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जिले में हो रही हर दिन बारिश, जानिए इसका फसलों पर क्या होगा असर

शहडोल में देर से आए मानसून को कृषि वैज्ञानिक ने सही बताया है. वैज्ञानिक का कहना है कि जो पहले धान के फसलों का रोपण कार्य कर चुके हैं, उनके लिए भी ये पानी फायदेमंद है

बारिश का फसलों पर असर
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Published : Sep 10, 2019, 9:23 PM IST

शहडोल। जिले में इन दिनों हर दिन बारिश हो रही है. भले ही जिले में बारिश देरी से आई हो, लेकिन अब तक हुई बारिश ने लोगों को राहत पहुंचाई है. किसानों ने देर से ही सही लेकिन अपने धान की फसलों की रोपाई कर ली है.

बारिश का फसलों पर असर

इन समय सभी के खेतों में बस पानी ही नज़र आ रहा है. धान के फसलों का रोपण कार्य देर से ही लेकिन हो चुका है. सोयाबीन की फसलों में फूल का समय है. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह के मुताबिक मानसून देर से आया, लेकिन दुरुस्त आया है. अब तक करीब 800 एमएम बारिश क्षेत्र में हो चुकी है.

कृषि वैज्ञनिक का कहना है कि जो पहले धान के फसलों का रोपण कार्य कर चुके हैं, उनके लिए भी ये पानी फायदेमंद है. जिन्होंने देरी से रोपण कार्य किये हैं, उनके लिए भी फायदेमंद है. बता दें यहां सबसे बड़ा रकबा धान का ही है. डॉक्टर मृगेंद्र सिंह का कहना है कि इस बार जिले में शुरुआत में कम बारिश हुई, जिसकी वजह से दलहनी और तिलहन की फसल शानदार है.

ऐसे करें बचाव
वहीं इस तरह के हर दिन के पानी से बचाव की बात करें तो धान के फसलों को तो पानी से ज्यादा दिक्कत नहीं है, लेकिन दलहनी और तिलहन की फसलें जिसमें फूल आ गया है, उनमें थोड़ी बहुत दिक्कत जरूर है. कृषि वैज्ञानिक के मुताबिक अगर दलहनी, तिलहन की फसलों में जलभराव की स्थिति है, तो उसे फसल से निकालें, फसल में पानी जमा न होने दें, ये फसल के लिए नुकसानदायक होगा. इसके अलावा हर दिन अपनी फसलों की सतत निगरानी करें. अब तक हुई इस बारिश से क्षेत्र के किसानों के फसलों का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. हालांकि अभी सोयाबीन में जरूर थोड़ी बहुत शिकायत जरूर आई है, लेकिन ये बहुत ज्यादा नुकसानदायक नहीं है ये काबू में है.

शहडोल। जिले में इन दिनों हर दिन बारिश हो रही है. भले ही जिले में बारिश देरी से आई हो, लेकिन अब तक हुई बारिश ने लोगों को राहत पहुंचाई है. किसानों ने देर से ही सही लेकिन अपने धान की फसलों की रोपाई कर ली है.

बारिश का फसलों पर असर

इन समय सभी के खेतों में बस पानी ही नज़र आ रहा है. धान के फसलों का रोपण कार्य देर से ही लेकिन हो चुका है. सोयाबीन की फसलों में फूल का समय है. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह के मुताबिक मानसून देर से आया, लेकिन दुरुस्त आया है. अब तक करीब 800 एमएम बारिश क्षेत्र में हो चुकी है.

कृषि वैज्ञनिक का कहना है कि जो पहले धान के फसलों का रोपण कार्य कर चुके हैं, उनके लिए भी ये पानी फायदेमंद है. जिन्होंने देरी से रोपण कार्य किये हैं, उनके लिए भी फायदेमंद है. बता दें यहां सबसे बड़ा रकबा धान का ही है. डॉक्टर मृगेंद्र सिंह का कहना है कि इस बार जिले में शुरुआत में कम बारिश हुई, जिसकी वजह से दलहनी और तिलहन की फसल शानदार है.

ऐसे करें बचाव
वहीं इस तरह के हर दिन के पानी से बचाव की बात करें तो धान के फसलों को तो पानी से ज्यादा दिक्कत नहीं है, लेकिन दलहनी और तिलहन की फसलें जिसमें फूल आ गया है, उनमें थोड़ी बहुत दिक्कत जरूर है. कृषि वैज्ञानिक के मुताबिक अगर दलहनी, तिलहन की फसलों में जलभराव की स्थिति है, तो उसे फसल से निकालें, फसल में पानी जमा न होने दें, ये फसल के लिए नुकसानदायक होगा. इसके अलावा हर दिन अपनी फसलों की सतत निगरानी करें. अब तक हुई इस बारिश से क्षेत्र के किसानों के फसलों का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. हालांकि अभी सोयाबीन में जरूर थोड़ी बहुत शिकायत जरूर आई है, लेकिन ये बहुत ज्यादा नुकसानदायक नहीं है ये काबू में है.

Intro:Note_ वर्जन कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह की है।

जिले में हो रही हर दिन बारिश, जानिए इस बारिश का आपकी फसलों पर क्या होगा असर ?

शहडोल- शहडोल जिले में इन दिनो हर दिन बारिश हो रही है बारिश भले ही जिले में देरी से आई लेकिन जब आई तो अबतक तो ठीक ठाक ही बारिश हो रही है। किसानों ने देर से ही सही लेकिन अपने धान के फसलों का रोपण कार्य कर लिया है। और अब हर दिन हो रही ये बारिश आखिर किसानों के लिए कितना फायदेमंद है, और किन फसलों के लिए नुकसानदायक है।


Body:बदरा देर से ही आये लेकिन अब बरस रहे हैं जिससे लोगों को सुकून मिला है, इन दिनों सभी के खेतों में ही बस पानी ही नज़र आ रहा है। धान के फसलों का रोपण कार्य देर से ही लेकिन हो चुका है। सोयाबीन की फसलों में फूल का समय है।

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह के मुताबिक मानसून देर से आया लेकिन दुरुस्त आया, अबतक लगभग 800 एमएम बारिश क्षेत्र में हो चुकी है। कृषि वैज्ञनिक के मुताबिक जो पहले धान के फसलों का रोपण कार्य कर चुके हैं उनके लिए भी ये पानी फायदेमंद है और जो देरी से रोपण कार्य किये हैं उनके लिए भी फायदेमंद है। यहां सबसे बड़ा रकबा धान का ही है।

शुरुआत में कम पानी, इन फसलों को फायदा

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह के मुताबिक इस बार जिले में शुरुआत में कम बारिश हुई, जिसकी वजह से दलहनी और तिलहन की फसल शानदार है।
उड़द, सोयाबीन, तिल की फसलें अबतक शानदार हैं।

ऐसे करें बचाव

इस तरह के हर दिन के पानी से बचाव की बात करें तो धान के फसलों को तो पानी से ज्यादा दिक्कत नहीं है लेकिन दलहनी और तिलहन की फसलें जिसमें फूल आ गया है उनमें थोड़ी बहुत दिक्कत जरूर है।

कृषि वैज्ञानिक कहते हैं कि अगर दलहनी तिलहन की फसलों में जलभराव की स्थिति है तो उसे फसल से निकालें, फसल में पानी जमा न होने दे, ये फसल के लिए नुकसानदायक होगा।

इसके अलावा हर दिन अपने फसलों की सतत निगरानी करें, कहीं फसलों में कोई दिक्कत तो नहीं है।


Conclusion:कृषि वैज्ञनिकों की मानें तो अबतक हुई इस बारिश से क्षेत्र के किसानों के फसलों का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि अभी सोयाबीन में जरूर थोड़ी बहुत शिकायत जरूर आई है लेकिन ये बहुत ज्यादा नुकसानदायक नहीं है ये काबू में है।

इस बार क्षेत्र के किसानों के लिए अच्छी बात ये भी है कि फसलों में चारकोल रॉड का प्रकोप अभी बिल्कुल भी नहीं है। जो सोयाबीन के फसल में बड़ी समस्या बनती नज़र आ रही थी।
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