शहडोल। कोरोना महामारी के दौरान शहडोल जिला मेडिकल कॉलेज काफी सुर्खियों में रहा. कई ऐसे मौके आए जब शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा. जिसके बाद शासन-प्रशासन की तरफ से अस्पताल में दो ऑक्सीजन प्लांट लगाने की स्वीकृति दी गई. लेकिन इसके बाद भी अभी तक अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट नहीं लग सका. अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों का इस मसले पर अलग-अलग तर्क है. वहीं डीन मिलिंद शिरालकर ने बताया कि अभी ऑक्सिजन प्लांट लगने को लेकर कोई अधिकृत जानकारी नहीं है.
तैयारी पूरी बस ऑक्सीजन मशीन का इंतजार
दरअसल शहडोल जिला चिकित्सालय के लिए दो पीएसए ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत हुए हैं. जिसमें से एक 300 एलपीएम का ऑक्सीजन प्लांट सेंक्शन हुआ है, दूसरा डीआरडीओ से एक 570 लीटर का पीएसए ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत हुआ है. लेकिन इसकी वर्तमान स्थिति ये है कि ऑक्सीजन प्लांट के लिए शेड और प्लेटफॉर्म तो बनकर तैयार हो चुके हैं. शहडोल जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ.जी.एस परिहार ने बताया कि विद्युत कनेक्शन की जो फोर्मेलटीज होती हैं, जैसे लोड बढाना, ट्रांसफॉर्मर लगवाना, वह अधिकारी अपने स्तर से कर चुके हैं. अब बस ऑक्सीजन प्लांट आने की देरी है. लेकिन ऑक्सीजन मशीन कब आएगी इसका जवाब किसी के पास नहीं है. सिविल सर्जन डॉ.जी.एस परिहार का कहना है कि यह मशीन बाहर से शासन स्तर से आनी है, इसकी जानकारी नहीं है.
सीएम ने दी तीन ऑक्सीजन प्लांटों की सौगात, आज तक नहीं हुआ शिलान्यास
मेडिकल कॉलेज की स्थिति
जिले के ज्यादातर कोरोना मरीजों का इलाज शहडोल मेडिकल कॉलेज में ही हुआ है. मेडिकल कॉलेज ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर सुर्खियों में भी रहा. जिसके बाद ऑक्सीजन की कमी ना हो इसे लेकर व्यवस्थाएं की गई हैं. शहडोल मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ.मनीष सिंह ने बताया कि अगले एक महीने में अस्पताल के पास दो ऑक्सीजन टैंक लगने वाले हैं. जिसमें से एक कलेक्टर के माध्यम से विधायक निधि से दिलाया जाएगा. जिससे 20 केएलजी का सबसे बड़ा ऑक्सीजन टैंक लगेगा. वहीं जरूरत को देखते हुए एक 10 केएलजी का टैंक शासन स्तर से लगेगा.