Grahan in October 2023: इस बार नवरात्रि के पहले और बाद में ग्रहण पड़ रहा है. यानि अक्टूबर के महीने के दोनों पखवाड़ों में खगोलिय घटनाक्रम लोगों को प्रभावित करेंगे. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं, कि ऐसा संयोग करीब 22 सालों के बाद बन रहा है जब नवरात्र के पहले भी ग्रहण है और नवरात्र के बाद भी. नवरात्र के पहले सूर्य ग्रहण पड़ रहा है, तो नवरात्र के बाद में चंद्र ग्रहण पड़ेगा. आइए जानते हैं ग्रहण से इससे क्या कुछ प्रभाव पड़ेगा और क्या-क्या बदलाव होंगे.
22 साल बाद नवरात्र पर ऐसा संयोग: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि इस बार शारदीय नवरात्र के पहले सूर्य ग्रहण पड़ने जा रहा है और शारदीय नवरात्र के बाद में चंद्र ग्रहण पड़ेगा और ऐसा संयोग लगभग 22 साल बाद बन रहा है. नवरात्रि की समाप्ति के साथ ही चंद्रग्रहण पड़ेगा.
नवरात्र के पहले सूर्यग्रहण: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक 14 अक्टूबर शनिवार अश्वनी कृष्ण पक्ष अमावस्या को सूर्य ग्रहण पड़ रहा है, ये सूर्य ग्रहण भारतवर्ष में दिखाई नहीं देगा. इसे माद्य ग्रहण भी कहा जाता है और इसका कोई शास्त्र प्रमाणित भी नहीं है, जब सूर्य दिखाई नहीं देता तो माद्य ग्रहण लगता है यानी इसका कोई महत्व नहीं रहता है. इसलिए भारत में इसका कोई प्रभाव नहीं रहेगा और इससे कोई नुकसान नहीं होगा, जबकि अन्य देशों में सूर्य ग्रहण जहां दिखाई देगा, वहां यह सूर्य ग्रहण मान्य होगा.
भारत में ये सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल का कोई महत्व नहीं है. कोई सूतक नहीं लगेगा, मंदिर के पट खुले रहेंगे, भोग प्रसाद बनेगा और व्रत त्यौहार में किसी तरह की कोई रुकावट नहीं रहेगी. इस सूर्य ग्रहण से किसी तरह का कोई हानि नहीं होगी, नुकसान भी नहीं होगा. इसको कोई देखे ना देखे उससे कोई नुकसान भी नहीं होगा, किसी भी तरह की कोई क्षति इस बार के सूर्य ग्रहण से नहीं होगी.
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नवरात्रि के बाद चंद्रग्रहण: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि चंद्र ग्रहण अश्विनी शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि यानी 28 की रात्रि में 29 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण लगेगा. यह चंद्र ग्रहण लगभग 54 प्रतिशत चंद्र ग्रहण होगा, इस चंद्र ग्रहण का पूर्ण महत्व रहेगा. पूरे भारतवर्ष में एक साथ, एक ही समय पर दिखाई देगा और रात्रि 1:05 से प्रारंभ होगा और रात्रि में 1:44 पर मध्यम होगा. रात्रि 2:23 में ग्रहण का मोक्ष होगा और 8 घंटे पहले इसका सूतक लग जाएगा.
सूतक लगने के बाद भोजन बनना बंद हो जाएगा, मंदिर के कपाट बंद हो जाएंगे. भोजन प्रसाद से संबंधित सभी कार्य पूर्णतया बंद हो जाएंगे, बालक, वृद्ध, रोगियों को छोड़कर अन्य को ग्रहण भी लगेगा. सूतक भी मान्य होगा, जो गर्भवती महिलाएं हैं उन्हें विशेष ध्यान रखना है. ये ग्रहण नुकसानदायक है, चंद्र ग्रहण पड़ने की वजह से देश में राजनीतिक परिवर्तन होगा. सत्ता परिवर्तन होने की भी संभावना बनेगी, राजनीतिक उथल पुथल मचेगा. लोग दल-बदल करेंगे, राजनीतिक पार्टियों में फूट पड़ेगी और आपस में सामंजस्य बिगड़ेगा. इसके अलावा चंद्र ग्रहण से फसलों को भी नुकसान होगा, कीटनाशकों का अधिक प्रकोप रहेगा.
चौपाया यानी चार पैर वाले जानवरों में रोग का संचार होगा और वहां पशुओं की काफी नुकसान होने की पूर्ण संभावना है, जिन राशियों में नुकसान होगा उन राशि के जातकों को विशेष ध्यान रखना है कि ग्रहण लगते ही एक तो ग्रहण ना देखें और अगर धोखे से देख लें, तो पूरे शरीर में गाय का गोबर लगाकर स्नान करें, तो उसका दोस दूर होगा, लेकिन आंशिक प्रभाव बना ही रहेगा.