शहडोल। #EtvBharat की मुहिम रंग लाई तो किसान की टूटती आस को संजीवनी मिल गयी, जिससे वह अब आराम से अपना और अपने पेट का परिवार पाल सकता है क्योंकि लड़खड़ाते कदमों से अंधे बैल को रास्ता दिखाता बुजुर्ग किसान नया बैल नहीं खरीद सकता था, लिहाजा पड़ोसी के अंधे बैल की रस्सी पकड़कर वह रास्ता दिखाता और उसका बेटा पीछे हल पकड़कर चलता, किसान खुद ही शारीरिक रूप से सक्षम नहीं था, फिर भी लाचारी की वजह से वह लाठी के सहारे चलकर भी बैलों को रास्ता दिखाता था. जिसके बाद किसान ने जिला प्रशासन और ईटीवी भारत का आभार जताया है.
जिला मुख्यालय से करीब 15 से 20 किलोमीटर दूर, जोधपुर ग्राम पंचायत के जमुनिहा निवासी चैतू कोल पेशे से किसान है. जो खेती और मजदूरी के सहारे अपने परिवार का पालन-पोषण करता है. किसान का एक बैल मर गया था, लेकिन उसकी माली हालत ठीक नहीं थी. लिहाजा, वह बैल खरीद नहीं सकता था. किसान की परेशानी को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद कलेक्टर ललित दाहिमा ने किसान की सस्याओं का समाधान किया.
प्रशासन ने किसान को जरूरत के हिसाब से एक बैल मुहैया कराया है. साथ ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ अगस्त से किसान को मिलने लगेगा. इसके अलावा 5 हजार रुपये की एकमुश्त राशि भी किसान को उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है.