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प्रदेश में अनूठा है ये मंदिर, दर्शन मात्र से पूरी होती है भक्तों की मुराद

नवरात्रि के मौके पर जगह-जगह मंदिरों में माता के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है, शहडोल जिले के कंकाली माता मंदिर में भी माता के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है.

कंकाली माता के दर्शनमात्र से ही पूरी होती हैं मनोकामनाएं
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Published : Oct 5, 2019, 10:34 PM IST

शहडोल। नवरात्र का समय है और हर जगह नवरात्रि की धूम है, जगह जगह मंदिरों में माता के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी है, शहडोल जिले के कंकाली माता मंदिर में भी इस पावन समय में माता के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, कंकाली माता का मंदिर प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है.

जिला मुख्यालय से करीब 15 से 20 किलोमीटर दूर अंतरा गांव में कंकाली माता का मंदिर स्थित है, जो अपने चमत्कारों के चलते प्रदेश भर में प्रसिद्ध है. माता के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं.

कंकाली माता के दर्शनमात्र से ही पूरी होती हैं मनोकामनाएं

ऐसा माना जाता है कि माता के दर्शन मात्र से ही भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं, इनके चमत्कार के किस्से जगह जगह फैले हुए हैं. लोग अपनी मनोकामनाएं लेकर यहां आते हैं और अपनी मन्नत को लेकर चुनरी में नारियल बांध देते हैं और जब भक्तों की मन्नत पूरी हो जाती है तो ये नारियल तोड़ देते हैं.

नवरात्रि में यहां का विशाल भंडारा और भव्य आरती आकर्षण का केंद्र रहता है, मंदिर के व्यवस्थापक रमाकांत विश्वकर्मा बताते हैं कि यहां 9 दिन का विशाल भंडारा होता है, सुबह 8 बजे से 10 बजे तक पोहा-चना और चाय भंडारे में दिया जाता है, और फिर 12 बजे से शाम 6 बजे तक सम्पूर्ण भंडारे का आयोजन किया जाता है. माता की आरती सुबह 6 बजे से 6.30 बजे तक होती है और शाम की आरती 7.30 बजे से होती है.

प्रदेश का अनूठा मंदिर

अंतरा मंदिर में विराजी कंकाली माता की प्रतिमा कल्चुरी कालीन है, मंदिर के गर्भ गृह में अठारह भुजी मां चामुंडा के अलावा शारदा और अष्टभुजी सिंह वाहिनी मां दुर्गा की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं.

माता पर नेताओं का भरोसा

अंतरा वाली कंलाली माता पर नेताओं से लेकर जनप्रतिनिधियों तक का भरोसा है, कोई भी नेता शहडोल आता है तो माता के दर्शन करने जरूर जाता है, मुख्यमंत्री रहते प्रदेश के कई दिग्गज माता के दर्शन कर चुके हैं.

शहडोल। नवरात्र का समय है और हर जगह नवरात्रि की धूम है, जगह जगह मंदिरों में माता के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी है, शहडोल जिले के कंकाली माता मंदिर में भी इस पावन समय में माता के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, कंकाली माता का मंदिर प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है.

जिला मुख्यालय से करीब 15 से 20 किलोमीटर दूर अंतरा गांव में कंकाली माता का मंदिर स्थित है, जो अपने चमत्कारों के चलते प्रदेश भर में प्रसिद्ध है. माता के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं.

कंकाली माता के दर्शनमात्र से ही पूरी होती हैं मनोकामनाएं

ऐसा माना जाता है कि माता के दर्शन मात्र से ही भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं, इनके चमत्कार के किस्से जगह जगह फैले हुए हैं. लोग अपनी मनोकामनाएं लेकर यहां आते हैं और अपनी मन्नत को लेकर चुनरी में नारियल बांध देते हैं और जब भक्तों की मन्नत पूरी हो जाती है तो ये नारियल तोड़ देते हैं.

नवरात्रि में यहां का विशाल भंडारा और भव्य आरती आकर्षण का केंद्र रहता है, मंदिर के व्यवस्थापक रमाकांत विश्वकर्मा बताते हैं कि यहां 9 दिन का विशाल भंडारा होता है, सुबह 8 बजे से 10 बजे तक पोहा-चना और चाय भंडारे में दिया जाता है, और फिर 12 बजे से शाम 6 बजे तक सम्पूर्ण भंडारे का आयोजन किया जाता है. माता की आरती सुबह 6 बजे से 6.30 बजे तक होती है और शाम की आरती 7.30 बजे से होती है.

प्रदेश का अनूठा मंदिर

अंतरा मंदिर में विराजी कंकाली माता की प्रतिमा कल्चुरी कालीन है, मंदिर के गर्भ गृह में अठारह भुजी मां चामुंडा के अलावा शारदा और अष्टभुजी सिंह वाहिनी मां दुर्गा की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं.

माता पर नेताओं का भरोसा

अंतरा वाली कंलाली माता पर नेताओं से लेकर जनप्रतिनिधियों तक का भरोसा है, कोई भी नेता शहडोल आता है तो माता के दर्शन करने जरूर जाता है, मुख्यमंत्री रहते प्रदेश के कई दिग्गज माता के दर्शन कर चुके हैं.

Intro:Note_ शुरुआत में दो वर्जन बैक टू बैक भक्तों के हैं फिर तीसरा और आखिरी वर्जन मंदिर के व्यवस्थापक रमाकांत विश्वकर्मा का है।

इस नवरात्र कंकाली माता के दर्शन करें, हर मनोकामना हो जाएगी पूरी, प्रदेश में अनूठा है ये मंदिर

शहडोल- नवरात्र का समय है और शहडोल में भी नवरात्र की धूम है, जगह जगह मंदिरों में माता के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी हुई है। शहडोल जिले के कंकाली माता मंदिर में भी इस पावन समय में माता के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। जिले की कंकाली माता प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।




Body:शहडोल जिला मुख्यालय से करीब 15 से 20 किलोमीटर दूर है अंतरा गांव और यहीं है कंकाली माता मंदिर, जो अपने चमत्कारों के चलते पूरे प्रदेश भर में प्रसिद्ध हैं।

कंकाली माता मंदिर के दर्शन के लिए इन दिनों भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, माता के दर्शन के लिए दूर दूर से लोग पहुंच रहे हैं।

कंकाली माता की महिमा इतनी दूर दूर तक फैली हुई है, की लोग उनके दर्शन को जरूर पहुंचते हैं।

ऐसा माना जाता है कि माता के दर्शन मात्र से ही भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं, इनके चमत्कार के किस्से जगह जगह व्याप्त हैं।

कंकाली माता मंदिर परिसर के अंदर चुनरी में बंधे हुए ये नारियल गवाह है कि लोगों की माता पर कितनी आस्था है।

लोग अपनी मनोकामना लेकर यहां आते हैं और अपनी मन्नत को लेकर चुनरी में नारियल बांध देते हैं, और जब भक्तों की मन्नत पुरी हो जाती है तो ये नारियल तोड़ देते हैं।

भव्य आरती और भंडारा आकर्षण का केंद्र

नवरात्र में यहां का विशाल भंडारा और भव्य आरती आकर्षण का केंद्र रहता है। मन्दिर के व्यवस्थापक रमाकांत विश्वकर्मा बताते हैं कि यहां 9 दिन का विशालकाय भंडारा होता है, पहले सुबह 8 बजे से 10 बजे तक पोहा चना और चाय भंडारे में दिया जाता है और फिर 12 बजे से शाम 6 बजे तक सम्पूर्ण भंडारे का आयोजन किया जाता है। जो बहुत ही विशाल होता है।

कंलाली माता की आरती सुबह 6 बजे से 6.30 बजे तक होती है और शाम की आरती 7.30 बजे से होती है।


Conclusion:प्रदेश का अनूठा मंदिर

अंतरा मंदिर में विराजी कंकाली माता की प्रतिमा कल्चुरीकालीन है। मंदिर के गर्भ गृह में अठारह भुजी मां चामुंडा के अलावा शारदा और अष्टभुजी सिंहवाहिनी मां दुर्गा की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं। इसके अलावा मंदिर परिसर के चारो ओर भी कई कल्चुरीकालीन प्रतिमाएं भी लगी हुई हैं।

माता पर नेताओं का भरोसा

अंतरा वाली कंलाली माता मंदिर में नेताओं से लेकर जनप्रतिनिधि तक का भरोसा है, कोई भी नेता शहडोल अगर आता है तो माता के दर्शन को जरूर जाता है, मुख्यमंत्री रहते प्रदेश के कई दिग्गज माता के दर्शन को आ चुके हैं।
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