शहडोल। वैसे तो भगवान शिव के भक्तों की कमी नहीं है. साल के 12 महीने शिवालयों में शिव भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन महाशिवरात्रि के दिन शिवालयों में भक्तों की एक अलग भक्ति देखने को मिलती है. कोई भी शिवालय हो वहां दूर-दूर से शिव दर्शन के लिए भक्त उमड़ते हैं. महाशिवरात्रि के इस पावन पर्व पर हम बात कर रहे है ऐसे अद्भुत अर्धनारेश्वर शिवलिंग की जो देश में विरले ही मिलते हैं. इस तरह के शिवलिंग का विशेष महत्व होता है.
अद्भुत है ये अर्धनारेश्वर शिवलिंग
गुफा में गूंज रही घंटियों की ये आवाज अपने आप में ही एक अलग सुकून देती है. जब सामने अद्भुत अलौकिक अर्धनारेश्वर शिवलिंग हो तो वहां मन को एक अलग ही शांति का अहसास होता है. कहते हैं ऐसे अद्भुत शिवलिंग के दर्शन से ही सारे पाप धुल जाते हैं. मन पवित्र हो जाता है.
जिला मुख्यालय से लगभग 35 से 40 किलोमीटर दूर लखबरिया धाम है, जहां अर्धनारेश्वर शिवलिंग के दर्शन होते हैं. गुफा के अंदर विराजे अर्धनारेश्वर अवतार में शिव की एक अलग ही महिमा देखने को मिलती है. आलम यह है कि महाशिवरात्रि के दिन तो यहां पैर रखने की जगह नहीं होती है. बड़े तादात में लोग अर्धनारेश्वर शिवलिंग के दर्शन करने पहुंचते हैं. कहा जाता है कि इस तरह के अद्भुत शिवलिंग के दर्शन बहुत विरले ही होते हैं.
अद्भुत है इसकी कहानी
लखबरिया धाम के गुफा के अंदर स्थित इस शिवलिंग की खोज ही अद्भुत तरीके से हुई है. मुख्य पुजारी की अनुपस्थिति में पूजा में लगे तपस्वी रजनीश मिश्रा बताते हैं कि इस शिवलिंग की जानकारी तब लगी, जब महाराज करीब 28 से 30 साल पहले चतुर्मास व्रत पर थे. वहां उन्हें सपना आया कि यहां अद्भुत शिवलिंग है. इसके बाद शिवलिंग को निकाला गया.
अगर इसकी विशेषता की बात करें, तो रजनीश मिश्रा बताते हैं कि ऐसी शिवलिंग पूरे भारत में आपको कहीं भी नहीं मिलेगी. अमरनाथ में जो तीन रेखा बनती है, आप देखेंगे कि इस शिवलिंग में ब्रह्मा, विष्णु, महेश, शक्ति के साथ गणपति समाहित है. इस तरह के शिवलिंग बहुत विरले ही मिलते हैं. ये तो अद्भुत और अद्वितीय शिवलिंग है.