शहडोल। जिले में इन दिनों हर दिन बारिश हो रही है. भले ही जिले में बारिश देरी से आई हो, लेकिन अब तक हुई बारिश ने लोगों को राहत पहुंचाई है. किसानों ने देर से ही सही लेकिन अपने धान की फसलों की रोपाई कर ली है.
इन समय सभी के खेतों में बस पानी ही नज़र आ रहा है. धान के फसलों का रोपण कार्य देर से ही लेकिन हो चुका है. सोयाबीन की फसलों में फूल का समय है. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह के मुताबिक मानसून देर से आया, लेकिन दुरुस्त आया है. अब तक करीब 800 एमएम बारिश क्षेत्र में हो चुकी है.
कृषि वैज्ञनिक का कहना है कि जो पहले धान के फसलों का रोपण कार्य कर चुके हैं, उनके लिए भी ये पानी फायदेमंद है. जिन्होंने देरी से रोपण कार्य किये हैं, उनके लिए भी फायदेमंद है. बता दें यहां सबसे बड़ा रकबा धान का ही है. डॉक्टर मृगेंद्र सिंह का कहना है कि इस बार जिले में शुरुआत में कम बारिश हुई, जिसकी वजह से दलहनी और तिलहन की फसल शानदार है.
ऐसे करें बचाव
वहीं इस तरह के हर दिन के पानी से बचाव की बात करें तो धान के फसलों को तो पानी से ज्यादा दिक्कत नहीं है, लेकिन दलहनी और तिलहन की फसलें जिसमें फूल आ गया है, उनमें थोड़ी बहुत दिक्कत जरूर है. कृषि वैज्ञानिक के मुताबिक अगर दलहनी, तिलहन की फसलों में जलभराव की स्थिति है, तो उसे फसल से निकालें, फसल में पानी जमा न होने दें, ये फसल के लिए नुकसानदायक होगा. इसके अलावा हर दिन अपनी फसलों की सतत निगरानी करें. अब तक हुई इस बारिश से क्षेत्र के किसानों के फसलों का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. हालांकि अभी सोयाबीन में जरूर थोड़ी बहुत शिकायत जरूर आई है, लेकिन ये बहुत ज्यादा नुकसानदायक नहीं है ये काबू में है.