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Chandra Grahan 2022 चंद्रग्रहण के बाद पूजा घर को इस तरह करें साफ, चमक सकती है किस्मत

साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को होने जा रहा है जिसे लेकर ज्योतिषाचार्य ने सावधानी बरतने की सलाह दी है. (Chandra Grahan 2022) सूतक चंद्र ग्रहण शुरू होने के 8 घंटे पहले से प्रारंभ हो जाएगा. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक ग्रहण खत्म होने के बाद ही पवित्र करते हुए पूजा घर को खोलना चाहिए. तो आइए जानते हैं चंद्रग्रहण के बाद पूजा घर को किस तरह साफ करें जिससे चमक सकती है किस्मत!

Chandra Grahan 2022
चंद्रग्रहण के बाद पूजा घर को इस तरह करें साफ
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Published : Nov 7, 2022, 9:18 PM IST

शहडोल। साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को होने जा रहा है जिसे लेकर ज्योतिषाचार्य ने सावधानी बरतने की सलाह दी है. ज्योतिषाचार्य और भगवताचार्य सूर्यकांत शुक्ला के मुताबिक इस बार चंद्र ग्रहण भरणी नक्षत्र मेष राशि में हो रहा है. सूतक चंद्र ग्रहण शुरू होने के 8 घंटे पहले से प्रारंभ हो जाएगा. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक सूतक लगने से पहले ही सभी धार्मिक स्थल, देवालय घर के पूजा घर धार्मिक आयोजन बंद कर देने चाहिए. सूतक खत्म होने के बाद ग्रहण खत्म होने के बाद ही उन्हें पवित्र करते हुए खोलना चाहिए. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य सूर्यकांत शुक्ला के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा घर को किस तरह साफ करने से चमक सकती है किस्मत!

चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद खुद को करें पवित्र: आचार्य सूर्यकांत शुक्ला बताते हैं कि चंद्रग्रहण जैसे ही खत्म हो, उसके बाद सबसे पहले पवित्री करें और पवित्री करने के लिए जल में गंगाजल डालकर पहले स्नान करें. (Chandra Grahan 2022)

इस मंत्र का जप करते हुए दें अर्घ्य, खुश होंगे चंद्र देवता: स्नान करने के बाद चंद्र देवता को तीन अंजली जल अर्घ दें, "ओम् सोमाय नमः" "ओम् चंद्राय नमः" का 11-11 बार जप करें, पुरुष वर्ग जो जनेऊ धारण करते हैं वो अपना जनेऊ बदलना न भूलें.

ग्रहण दान ऐसे निकालें: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक ग्रहण दान करते समय भी सावधानी रखें और तीन अंजली गेहूं, एक अंजली दाल, एक अंजली आटा निकाल कर के ग्रहण दान के लिए रख दें और प्रातः काल फिर उसे दान कर दें.

देवालय की ऐसे करें सफाई: यह सब प्रक्रिया करने के बाद अपने देवालय या फिर पूजा घर या मंदिर के कपाट खोलें. सर्वप्रथम पूर्वाभिमुख (पूर्व की ओर घूमकर) होकर अपने मंदिर या देवालय को गंगाजल डालकर लेपन करें. इसके लिए पानी में थोड़ा गाय का गोबर और थोड़ा गंगाजल पानी में डाल कर के अपने मंदिर परिसर में लेपन करें जिससे भाग्य चमकेगी. देवालय की साफ सफाई के लिए और ज्यादा करना चाहते हैं तो गंगाजल, इत्र, कुमकुम, रोचन का मिश्रण बनाएं, और देवालय में छीटा मारे, पवित्री मंत्र पढ़ें.

लाल कपड़े से ही पोछा लगाएं: देवालय की साफ सफाई अगर आप कर सकते हैं तो कोशिश करें कि लाल कपड़े से ही पोछा लगाएं, जिससे किस्मत चमकेगी. कुमकुम रोचन इत्यादि से श्रंगार कर दें पोछा लगाने के बाद गंगाजल, नर्मदा जल या तीर्थ जल मिले तो उसके बाद चारों तरफ छीटा मार दें, ध्यान रहे रोचन का छींटा पुष्प से और तीर्थ जल का छींटा कुश से दें.

Lunar Eclipse 2022: चंद्र ग्रहण के समय किन बातों का रखें ध्यान, क्या करें क्या ना करें

देवालय को सजाने में रखें विशेष ध्यान: देवालय को सजाने में भी विशेष ध्यान रखें, गुलाब के पुष्प अर्पित करके शिव और पार्वती की पूजा करें, इसके अलावा कुमकुम रोली से अपने देवस्थान का पूजन करें और रोचन से स्वास्तिक बनाकर कलश रखें, और रात भर दिया जलाएं मोक्ष के बाद जिससे भाग्य उदय होगा. पीले पुष्प और गुलाब के पुष्प अगर मिल जाएं तो मंदिर को सजा दें मोतियों की माला या मोती मिल जाए तो उसे वहां रख दें. इससे चंद्र प्रभावशाली होंगे चांदी और मोती चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है, कोशिश करें कि मोती मंदिर परिसर में रात भर रख दें भगवान के पास रख दें।

देवालय में मोती रखने के फायदे: देवालय में मोती रखने से मानसिक शांति मिलेगी, धन की वृद्धि होगी, बालक की शिक्षा में वृद्धि होगी, घर में सुख समृद्धि और धन की प्राप्ति होगी, शिव प्रसन्न होकर घर के वास्तु दोष को समाप्त करेंगे.

आसान को ऐसे करें पवित्र: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक देवालय में आसन को पवित्र करने में भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. आसन को पवित्र करें, रेशमी चटाई या रेशमी कंबल या रेशमी आसन पर बैठकर देवालय में घी से दिया जलाएं. कुश से आसन पर छीटा मार कर जल से पवित्र करें प्रयास करें कि पूर्वाभिमुख या उत्तराधिमुख होकर ही पूजा करें तो भाग्य उदय होगा.

शहडोल। साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को होने जा रहा है जिसे लेकर ज्योतिषाचार्य ने सावधानी बरतने की सलाह दी है. ज्योतिषाचार्य और भगवताचार्य सूर्यकांत शुक्ला के मुताबिक इस बार चंद्र ग्रहण भरणी नक्षत्र मेष राशि में हो रहा है. सूतक चंद्र ग्रहण शुरू होने के 8 घंटे पहले से प्रारंभ हो जाएगा. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक सूतक लगने से पहले ही सभी धार्मिक स्थल, देवालय घर के पूजा घर धार्मिक आयोजन बंद कर देने चाहिए. सूतक खत्म होने के बाद ग्रहण खत्म होने के बाद ही उन्हें पवित्र करते हुए खोलना चाहिए. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य सूर्यकांत शुक्ला के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा घर को किस तरह साफ करने से चमक सकती है किस्मत!

चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद खुद को करें पवित्र: आचार्य सूर्यकांत शुक्ला बताते हैं कि चंद्रग्रहण जैसे ही खत्म हो, उसके बाद सबसे पहले पवित्री करें और पवित्री करने के लिए जल में गंगाजल डालकर पहले स्नान करें. (Chandra Grahan 2022)

इस मंत्र का जप करते हुए दें अर्घ्य, खुश होंगे चंद्र देवता: स्नान करने के बाद चंद्र देवता को तीन अंजली जल अर्घ दें, "ओम् सोमाय नमः" "ओम् चंद्राय नमः" का 11-11 बार जप करें, पुरुष वर्ग जो जनेऊ धारण करते हैं वो अपना जनेऊ बदलना न भूलें.

ग्रहण दान ऐसे निकालें: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक ग्रहण दान करते समय भी सावधानी रखें और तीन अंजली गेहूं, एक अंजली दाल, एक अंजली आटा निकाल कर के ग्रहण दान के लिए रख दें और प्रातः काल फिर उसे दान कर दें.

देवालय की ऐसे करें सफाई: यह सब प्रक्रिया करने के बाद अपने देवालय या फिर पूजा घर या मंदिर के कपाट खोलें. सर्वप्रथम पूर्वाभिमुख (पूर्व की ओर घूमकर) होकर अपने मंदिर या देवालय को गंगाजल डालकर लेपन करें. इसके लिए पानी में थोड़ा गाय का गोबर और थोड़ा गंगाजल पानी में डाल कर के अपने मंदिर परिसर में लेपन करें जिससे भाग्य चमकेगी. देवालय की साफ सफाई के लिए और ज्यादा करना चाहते हैं तो गंगाजल, इत्र, कुमकुम, रोचन का मिश्रण बनाएं, और देवालय में छीटा मारे, पवित्री मंत्र पढ़ें.

लाल कपड़े से ही पोछा लगाएं: देवालय की साफ सफाई अगर आप कर सकते हैं तो कोशिश करें कि लाल कपड़े से ही पोछा लगाएं, जिससे किस्मत चमकेगी. कुमकुम रोचन इत्यादि से श्रंगार कर दें पोछा लगाने के बाद गंगाजल, नर्मदा जल या तीर्थ जल मिले तो उसके बाद चारों तरफ छीटा मार दें, ध्यान रहे रोचन का छींटा पुष्प से और तीर्थ जल का छींटा कुश से दें.

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देवालय को सजाने में रखें विशेष ध्यान: देवालय को सजाने में भी विशेष ध्यान रखें, गुलाब के पुष्प अर्पित करके शिव और पार्वती की पूजा करें, इसके अलावा कुमकुम रोली से अपने देवस्थान का पूजन करें और रोचन से स्वास्तिक बनाकर कलश रखें, और रात भर दिया जलाएं मोक्ष के बाद जिससे भाग्य उदय होगा. पीले पुष्प और गुलाब के पुष्प अगर मिल जाएं तो मंदिर को सजा दें मोतियों की माला या मोती मिल जाए तो उसे वहां रख दें. इससे चंद्र प्रभावशाली होंगे चांदी और मोती चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है, कोशिश करें कि मोती मंदिर परिसर में रात भर रख दें भगवान के पास रख दें।

देवालय में मोती रखने के फायदे: देवालय में मोती रखने से मानसिक शांति मिलेगी, धन की वृद्धि होगी, बालक की शिक्षा में वृद्धि होगी, घर में सुख समृद्धि और धन की प्राप्ति होगी, शिव प्रसन्न होकर घर के वास्तु दोष को समाप्त करेंगे.

आसान को ऐसे करें पवित्र: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक देवालय में आसन को पवित्र करने में भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. आसन को पवित्र करें, रेशमी चटाई या रेशमी कंबल या रेशमी आसन पर बैठकर देवालय में घी से दिया जलाएं. कुश से आसन पर छीटा मार कर जल से पवित्र करें प्रयास करें कि पूर्वाभिमुख या उत्तराधिमुख होकर ही पूजा करें तो भाग्य उदय होगा.

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