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मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़, कलश जवारे किए गए विसर्जित - जवारा कलश विसर्जित

शहडोल के सिंहपुर गांव के काली माता मंदिर में भक्तों ने माता के दर्शन कर, जवारा कलश विसर्जित किए.

माता के दर्शन कर भक्तों ने विसर्जित किए जवारा कलश
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Published : Oct 7, 2019, 7:05 PM IST

शहडोल। नवरात्र का पर्व पूरे देश में ही बड़े धूम धाम से मनाया जा रहा है, वहीं जिले में भी नवरात्री के अवसर पर जगह- जगह भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. नवरात्रि के नौवें दिन मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, भक्त श्रद्धा भाव के साथ माता के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. वहीं कई लोग जवारा कलश का विसर्जन भी कर रहे हैं, भक्तों का मानना है कि नवरात्रि में जवारा कलश का बहुत बड़ा महत्व होता है, नवरात्रि शुरू होते ही जवारा कलश बोये जाते हैं और फिर नवमीं के दिन इसे भक्त विसर्जित करते हैं.

जवारा कलश का महत्व


जिले के सिंहपुर गांव के काली माता मंदिर के पुजारी जगदीश प्रसाद बताते हैं कि नवरात्रि के पावन समय में जवारा कलश बुवाने का बहुत महत्व होता है, उन्होंने बताया कि जवारे इसलिए बोई जाती हैं क्योंकी, अगर भक्त को कोई परेशानी है, रोग व्यथा या कोई मनोकामना है तो उसकी सिद्धि के लिए जवारा कलश बोए जाते हैं और उसे विसर्जित करते हैं

माता के दर्शन कर भक्तों ने विसर्जित किए जवारा कलश


पुजारी बताते हैं कि जवारा बोने के पहले माता के गर्भ गृह में 5 कलश की स्थापना की जाती है, उन 5 कलशों का ये महत्व है की गांव में या फिर गांव के आसपास कहीं और किसी भी प्रकार की बीमारी आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा राज्य में सुरक्षा बनी रहे, सभी लोग स्वस्थ रहें इसलिये गर्भ गृह में पहले उन 5 कलशों की स्थापना की जाती है.

जवारा विसर्जित करने लगी भीड़


वहीं सिंहपुर के काली माता मंदिर में जवारा विसर्जन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, सुबह से ही भक्त मंदिर पहुंच रहे हैं, नवमीं के दिन मां काली के दर्शन कर दरबार में बोए गए जवारा को विसर्जित कर रहे हैं.

शहडोल। नवरात्र का पर्व पूरे देश में ही बड़े धूम धाम से मनाया जा रहा है, वहीं जिले में भी नवरात्री के अवसर पर जगह- जगह भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. नवरात्रि के नौवें दिन मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, भक्त श्रद्धा भाव के साथ माता के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. वहीं कई लोग जवारा कलश का विसर्जन भी कर रहे हैं, भक्तों का मानना है कि नवरात्रि में जवारा कलश का बहुत बड़ा महत्व होता है, नवरात्रि शुरू होते ही जवारा कलश बोये जाते हैं और फिर नवमीं के दिन इसे भक्त विसर्जित करते हैं.

जवारा कलश का महत्व


जिले के सिंहपुर गांव के काली माता मंदिर के पुजारी जगदीश प्रसाद बताते हैं कि नवरात्रि के पावन समय में जवारा कलश बुवाने का बहुत महत्व होता है, उन्होंने बताया कि जवारे इसलिए बोई जाती हैं क्योंकी, अगर भक्त को कोई परेशानी है, रोग व्यथा या कोई मनोकामना है तो उसकी सिद्धि के लिए जवारा कलश बोए जाते हैं और उसे विसर्जित करते हैं

माता के दर्शन कर भक्तों ने विसर्जित किए जवारा कलश


पुजारी बताते हैं कि जवारा बोने के पहले माता के गर्भ गृह में 5 कलश की स्थापना की जाती है, उन 5 कलशों का ये महत्व है की गांव में या फिर गांव के आसपास कहीं और किसी भी प्रकार की बीमारी आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा राज्य में सुरक्षा बनी रहे, सभी लोग स्वस्थ रहें इसलिये गर्भ गृह में पहले उन 5 कलशों की स्थापना की जाती है.

जवारा विसर्जित करने लगी भीड़


वहीं सिंहपुर के काली माता मंदिर में जवारा विसर्जन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, सुबह से ही भक्त मंदिर पहुंच रहे हैं, नवमीं के दिन मां काली के दर्शन कर दरबार में बोए गए जवारा को विसर्जित कर रहे हैं.

Intro:Note_ वर्जन सिंहपुर की काली माता मंदिर के पुजारी जगदीश प्रसाद का है।

नवरात्र में आज है नवमीं का दिन, मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़, किये जा रहे कलश जवारे विसर्जित

शहडोल- नवरात्र का पर्व पूरे देश में ही बड़े धूम धाम से मनाया जा रहा है, शहडोल जिले में भी नवरात्र के इस अवसर पर जगह जगह भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।

आज नवरात्रि का नौवां दिन है, और नवमीं के दिन मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ती है, माता के दर्शन के लिए जिले भर के मंदिरों में भक्तों की संख्या देखने को मिल रही है। भक्त बड़े ही शृद्धा भाव के साथ माता के दर्शन करने पहुंच रहे है और आज नवमीं का दिन है तो जवारा कलश का विसर्जन भी कर रहे हैं। इस पावन पर्व में जवारा कलश का बहुत बड़ा महत्व होता है। नवरात्र शुरू होते ही जवारा कलश बोये जाते हैं और फिर नवमीं के दिन इसे भक्त विसर्जित करते हैं।


Body:जानिए जवारा कलश का महत्व

जिले के सिंहपुर गांव के काली माता मंदिर के पुजारी जगदीश प्रसाद बताते हैं कि नवरात्र के पावन समय में जवारा कलश बुवाने का बहुत महत्व होता है, जगदीश प्रसाद बताते हैं कि जबारे इसलिए बोये जाते हैं क्योंकी जिस भक्त को कोई परेशानी होती है रोग व्यथा, मनोकामना की सिद्धि के लिए जवारा कलश बुवाने और उसे विसर्जित करने का प्रण लेते हैं।

सिंहपुर काली माता मंदिर के पुजारी बताते हैं कि जवारा बोने के पहले माता के गर्भ गृह में 5 कलश की स्थापना की जाती है, उन 5 कलशों का ये महत्व है की गांव में या फिर गांव के आसपास कहीं और किसी भी प्रकार की बीमारी आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा राज्य में सुरक्षा बनी रहे सभी लोग स्वस्थ रहें इसलिये गर्भ गृह में पहले उन 5 कलशो की स्थापना की जाती है।

लोगों की मन्नत पूरी होने के बाद लोग अपने प्रण को पूरा करने के लिए जवारा कलश बुवाते हैं और फिर नवरात्र के नौवें दिन विसर्जन करते हैं ।


Conclusion:जवारा विसर्जित करने लगी भीड़

सिंहपुर के काली माता मंदिर में जवारा विसर्जन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, आज सुबह से ही भक्त मंदिर पहुंच रहे और नवमीं के दिन मां काली के दर्शन कर अपने जीवन को तो सफल बना ही रहे हैं साथ ही जवारा कलश जो मन्दिर में मां काली के दरबार में बोए गए हैं उन्हें विसर्जित भी कर रहे हैं और माता के चरणों में अर्पित कर रहे हैं।
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