिकल सेल के कारण-लक्षण और बचाव की जानकारी पहुंचाए, इस संबंध में संदेश दिया जाना चाहिए और सिकल सेल की समुचित जांच होनी चाहिए, इस रोग से पीड़ित लोगों को चिकित्सालयों के माध्यम से समुचित उपचार मिलना चाहिए. सिकल सेल से पीड़ित लोगों की सेवा करना उनको उपचार मुहैया कराना एक पुनीत और पवित्र कार्य है, इसमें समाजसेवियों की भी भागीदारी होनी चाहिए.

Mangubhai Patel advised for sickle cell disease awareness program organized in tribal areas
युवा पीढ़ी को खोखला कर रही नशे की लत

नशे को लेकर राज्यपाल ने कही ये बात

बैठक में राज्यपाल ने शराब, गांजा और तम्बाकू के सेवन जैसे दुर्व्यसनों को समाज से समाप्त करने के लिए सघन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए और कहा कि इस कार्य में समाजसेवियों और समाज से जुडे़ धर्म गुरूओं का सहयोग लिया जाए. शराब-गांजा जैसे दुर्व्यसन युवा पीढ़ी को खोखला बना रहे हैं, इस बुराई को दूर करने के लिए सभी को संकल्पित होकर कार्य करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि शराब जैसे दुर्व्यसनों को रोकने के लिए विभिन्न प्रचार माध्यमों का भी उपयोग सुनिश्चित किया जाए तथा लोगों को जागरूक किया जाए.

शहडोल। मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल शहडोल जिले के दो दिवसीय दौरे पर हैं, जहां उन्होंने शुक्रवार की शाम स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों के साथ समीक्षा बैठक की, उन्होंने चिकित्सकों को सिकल सेल (एनीमिया) को लेकर कई निर्देश (sickle cell disease awareness camp in tribal areas) भी दिए हैं. राज्यपाल ने कहा कि सिकल सेल एक जान लेवा बीमारी है, यह बीमारी आदिवासी क्षेत्रों में और आदिवासी समाज में काफी व्याप्त है. इससे पहले राज्यपाल ने ही सिकल सेल पीड़ित जोड़े के बच्चे पैदा नहीं करने की सलाह दी थी और गलती से गर्भ ठहर भी जाए तो गर्भपात कराने की सलाह दी थी.

सिकलसेल उपचार शिविर का हुआ शुभारंभ, हजारों मरीजों को मिलेगा उपचार

सिकल सेल के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सघन अभियान चलाएं. शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं तक सिकल सेल के कारण-लक्षण और बचाव की जानकारी पहुंचाए, इस संबंध में संदेश दिया जाना चाहिए और सिकल सेल की समुचित जांच होनी चाहिए, इस रोग से पीड़ित लोगों को चिकित्सालयों के माध्यम से समुचित उपचार मिलना चाहिए. सिकल सेल से पीड़ित लोगों की सेवा करना उनको उपचार मुहैया कराना एक पुनीत और पवित्र कार्य है, इसमें समाजसेवियों की भी भागीदारी होनी चाहिए.

Mangubhai Patel advised for sickle cell disease awareness program organized in tribal areas
युवा पीढ़ी को खोखला कर रही नशे की लत

नशे को लेकर राज्यपाल ने कही ये बात

बैठक में राज्यपाल ने शराब, गांजा और तम्बाकू के सेवन जैसे दुर्व्यसनों को समाज से समाप्त करने के लिए सघन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए और कहा कि इस कार्य में समाजसेवियों और समाज से जुडे़ धर्म गुरूओं का सहयोग लिया जाए. शराब-गांजा जैसे दुर्व्यसन युवा पीढ़ी को खोखला बना रहे हैं, इस बुराई को दूर करने के लिए सभी को संकल्पित होकर कार्य करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि शराब जैसे दुर्व्यसनों को रोकने के लिए विभिन्न प्रचार माध्यमों का भी उपयोग सुनिश्चित किया जाए तथा लोगों को जागरूक किया जाए.

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