शहडोल। चैत्र माह की अमावस्या तिथि इस बार 21 मार्च को पड़ रही है. ज्योतिषाचार्य बिमलेश कुमार उपाध्याय के मुताबिक, चैत्र माह की अमावस्या तिथि के दिन कुछ ऐसे उपाय हैं, जिन्हें करने के बाद कई तरह के कष्टों से मुक्ति पाई जा सकती है. इस बार कुछ विशेष उपाय करके मंगल दोष से भी मुक्ति पाई जा सकती है.
पापों से मिलती है मुक्ति: ज्योतिषाचार्य पंडित बिमलेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि चैत्र माह की अमावस्या इस बार मंगलवार के दिन पड़ रही है. मंगलवार के चलते इसे भौमवती अमावस्या के नाम से भी जाना जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या की तिथि पर नदी या तालाब में स्नान करना, दान और पुण्य का बहुत महत्व होता है. इससे पापों से मुक्ति मिलती है.
चैत्र अमावस्या का शुभ मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य बिमलेश कुमार उपाध्याय बताते हैं कि चैत्र अमावस्या तिथि का आरंभ 20 मार्च की रात 1:48 से होगा, जो 21 मार्च को 10:53 तक रहेगा. इस अमावस्या का शुभ फल प्राप्त करने के लिए आप 21 मार्च को सुबह-सुबह ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान कर लें. इसके बाद इष्ट देव की पूजा-अर्चना कर दान पुण्य करें.
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दान उत्तम फलदायी: माना जाता है कि अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और पूजा-अर्चना करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. अमावस्या तिथि पर पितरों की पूजा करने का बहुत खास महत्व है. इस दौरान पितरों की शांति के उद्देश्य से किया गया दान उत्तम फलदायी रहता है. इस दिन पितरों के नाम से काले तिल का दान करना शुभ रहता है.
करें ये उपाय, सारे कष्ट होंगे दूर: इस भौमवती अमावस्या पर गुड़ शहद का दान कर सकते हैं. ऐसा करने से मंगल दोष में कमी आती है. इसके अलावा इस अमावस्या के दिन हनुमान जी की पूजा अर्चना करने का भी विशेष महत्व है. विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा करें तो विशेष फल की प्राप्ति होगी. मंगल दोष से मुक्ति भी मिलेगी और आपके जीवन में जितने भी क्लेश, कष्ट, संकट चल रहे हैं, वे सभी दूर होंगे.