शहडोल। 22 मार्च से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो रही है, जिसकी तैयारी लगभग-लगभग सभी ने पूरी कर ली है. चैत्र नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही 9 दिन तक माता के भक्त कठिन तपस्या करेंगे. माता को प्रसन्न करने के लिए अपने अपने तरीके से पूजा-पाठ करेंगे, तप और साधना करेंगे. नवरात्र में 9 दिन अलग-अलग नौ देवियों की पूजा की जाती है. ज्योतिष और वास्तु के सलाहकार पंडित श्रवण त्रिपाठी बताते हैं कि इन 9 दिनों के दौरान अलग-अलग 9 देवियों की पूजा की जाती है. इस दौरान अलग अलग दिन इन रंगों का इस्तेमाल किया जाए या इन रंगों के वस्त्रों को धारण करके पूजा किया जाए तो विशेष फल मिलता है.
नौ दिन, नौ रंग, माता को प्रसन्न करने करें ये काम
- प्रतिपदा को शैलपुत्री माता का पूजा किया जाता है और अगर इस विशेष दिन आप नीले रंग का प्रयोग करते हैं या इस रंग के वस्त्रों को धारण करके माता की पूजा करते हैं साधना करते हैं तो निश्चित तौर पर आपकी पूजा के सफल होने के ज्यादा आसार बढ़ जाएंगे.
- दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. ब्रह्मचारिणी की पूजा में पीले वस्त्रों को धारण करें पीले रंग का इस्तेमाल करें. प्रयोग करें पीला रंग का इस्तेमाल करते हुए ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से ज्यादा फायदा होगा.
- तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की उपासना करें. चंद्रघंटा मां का उपासना करते समय आप हरे रंग का प्रयोग कर सकते हैं लाभ होगा.
- चतुर्थ दिवस आप मां कूष्मांडा की उपासना करें. कुष्मांडा की उपासना में आप ग्रे रंग का इस्तेमाल करें, माता की पूजन करें लाभ होगा.
- पांचवें दिवस आप स्कंदमाता की पूजा करें. स्कंदमाता की पूजन के समय भगवा सिंदूरी कलर के रंग का इस्तेमाल कर सकते हैं.
- छठवें दिवस मां कात्यायनी की आराधना करें. मां कात्यायनी की आराधना करते समय आप सफेद रंग का उपयोग कर सकते हैं.
- सप्तम दिवस मां कालरात्रि की पूजा करें. मां कालरात्रि की पूजन करते समय आप लाल रंग का इस्तेमाल कर सकते हैं.
- अष्टम दिवस आप महागौरी की पूजा करें. महागौरी की पूजन करते समय आप नीला और हरे रंग का मिश्रण, जिसे सामान्य भाषा में आसमानी रंग या फिर फिरोजी रंग कहा जा सकता है. ऐसे रंग का उपयोग करें जो कि आपके लिए अधिक लाभदायक होगा शुभ फलदाई होगा.
- नौवें दिन आप मां सिद्धिदात्री की पूजा करें और सिद्धिदात्री की पूजा में आप गुलाबी रंग का उपयोग करें. इस तरह से आप 9 दिन विधि विधान से मां भगवती की पूजा में अलग-अलग रंगों को इस्तेमाल करें और भगवती मां की आराधना सच्चे मन से करें, तो माता जल्दी प्रसन्न होती हैं, तो आप का घर धनधान्य से भरेगा, विपत्तियों का नाश होगा और सुखमय जीवन बीतेगा.
व्रत का विशेष महत्व: ऐसे बहुत से जातक हैं जो 9 दिन का व्रत करते हैं. वह जातक अपना व्रत 22 मार्च से शुरू करके 30 मार्च तक कर सकते हैं, और 31 मार्च को अपने व्रत का पारण कर सकते हैं या व्रत तोड़ सकते हैं, जो व्यक्ति 9 दिन व्रत नहीं कर सकते हैं. उन्हें चाहिए कि वह अष्टमी के दिन मां भगवती की विशेष पूजन अर्चन करें एवं व्रत करें और मां जगदंबा की आराधना करते हुए कन्या भोज करें और हवन करें. यथाशक्ति के अनुसार जिस भी तरह से सच्चे मन से मां का पूजन कर सकते हैं. निश्चित तौर से अष्टमी के दिन किया गया पूजन 9 दिन के बराबर फल देता है.