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कई मांगों के साथ किसानों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

अतिवृष्टि से नष्ट हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने कमलनाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

Farmers protest demonstration
किसानों ने किया धरना प्रदर्शन
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Published : Nov 30, 2019, 10:17 PM IST

शहडोल। अपनी मांगों को लेकर किसानों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया है. फिर कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा. किसान संगठनों ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि अगर जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती तो वह उग्र आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे.

किसानों ने किया धरना प्रदर्शन

इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

किसान अतिवृष्टि से हुए बर्बाद हुई फसलों की राहत राशि मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस बार तेज बारिश से सोयाबीन, उड़द, तिल और अन्य फसलें पूरी तरह चौपट हो गई थीं, जिससे उनका बजट बिगड़ गया है. लिहाजा दूसरे सीजन की फसल के लिए उनके पास पैसा नहीं है, ऐसे में उन्होंने मांग की है कि जल्द ही उन्हें राहत राशि दी जाए.

गरीबी रेखा की बाध्यता खत्म करने की मांग

कर्जमाफी पूरा करने की मांग भी किसान संगठनों ने की है. साथ ही कहा कि वन्य पशुओं से फसलों का भारी नुकसान हुआ है. इसके लिए वन, राजस्व विभाग के जिलाधिकारी के साथ ही किसान प्रतिनिधियों की बैठक कराकर इस समस्या का समाधान निकाला जाए. किसानों ने बीज उत्पादक किसानों को 265 रुपए प्रति क्विंटल बोनस और वृद्धावस्था पेंशन योजना में गरीबी रेखा की बाध्यता समाप्त करने की मांग की है. साथ ही शहडोल में एक कृषि महाविद्यालय की स्थापना करने को कहा है.

इन संगठनों ने किया प्रदर्शन

भारतीय किसान संघ, किसान परिवार कल्याण संगठन, राष्ट्रीय किसान संगठन, और किसान एकता संघ ने एक साथ मिलकर प्रदर्शन किया, इस दौरान कई किसान अपनी कई मांगों के साथ मौजूद रहे.

शहडोल। अपनी मांगों को लेकर किसानों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया है. फिर कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा. किसान संगठनों ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि अगर जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती तो वह उग्र आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे.

किसानों ने किया धरना प्रदर्शन

इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

किसान अतिवृष्टि से हुए बर्बाद हुई फसलों की राहत राशि मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस बार तेज बारिश से सोयाबीन, उड़द, तिल और अन्य फसलें पूरी तरह चौपट हो गई थीं, जिससे उनका बजट बिगड़ गया है. लिहाजा दूसरे सीजन की फसल के लिए उनके पास पैसा नहीं है, ऐसे में उन्होंने मांग की है कि जल्द ही उन्हें राहत राशि दी जाए.

गरीबी रेखा की बाध्यता खत्म करने की मांग

कर्जमाफी पूरा करने की मांग भी किसान संगठनों ने की है. साथ ही कहा कि वन्य पशुओं से फसलों का भारी नुकसान हुआ है. इसके लिए वन, राजस्व विभाग के जिलाधिकारी के साथ ही किसान प्रतिनिधियों की बैठक कराकर इस समस्या का समाधान निकाला जाए. किसानों ने बीज उत्पादक किसानों को 265 रुपए प्रति क्विंटल बोनस और वृद्धावस्था पेंशन योजना में गरीबी रेखा की बाध्यता समाप्त करने की मांग की है. साथ ही शहडोल में एक कृषि महाविद्यालय की स्थापना करने को कहा है.

इन संगठनों ने किया प्रदर्शन

भारतीय किसान संघ, किसान परिवार कल्याण संगठन, राष्ट्रीय किसान संगठन, और किसान एकता संघ ने एक साथ मिलकर प्रदर्शन किया, इस दौरान कई किसान अपनी कई मांगों के साथ मौजूद रहे.

Intro:note_ mp_sha_01_kisan_pradarshan_byte_7203529 इस स्लग में तीन वर्जन है पहला वर्जन भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह का है, दूसरा वर्जन किसान एकता संघ के युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मध्यप्रदेश प्रभारी अनिल शर्मा का है तीसरा वर्जन किसान परिवार कल्याण संगठन के महामंत्री सत्यकुमार का है।


किसानों ने किया प्रदर्शन, चेतावनी देते हुए बोले अगर 15 दिन में नहीं मानी गई मांग, तो फिर होगा उग्र प्रदर्शन

शहडोल- आज शहडोल जिला मुख्यालय में जिला कलेक्टरेट के सामने किसान अपनी कई मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौंपा, इस दौरान जिले भर के चार किसान संगठन एक साथ संयुक्त रूप से किसानों की कई मांगों को लेकर प्रदर्शन किया, साथ ही चेतावनी भी दी और 15 दिन का समय भी दिया है और कहा है कि अगर उनकी मांगों को इतने दिन में नहीं माना गया तो फिर उग्र आंदोलन होगा।



एक मंच में धरना प्रदर्शन करने मैदान में उतरे, इस दौरान जिले भर के चार


Body:किसानों ने किया प्रदर्शन

आज जिला कलेक्टरेट के सामने जिले भर के चार किसान संगठन भारतीय किसान संघ, किसान परिवार कल्याण संगठन, राष्ट्रीय किसान संगठन, और किसान एकता संघ ने एक साथ मिलकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कई किसान भी अपनी कई मांगों के साथ मौजूद रहे।

15 दिन का अल्टीमेटम

किसानों ने आज प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौंपा और प्रशासन को 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी भी दी है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो फिर उग्र आंदोलन होगा और इसकी पूरी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।




Conclusion:इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

किसानों ने ये धरना प्रदर्शन अपनी कई मांगों को लेकर किया जिसमें असामयिक और अतिवृष्टि से फसलों का जो नुकसान हुआ सोयाबीन, उड़द, तिल, और अन्य फसलों का मुआवजा राहत राशि किसानों को दी जाए।

वन्य पशुओं विशेषकर जंगली सुअर जो फसलों का नुकसान कर रहे हैं उसके लिए वन, राजस्व विभाग के जिलाधिकारी के साथ ही किसान प्रतिनिधियों की बैठक कराकर इस समस्या का समाधान निकाला जाए।

आधी अधूरी कर्जमाफी को जल्द पूरा किया जाए, पिछले साल सियाबीन एवं मक्का पर 500 एवं गेंहू पर 160 का बोनस।

बीज उत्पादक किसानों को 265 रुपए प्रति क्विंटल बोनस। वृद्धावस्था पेंशन योजना में गरीबी रेखा की बाध्यता समाप्त हो। शहडोल संभागीय मुख्यालय में कृषि महाविद्यालय की स्थापना। इसके अलावा भी कई और मांगों को लेकर किसानों ने धरना प्रदर्शन किया।
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