Ashadh Month 2023: जून का महीना चल रहा है एक तरह से कहा जाए तो नौतपा खत्म हो चुका है और आषाढ़ के महीने की भी शुरुआत हो चुकी है ज्योतिषाचार्य की मानें तो आषाढ़ के महीने का धार्मिक महत्व होता है और इस विशेष समय में भगवान विष्णु के पूजन का भी विशेष महत्व होता है.
आषाढ़ महीना क्यों है खास: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "अभी 4 जून को पूर्णिमा तिथि थी उसके बाद 5 जून 2023 से आषाढ़ के महीने का कृष्ण पक्ष प्रारंभ हो गया है, जो 3 जुलाई तक रहेगा. लेकिन 28 जून तक आषाढ़ का महीना बहुत ही विशेष होगा, क्योंकि इस दौरान भगवान विष्णु के पूजन अर्चन का विशेष पुण्य लाभ है."
ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि "इस दौरान शुभ विवाह हर तरह के मांगलिक कार्यक्रम चलते रहेंगे, अभी इस आषाढ़ महीने में विष्णु भगवान का पूर्ण अधिकार है. लोग भगवान विष्णु का पूजन करें, व्रत करें और एकादशी का व्रत रखें और अगर व्रत नहीं रख सकते हैं तो भगवान विष्णु जी का पूजा करें. आषाढ़ महीना इसलिए भी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस महीने से वर्षा ऋतु भी प्रारंभ हो जाती है. आषाढ़ माह में आद्रा नक्षत्र भी होता है जो कि वर्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण नक्षत्र माना जाता है, जो कि आषाढ़ माह में ही प्रारंभ होता है. ऐसा भी माना जाता है कि अगर आर्द्रा नक्षत्र में वर्षा हो गई तो फसल भी अच्छी होगी. आषाढ़ माह में आर्द्रा नक्षत्र होने के चलते ये भी यह माह अहम हो जाता है.
किस दिन से शयन में जाएंगे विष्णु भगवान: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री आगे बताते हैं कि 28 जून तक तो विष्णु जी का एकाधिकार रहेगा और 29 जून को भीमसेनी एकादशी है, इसी दिन से सभी देवी देवता लोग अपने-अपने धाम को पधारेंगे. इस दौरान भगवान विष्णु भी 4 माह के लिए निद्रा में चले जाएंगे, इसके साथ ही चतुर्मास प्रारंभ होता है और उसके बाद ही संपूर्ण अधिकार शिवजी को सौंप दिया जाता है और शिवजी यहां के उत्तराधिकारी होते हैं.
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मांगलिक कार्य होंगे बंद: जब भगवान विष्णु शयन के लिए जाते हैं तो सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं, बस कथा, पुराण, भागवत आदि चलते रहेंगे. इस बार सावन भी 2 महीने का है, अधिक मास होने के कारण 60 दिन का होगा, इस दौरान अनुष्ठान होंगे शिव जी की पूजा होगी और सावन के महीने में शिव जी का विशेष पूजा अर्चन किया जाता है.