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शहडोल: मोदी लहर के आगे ज्ञान सिंह की बगावत का नहीं दिखा असर, हिमाद्रि सिंह ने दर्ज की बड़ी जीत

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Published : May 25, 2019, 4:24 PM IST

शहडोल लोकसभा सीट पर बीजेपी के ज्ञान सिंह की वगावत का असर नहीं दिखा. इस सीट पर बीजेपी की हिंमाद्री सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी को चार लाख से भी ज्यादा वोटों से शिकस्त दी.

ज्ञान सिंह

शहडोल। शहडोल लोकसभा सीट पर बीजेपी की हिंमाद्री सिंह ने बड़ी जीत हासिल की हैं. चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुई हिमाद्री सिंह को बीजेपी ने ज्ञान सिंह का टिकट काट कर उम्मीदवार बनाया और उन्होंने तत्कालीन सांसद की बगावत के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराकर जीत हासिल की.

शहडोल लोकसभा सीट पर नहीं दिखा ज्ञान सिंह की बगावत का असर

कांग्रेस से बीजेपी में आई हिंमाद्री को टिकट दिए जाने पर शहडोल के तत्कालीन सांसद ज्ञान सिंह ने नाराजगी जताई थी. उन्होंने लोकसभा चुनाव में मतदान भी नहीं किया था. जिससे कयास लग रहे थे कि ज्ञान सिंह की नाराजगी हिंमाद्री सिंह को भारी पड़ सकती है. लेकिन हिंमाद्री ने जीत दर्ज इन सभी कयासों पर विराम लगा दिया है.

टिकट कटने के बाद ज्ञान सिंह काफी नाराज थे, पुराने नेता हैं, कई बार से सांसद, विधायक बन रहे थे, राज्य सरकार में मंत्री भी रहे, उनके इस कद को देखते हुए उनकी इस नाराजगी को लोग हल्के में भी लेकर नहीं चल रहे थे. माना जा रहा था शहडोल संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले ज्ञान सिंह के गृह जिले उमरिया में बीजेपी को उनकी नाराजगी का नुकसान हो सकता है. लेकिन उमरिया जिले में बीजेपी के जरदस्त सफलता हासिल हुई.

उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी की हिमाद्री सिंह को 1,14, 690 वोट मिले तो कांग्रेस की प्रमिला सिंह को इस विधानसभा में महज 34,873 वोट हासिल हुए. इसी तरह बांधवगढ़ विधानसभा की बात करें तो यहां से बीजेपी 96,480 वोट मिले तो कांग्रेस 42,163 वोट ही मिले. जहां ज्ञान सिंह की नाराजगी का कोई असर देखने को नहीं मिला.

शहडोल। शहडोल लोकसभा सीट पर बीजेपी की हिंमाद्री सिंह ने बड़ी जीत हासिल की हैं. चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुई हिमाद्री सिंह को बीजेपी ने ज्ञान सिंह का टिकट काट कर उम्मीदवार बनाया और उन्होंने तत्कालीन सांसद की बगावत के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराकर जीत हासिल की.

शहडोल लोकसभा सीट पर नहीं दिखा ज्ञान सिंह की बगावत का असर

कांग्रेस से बीजेपी में आई हिंमाद्री को टिकट दिए जाने पर शहडोल के तत्कालीन सांसद ज्ञान सिंह ने नाराजगी जताई थी. उन्होंने लोकसभा चुनाव में मतदान भी नहीं किया था. जिससे कयास लग रहे थे कि ज्ञान सिंह की नाराजगी हिंमाद्री सिंह को भारी पड़ सकती है. लेकिन हिंमाद्री ने जीत दर्ज इन सभी कयासों पर विराम लगा दिया है.

टिकट कटने के बाद ज्ञान सिंह काफी नाराज थे, पुराने नेता हैं, कई बार से सांसद, विधायक बन रहे थे, राज्य सरकार में मंत्री भी रहे, उनके इस कद को देखते हुए उनकी इस नाराजगी को लोग हल्के में भी लेकर नहीं चल रहे थे. माना जा रहा था शहडोल संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले ज्ञान सिंह के गृह जिले उमरिया में बीजेपी को उनकी नाराजगी का नुकसान हो सकता है. लेकिन उमरिया जिले में बीजेपी के जरदस्त सफलता हासिल हुई.

उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी की हिमाद्री सिंह को 1,14, 690 वोट मिले तो कांग्रेस की प्रमिला सिंह को इस विधानसभा में महज 34,873 वोट हासिल हुए. इसी तरह बांधवगढ़ विधानसभा की बात करें तो यहां से बीजेपी 96,480 वोट मिले तो कांग्रेस 42,163 वोट ही मिले. जहां ज्ञान सिंह की नाराजगी का कोई असर देखने को नहीं मिला.

Intro:2405 MP SHO Himadri praman patr 7203529 नाम से विसुअल हिमाद्री सिंह के प्रमाण पत्र लेते हुए एफटीपी किया हूँ।


सांसद ज्ञान सिंह का कटा था टिकट, जानिए उनकी नाराजगी का कितना रहा असर, वोट भी नहीं किया था।

शहडोल- शहडोल लोकसभा सीट में बीजेपी की हिमाद्री सिंह ने बड़ी जीत हासिल कर अपना परचम लहरा दिया, और सांसद बनने में कामयाब रहीं। हिमाद्री सिंह ने कांग्रेस की प्रमिला सिंह को रिकॉर्ड मतों से हराकर ये कारनामा किया, जब हिमाद्री सिंह को टिकट मिला था तो बीजेपी ने सांसद ज्ञान सिंह का टिकट काटकर हिमाद्री को मैदान पर उतारा था, जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ था, ज्ञान सिंह की नाराजगी ने इस सीट को सुर्खियों में ला दिया था, उनकी नाराजगी इतनी ज्यादा थी कि वो वोट करने भी नहीं गए, उनकी इस नाराजगी को लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे थे। कहा जा रहा था कि ज्ञान सिंह की इस नाराजगी का खामियाजा बीजेपी को उनके क्षेत्र उमरिया में उठाना पड़ सकता है, लेकिन रिजल्ट आते ही सबकुछ क्लियर हो गया, मोदी की इस आंधी में ज्ञान सिंह जैसे नेताओं की नाराजगी का कोई असर नहीं दिखा, उनके क्षेत्र के दोनों विधानसभा के आंकड़े तो कुछ यही कह रहे हैं।


Body:ज्ञान सिंह की नाराजगी का कोई असर नहीं

टिकट कटने के बाद ज्ञान सिंह काफी नाराज थे, पुराने नेता हैं, कई बार से सांसद, विधायक बन रहे थे, राज्य सरकार में मंत्री भी रहे, उनके इस कद को देखते हुए उनकी इस नाराजगी को लोग हल्के में भी लेकर नहीं चल रहे थे। ऐसा कहा जा रहा था कि ज्ञान सिंह के गृह जिले में इसका कुछ असर देखने को मिल सकता है इसीलिय कई बार बीजेपी के बड़े नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश भी की, यहां तक कि कई बार हिमाद्री भी मनाने गई,
लेकिन ज्ञान सिंह का गुस्सा शांत नहीं हुआ। नाराजगी इतनी ज्यादा थी कि वो वोट भी करने नहीं पहुंचे।

लेकिन जब रिजल्ट आया तो हिमाद्री की जीत इतनी बड़ी हुई कि उसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उमरिया जिले के दोनो विधानसभा में ज्ञान सिंह की नाराजगी का कितना असर रहा।

दरअसल ज्ञान सिंह का गृह जिला उमरिया है, और यहां दो विधानसभा सीट हैं और यहां के दोनों ही विधानसभा सीटों में हिमाद्री सिंह को जबरदस्त वोट मिले।

उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी की हिमाद्री सिंह को 1,14, 690 वोट मिले तो कांग्रेस की प्रमिला सिंह को इस विधानसभा में महज 34,873 वोट हासिल हुए।

वहीं उमरिया जिले के ही बांधवगढ़ विधानसभा की बात करें तो यहां से बीजेपी की हिमाद्री सिंह को 96,480 वोट मिले तो कांग्रेस की प्रमिला सिंह को 42,163 वोट ही मिले।


Conclusion:गौरतलब है कि जिस तरह से उमरिया जिले के बांधवगढ़ और मानपुर विधानसभा से बीजेपी को जनसमर्थन मिला है उससे एक बात तो साफ है कि यहां ज्ञान सिंह की नाराजगी का कोई असर नहीं रहा, ज्ञान सिंह एक जनप्रतिनिधि होते हुए भी वोट करने नहीं गए तो क्या हुआ, वहां की जनता ने जमकर वोटिंग किया।
और ये साफ कर दिया कि जनप्रतिनिधि कोई भी हो अगर काम नहीं करेगा तो जनता उसे पसंद नहीं करेगी फिर चाहे वो कोई भी हो।
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