शहडोल। नवरात्र का पर्व पूरे देश में ही बड़े धूम धाम से मनाया जा रहा है, वहीं जिले में भी नवरात्री के अवसर पर जगह- जगह भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. नवरात्रि के नौवें दिन मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, भक्त श्रद्धा भाव के साथ माता के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. वहीं कई लोग जवारा कलश का विसर्जन भी कर रहे हैं, भक्तों का मानना है कि नवरात्रि में जवारा कलश का बहुत बड़ा महत्व होता है, नवरात्रि शुरू होते ही जवारा कलश बोये जाते हैं और फिर नवमीं के दिन इसे भक्त विसर्जित करते हैं.
जवारा कलश का महत्व
जिले के सिंहपुर गांव के काली माता मंदिर के पुजारी जगदीश प्रसाद बताते हैं कि नवरात्रि के पावन समय में जवारा कलश बुवाने का बहुत महत्व होता है, उन्होंने बताया कि जवारे इसलिए बोई जाती हैं क्योंकी, अगर भक्त को कोई परेशानी है, रोग व्यथा या कोई मनोकामना है तो उसकी सिद्धि के लिए जवारा कलश बोए जाते हैं और उसे विसर्जित करते हैं
पुजारी बताते हैं कि जवारा बोने के पहले माता के गर्भ गृह में 5 कलश की स्थापना की जाती है, उन 5 कलशों का ये महत्व है की गांव में या फिर गांव के आसपास कहीं और किसी भी प्रकार की बीमारी आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा राज्य में सुरक्षा बनी रहे, सभी लोग स्वस्थ रहें इसलिये गर्भ गृह में पहले उन 5 कलशों की स्थापना की जाती है.
जवारा विसर्जित करने लगी भीड़
वहीं सिंहपुर के काली माता मंदिर में जवारा विसर्जन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, सुबह से ही भक्त मंदिर पहुंच रहे हैं, नवमीं के दिन मां काली के दर्शन कर दरबार में बोए गए जवारा को विसर्जित कर रहे हैं.