ETV Bharat / state

शहडोल जिला अस्पताल के तीन डॉक्टरों पर FIR - एडिशनल एसपी मुकेश वैश्य

शहडोल जिला अस्पताल के बहुचर्चित सुधा गुप्ता व नवजात की मौत मामले में करीब 14 माह बाद कोतवाली थाने में तीन (डॉ क्षितिजा मणि, डॉ रीना गौतम व डॉ डीके सिंह) डॉक्टरों के विरुद्ध धारा 304 ए 34 ताहि का प्रकरण दर्ज कर लिया गया है.

FIR on three doctors of Shahdol District Hospital
शहडोल जिला अस्पताल
author img

By

Published : Jan 4, 2021, 9:56 PM IST

शहडोल। जिला चिकित्सालय के 3 डॉक्टरों पर अब कोतवाली थाने की पुलिस ने FIR दर्ज की है. नगर के बहुचर्चित सुधा गुप्ता व नवजात की मौत मामले में ये एफआईआर दर्ज की गई है. करीब 14 माह बाद आई जांच रिपोर्ट के बाद कोतवाली थाने की पुलिस ने लापरवाही बरतने वाले शहडोल जिला जिला अस्पताल के इन तीन डॉक्टरों पर प्रकरण दर्ज कर लिया गया है.

शहडोल जिला अस्पताल के तीन डॉक्टरों पर FIR

इनपर दर्ज हुई FIR

इस मामले की जांच मेडिकल कॉलेज रीवा की विशेषज्ञ टीम से कराई गई थी. बता दें सुधा गुप्ता जो कि 24 वर्ष की थीं, जिनकी मौत 22 अक्टूबर 2019 की रात जिला चिकित्सालय में हुई थी. इसके 3 दिन बाद नवजात ने भी दम तोड़ दिया था. दोनों की मौत में लापरवाही के आरोप लगाते हुए परिजनों आंदोलन किया था.

मामले की मजिस्ट्रियल जांच भी हुई थी और शहडोल जिला अस्पताल में लापरवाही सामने आई थी जिसके बाद में डॉक्टर डीके सिंह और रीना गौतम को निलंबित किया गया था, जो कुछ महीने पहले ही बहाल हुए थे

प्रसूता की मौत के बाद मचा था हड़कंप

खैरहा गांव की रहने वाली गर्भवती सुधा गुप्ता की मौत 22 अक्टूबर 2019 की रात हुई थी, जिसके बाद परिजनों ने डाक्टर और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया था, और जमकर हंगामा किया था. इतना ही नहीं लिखित शिकायत में परिजनों ने आरोपित किया था कि प्रसूता के भर्ती होने के बाद से लेकर अंतिम समय तक वार्ड में गंभीर लापरवाही बरती गई. असहनीय दर्द होने पर स्टाफ नर्स को बार बार बुलाया जाता रहा लेकिन नहीं आई.

परिजनों ने कहा था कि सीजर कर दीजिए लेकिन डॉक्टर नॉर्मल बताते रहे तीन डॉक्टर्स को कॉल किया गया पर कोई नहीं आया, जब डॉक्टर्स वहां पहुंचे भी तो प्रसूता को बेहोशी का इंजेक्शन लगा कर चले गए इस बीच बच्चा फस गया रक्त स्राव होने लगा इसके बाद भी किसी ने ध्यान नहीं दिया और प्रसूता की मौत हो गई.

प्रसूता की मौत के बाद हुए थे आंदोलन

प्रसूता के बाद नवजात की हालत भी गंभीर रही एसएनसीयू में भर्ती होने के बाद जबलपुर के लिए उसे रेफर किया गया, लेकिन वहां मृत घोषित कर दिया गया, जिसके बाद लोगों का आक्रोश और भड़क गया. व्यापारी संघ के अलावा सर्व समाज के लोगों ने भी कैंडल मार्च निकाला धरना प्रदर्शन किया जनवरी में जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करने पहुंचे तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री को भी परिजनों ने ज्ञापन सौंपा था.

प्रारंभिक जांच में चिकित्सकीय लापरवाही सामने आने और दोषियों पर कार्रवाई को लेकर लगातार बढ़ते दबाव के चलते प्रशासन ने दो चिकित्सकों को डॉक्टर डीके सिंह और डॉक्टर रीना गौतम को निलंबित भी कर दिया था. करीब 6 महीने पहले ही दोनों बहाल हुए हैं स्थानीय स्तर पर जांच में किसी प्रकार का नतीजा नहीं निकलने पर मेडिकल कॉलेज रीवा की टीम को जांच की जिम्मेदारी दी गई थी.

कोतवाली थाने में दर्ज हुआ मामला

एडिशनल एसपी मुकेश वैश्य के मुताबिक मामले में जिला स्तरीय कमेटी और मजिस्ट्रियल जांच हुई इसमें भी लापरवाही सामने आई थी. वह रिपोर्ट भी पुलिस को मिली है पुलिस ने जांच के पश्चात इस मामले में तीन डॉक्टर्स के खिलाफ कायमी की है. कोतवाली पुलिस इसकी विवेचना कर रही है विवेचना के बाद ही इस में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.

शहडोल। जिला चिकित्सालय के 3 डॉक्टरों पर अब कोतवाली थाने की पुलिस ने FIR दर्ज की है. नगर के बहुचर्चित सुधा गुप्ता व नवजात की मौत मामले में ये एफआईआर दर्ज की गई है. करीब 14 माह बाद आई जांच रिपोर्ट के बाद कोतवाली थाने की पुलिस ने लापरवाही बरतने वाले शहडोल जिला जिला अस्पताल के इन तीन डॉक्टरों पर प्रकरण दर्ज कर लिया गया है.

शहडोल जिला अस्पताल के तीन डॉक्टरों पर FIR

इनपर दर्ज हुई FIR

इस मामले की जांच मेडिकल कॉलेज रीवा की विशेषज्ञ टीम से कराई गई थी. बता दें सुधा गुप्ता जो कि 24 वर्ष की थीं, जिनकी मौत 22 अक्टूबर 2019 की रात जिला चिकित्सालय में हुई थी. इसके 3 दिन बाद नवजात ने भी दम तोड़ दिया था. दोनों की मौत में लापरवाही के आरोप लगाते हुए परिजनों आंदोलन किया था.

मामले की मजिस्ट्रियल जांच भी हुई थी और शहडोल जिला अस्पताल में लापरवाही सामने आई थी जिसके बाद में डॉक्टर डीके सिंह और रीना गौतम को निलंबित किया गया था, जो कुछ महीने पहले ही बहाल हुए थे

प्रसूता की मौत के बाद मचा था हड़कंप

खैरहा गांव की रहने वाली गर्भवती सुधा गुप्ता की मौत 22 अक्टूबर 2019 की रात हुई थी, जिसके बाद परिजनों ने डाक्टर और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया था, और जमकर हंगामा किया था. इतना ही नहीं लिखित शिकायत में परिजनों ने आरोपित किया था कि प्रसूता के भर्ती होने के बाद से लेकर अंतिम समय तक वार्ड में गंभीर लापरवाही बरती गई. असहनीय दर्द होने पर स्टाफ नर्स को बार बार बुलाया जाता रहा लेकिन नहीं आई.

परिजनों ने कहा था कि सीजर कर दीजिए लेकिन डॉक्टर नॉर्मल बताते रहे तीन डॉक्टर्स को कॉल किया गया पर कोई नहीं आया, जब डॉक्टर्स वहां पहुंचे भी तो प्रसूता को बेहोशी का इंजेक्शन लगा कर चले गए इस बीच बच्चा फस गया रक्त स्राव होने लगा इसके बाद भी किसी ने ध्यान नहीं दिया और प्रसूता की मौत हो गई.

प्रसूता की मौत के बाद हुए थे आंदोलन

प्रसूता के बाद नवजात की हालत भी गंभीर रही एसएनसीयू में भर्ती होने के बाद जबलपुर के लिए उसे रेफर किया गया, लेकिन वहां मृत घोषित कर दिया गया, जिसके बाद लोगों का आक्रोश और भड़क गया. व्यापारी संघ के अलावा सर्व समाज के लोगों ने भी कैंडल मार्च निकाला धरना प्रदर्शन किया जनवरी में जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करने पहुंचे तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री को भी परिजनों ने ज्ञापन सौंपा था.

प्रारंभिक जांच में चिकित्सकीय लापरवाही सामने आने और दोषियों पर कार्रवाई को लेकर लगातार बढ़ते दबाव के चलते प्रशासन ने दो चिकित्सकों को डॉक्टर डीके सिंह और डॉक्टर रीना गौतम को निलंबित भी कर दिया था. करीब 6 महीने पहले ही दोनों बहाल हुए हैं स्थानीय स्तर पर जांच में किसी प्रकार का नतीजा नहीं निकलने पर मेडिकल कॉलेज रीवा की टीम को जांच की जिम्मेदारी दी गई थी.

कोतवाली थाने में दर्ज हुआ मामला

एडिशनल एसपी मुकेश वैश्य के मुताबिक मामले में जिला स्तरीय कमेटी और मजिस्ट्रियल जांच हुई इसमें भी लापरवाही सामने आई थी. वह रिपोर्ट भी पुलिस को मिली है पुलिस ने जांच के पश्चात इस मामले में तीन डॉक्टर्स के खिलाफ कायमी की है. कोतवाली पुलिस इसकी विवेचना कर रही है विवेचना के बाद ही इस में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.