शहडोल/भोपाल। शहडोल जिले में बीते दो दिनों में छह नवजात बच्चों की मौत हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बच्चों की मौत के मामले में जांच के निर्देश दिए हैं. जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल में उपचार के लिए लाए गए छह नवजात बच्चों की बीते दो दिनों में मौत हुई है. इन मौतों की वजह स्थानीय लोग स्वास्थ्य अमले की लापरवाही बता रहे हैं. वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जिन बच्चों को उपचार के लिए लाया गया था, वे गंभीर स्थिति में थे. वहीं अस्पताल में भर्ती दो और बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है.
शिवराज ने तलब की रिपोर्ट
सीएम शिवराज ने शहडोल में बच्चों की मौत की घटना को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई. सीएम ने निर्देश दिए हैं कि जांच कर प्रतिवेदन सौंपा जाए. अगर डॉक्टर और स्टाफ दोषी पाए जाएं, तो ऐसे लोगों को दंडित किया जाए. सीएम ने अधिकारियों से कहा कि बच्चों के इलाज में कहीं भी व्यवस्थाओं में कमी है, तो उसे दूर किया जाए. वेंटिलेटर और दूसरे उपकरणों का समुचित प्रबंध हो. आवश्यक हो तो विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं लेकर रोगियों को स्वास्थ्य लाभ दिया जाए. सीएम ने कहा कि लोगों की जिंदगी बचाना बहुत आवश्यक है. सभी अस्पतालों में व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया जाए.
रविवार को खबर आई थी सामने
गौरतलब है कि रविवार के दिन जैसे ही यह खबर सामने आई कि पिछले 24 घंटे में 4 नवजातओं की मौत हो गई है. जिसमें 3 दिन से लेकर के 4 महीने तक के मौत बच्चों की मौत हुई है. जिसमें पीआईसीयू में तीन और एसएनसीयू में एक बच्चे की मौत हुई है, जिनकी मौत हुई है. उसमें बुढार के अरझूली के 4 माह का बच्चा पुष्पराज सिंह, सिंहपुर बोडरी गांव के 3 माह का बच्चा राज कोल,2 माह का प्रियांश, ये सभी पीआईसीयू में भर्ती थे. तो वहीं उमरिया जिले के निशा की भी एसएनसीयू में मौत हुई है. नवजात की मौत से हड़कंप मच गया था. इसके बाद रविवार के दिन ही एक और बच्चे की मौत की खबर आई थी और आज एक बार फिर से सुबह-सुबह एक नवजात की मौत हो गई है. जिसके साथ ही अब यह आंकड़ा पिछले 48 घंटे में 6 बच्चों की मौत तक पहुंच चुका है.
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जांच हेतु कमेटी का गठन
वहीं नवजातों के मौत मामले में कलेक्टर डॉक्टर सतेन्द्र सिंह के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजेश पाण्डेय ने जिला अस्पताल शहडोल में हुई नवजात बच्चों की मौत के मामले में जांच समिति का गठन किया कर दिया है. जांच समिति में डॉक्टर मुकुन्द चतुर्वेदी जिला चिकित्सालय शहडोल, डॉक्टर नागेन्द्र सिंह और डॉक्टर प्राणदा शुक्ला, सहायक प्राध्यापक शासकीय मेडिकल कॉलेज शहडोल शामिल हैं. ये जांच कमेटी तीन दिन के अंदर जांच प्रतिवेदन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सौंपेगी.
नवजातों की मौत के मामले में बोले कमिश्नर
इस मामले पर शहडोल कमिश्नर नरेश पाल का कहना है कि जिला अस्पताल में बच्चों की मौत के संबंध में सीएमएचओ ने जो पड़ताल की है, उसमें ये पाया गया है कि अभिभावकों ने बच्चों को तब एडमिट कराया जब बच्चों की स्थिति ज्यादा खराब थी. फिर भी डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टॉफ ने बच्चों को बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन फिर भी बच्चों को बचाया नहीं गया. हमारे फील्ड में जो महिला बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी हैं. उनको निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे बच्चे जिनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है उनकी सतत रूप से जांच करें और उनको समय पर भर्ती करने के लिए पालकों उनके अभिभावकों को प्रोत्साहित करें. जिससे की बच्चे समय पर अगर इलाज के लिए आ जाएंगे तो निश्चित रूप से डॉक्टर्स उनको पूरे प्रयास करके उनके जीवन की रक्षा कर सकेंगे. सीएमएचओ और जिला चिकित्सालय ने रिपोर्ट प्रस्तुत की है. अगर बच्चों को समय पर अस्पताल में भर्ती किया जाता तो बेहतर परिणाम हो सकते थे।