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बदलते मौसम को लेकर ईटीवी भारत ने की कृषि वैज्ञानिक से खास बातचीत

रविवार को जिले में हुई बारिश औक ओलावृष्टि ने भी किसानों को चिंता में डाल दिया हैं. फसलों को आलोवृष्टि के वजह से काफी नुकसान हुआ है. ईटीवी भारत ने किसानों की इस समस्या को लेकर कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह से खास बातचीत की.

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कृषि वैज्ञानिक से ईटीवी भारत की खास बातचीत
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Published : Feb 24, 2020, 11:30 PM IST

Updated : Feb 24, 2020, 11:40 PM IST

शहडोल। जिले में पिछले दो- तीन दिन से मौसम बदल गया है. लगातार शाम के वक्त झमाझम बारिश हो रही है, बीते रविवार को जिले के कई जगहों पर जमकर ओलावृष्टि हुई. जिससे किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. बदलते मौसम और किसानों की समस्याओं को लेकर ईटीवी भारत ने कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह से खास बातचीत की.

कृषि वैज्ञानिक से ईटीवी भारत की खास बातचीत

बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को हुआ नुकसान

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि, इस समय की बारिश किसी भी फसल के लिए फायदेमंद नहीं है. खासतौर से दलहनी फसलें जो फूल पर हैं. फलन की स्थिति में हैं, उनको काफी नुकसान हो सकता है. क्योंकि दलहनी फसलों की प्रकृति ऐसी होती है, जैसे ही इनको नमी मिलती है. ये पुनः एक बार फिर से ग्रोथ में आ जाती हैं, तो फलन में भी नुकसान होता है, फूल भी झड़ जाते हैं.

ओला करेगा हर फसल को नुकसान

जिले के कई क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि हुई है, कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि 'ओला निश्चित रुप से हर फसल को नुकसान करेगा. खासतौर वो फसल जो मैच्योर होने की अवस्था में हैं उनके तने टूट जाते हैं, उनकी डालियां टूट जाती हैं . अभी तक जो हमारा पूर्वानुमान था, वो ये था कि ज्यादा से ज्यादा 5 से 9 एमएम की बारिश होगी. लेकिन बारिश काफी ज्यादा हुई. साथ ही रविवार शाम को ओलावृष्टि भी हो गई, अगर मौसम जल्द ही साफ हो जाता है, तो खासतौर से जो अनाज वाली फ़सलें हैं, वो एक बार रिकवर हो सकती हैं'.

सब्जियों के फसलों में कितना नुकसान

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि, अगर ओला गिरता हैं तो उसमें लगभग 50 प्रतिशत नुकसान की आशंका बनी रहती है. अगर सब्जियों के पौधे छोटे हैं, तो वो रिकवर हो सकते हैं. अगर पौधे बड़े हो गए हैं और जो फल- फूल की अवस्था में है, तो ओले की वजह से उसमें दाग पड़ जाते हैं और बाजार में उन सब्जियों के रेट गिर सकते हैं.

शहडोल। जिले में पिछले दो- तीन दिन से मौसम बदल गया है. लगातार शाम के वक्त झमाझम बारिश हो रही है, बीते रविवार को जिले के कई जगहों पर जमकर ओलावृष्टि हुई. जिससे किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. बदलते मौसम और किसानों की समस्याओं को लेकर ईटीवी भारत ने कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह से खास बातचीत की.

कृषि वैज्ञानिक से ईटीवी भारत की खास बातचीत

बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को हुआ नुकसान

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि, इस समय की बारिश किसी भी फसल के लिए फायदेमंद नहीं है. खासतौर से दलहनी फसलें जो फूल पर हैं. फलन की स्थिति में हैं, उनको काफी नुकसान हो सकता है. क्योंकि दलहनी फसलों की प्रकृति ऐसी होती है, जैसे ही इनको नमी मिलती है. ये पुनः एक बार फिर से ग्रोथ में आ जाती हैं, तो फलन में भी नुकसान होता है, फूल भी झड़ जाते हैं.

ओला करेगा हर फसल को नुकसान

जिले के कई क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि हुई है, कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि 'ओला निश्चित रुप से हर फसल को नुकसान करेगा. खासतौर वो फसल जो मैच्योर होने की अवस्था में हैं उनके तने टूट जाते हैं, उनकी डालियां टूट जाती हैं . अभी तक जो हमारा पूर्वानुमान था, वो ये था कि ज्यादा से ज्यादा 5 से 9 एमएम की बारिश होगी. लेकिन बारिश काफी ज्यादा हुई. साथ ही रविवार शाम को ओलावृष्टि भी हो गई, अगर मौसम जल्द ही साफ हो जाता है, तो खासतौर से जो अनाज वाली फ़सलें हैं, वो एक बार रिकवर हो सकती हैं'.

सब्जियों के फसलों में कितना नुकसान

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि, अगर ओला गिरता हैं तो उसमें लगभग 50 प्रतिशत नुकसान की आशंका बनी रहती है. अगर सब्जियों के पौधे छोटे हैं, तो वो रिकवर हो सकते हैं. अगर पौधे बड़े हो गए हैं और जो फल- फूल की अवस्था में है, तो ओले की वजह से उसमें दाग पड़ जाते हैं और बाजार में उन सब्जियों के रेट गिर सकते हैं.

Last Updated : Feb 24, 2020, 11:40 PM IST
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