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किसान के चेहरे पर दिखा ईटीवी भारत का असर, बैल मिलते ही मुस्कुराकर बोला, धन्यवाद - शहडोल

शहडोल में शारीरिक रूप से कमजोर बुजुर्ग किसान को प्रशासन की ओर से बैल मुहैया कराया है. जिसके बाद किसान ने ईटीवी भारत का धन्यवाद दिया है.

किसान के चेहरे पर दिखा ईटीवी भारत का असर
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Published : Jul 8, 2019, 3:32 PM IST

शहडोल। #EtvBharat की मुहिम रंग लाई तो किसान की टूटती आस को संजीवनी मिल गयी, जिससे वह अब आराम से अपना और अपने पेट का परिवार पाल सकता है क्योंकि लड़खड़ाते कदमों से अंधे बैल को रास्ता दिखाता बुजुर्ग किसान नया बैल नहीं खरीद सकता था, लिहाजा पड़ोसी के अंधे बैल की रस्सी पकड़कर वह रास्ता दिखाता और उसका बेटा पीछे हल पकड़कर चलता, किसान खुद ही शारीरिक रूप से सक्षम नहीं था, फिर भी लाचारी की वजह से वह लाठी के सहारे चलकर भी बैलों को रास्ता दिखाता था. जिसके बाद किसान ने जिला प्रशासन और ईटीवी भारत का आभार जताया है.

किसान के चेहरे पर दिखा ईटीवी भारत का असर

जिला मुख्यालय से करीब 15 से 20 किलोमीटर दूर, जोधपुर ग्राम पंचायत के जमुनिहा निवासी चैतू कोल पेशे से किसान है. जो खेती और मजदूरी के सहारे अपने परिवार का पालन-पोषण करता है. किसान का एक बैल मर गया था, लेकिन उसकी माली हालत ठीक नहीं थी. लिहाजा, वह बैल खरीद नहीं सकता था. किसान की परेशानी को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद कलेक्टर ललित दाहिमा ने किसान की सस्याओं का समाधान किया.

प्रशासन ने किसान को जरूरत के हिसाब से एक बैल मुहैया कराया है. साथ ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ अगस्त से किसान को मिलने लगेगा. इसके अलावा 5 हजार रुपये की एकमुश्त राशि भी किसान को उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है.

शहडोल। #EtvBharat की मुहिम रंग लाई तो किसान की टूटती आस को संजीवनी मिल गयी, जिससे वह अब आराम से अपना और अपने पेट का परिवार पाल सकता है क्योंकि लड़खड़ाते कदमों से अंधे बैल को रास्ता दिखाता बुजुर्ग किसान नया बैल नहीं खरीद सकता था, लिहाजा पड़ोसी के अंधे बैल की रस्सी पकड़कर वह रास्ता दिखाता और उसका बेटा पीछे हल पकड़कर चलता, किसान खुद ही शारीरिक रूप से सक्षम नहीं था, फिर भी लाचारी की वजह से वह लाठी के सहारे चलकर भी बैलों को रास्ता दिखाता था. जिसके बाद किसान ने जिला प्रशासन और ईटीवी भारत का आभार जताया है.

किसान के चेहरे पर दिखा ईटीवी भारत का असर

जिला मुख्यालय से करीब 15 से 20 किलोमीटर दूर, जोधपुर ग्राम पंचायत के जमुनिहा निवासी चैतू कोल पेशे से किसान है. जो खेती और मजदूरी के सहारे अपने परिवार का पालन-पोषण करता है. किसान का एक बैल मर गया था, लेकिन उसकी माली हालत ठीक नहीं थी. लिहाजा, वह बैल खरीद नहीं सकता था. किसान की परेशानी को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद कलेक्टर ललित दाहिमा ने किसान की सस्याओं का समाधान किया.

प्रशासन ने किसान को जरूरत के हिसाब से एक बैल मुहैया कराया है. साथ ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ अगस्त से किसान को मिलने लगेगा. इसके अलावा 5 हजार रुपये की एकमुश्त राशि भी किसान को उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है.

Intro:Etv Bharat के खबर का असर, गरीब किसान चैतू कोल को मिला बैल, पेंशन के साथ ही की गईं और भी मदद

शहडोल- अब गरीब किसान चैतू कोल को खेत में बैल को रस्सी से पकड़कर आगे आगे नहीं चलना पड़ेगा, क्योंकि अब चैतू के हर समस्या का समाधान हो चुका है।

Etv Bharat के खबर का असर हुआ है, जिस गरीब किसान चैतू कोल की समस्या को हमने प्रमुखता से सबके सामने लाया था, उस गरीब किसान की मदद तुरन्त ही जिला प्रशासन ने कर दी है।

जोधपुर ग्रामपंचायत के जमुनिहा टोला के रहने वाले गरीब किसान चैतू कोल के पास जुताई के लिये बैल नहीं थे वो खुद भी दिव्यांग था, साथ ही उसे पेंशन की राशि भी नहीं मिल रही थी। लेकिन अब उनके सभी समस्याओं का समाधान हो गया है जिसके बाद चैतू ने Etv Bharat को शुक्रिया कहा है।


Body:ऐसे की गई मदद

जोधपुर ग्रामपंचायत के जमुनिहा टोला के रहने वाले किसान चैतू कोल की दर्दनाक हालातों को जानने के बाद जिला प्रशासन तुरन्त ही हरकत में आया और आनन फानन में उसकी मदद की जिससे चैतू का किसी भी तरह का नुकसान न हो।

जिले के कलेक्टर ललित दाहिमा ने बताया कि किसान चैतू की समस्याओं के बारे में हमें आपके जरिये संज्ञान में आया था उनकी
सबसे बड़ी समस्या उसके बैल की थी जिस समस्या का समाधान कर दिया गया है, उन्हें जरूरत के हिसाब से एक बैल दे दिया गया है। साथ ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन भी इनको हम लोग अगस्त माह से दिलवाना शुरू कर देंगे। इनका प्रकरण तैयार कर दिया जाएगा। इसके अलावा 5 हजार रुपये की एकमुश्त राशि भी इन्हें हम लोग ट्राइबल से उपलब्ध करा रहे हैं इनकी जो अधिकतम मदद हम कर सकते हैं करेंगे। इस कार्य के लिए कलेक्टर ने अपने अधिकारियों की जमकर सराहना भी की।


Conclusion:जानिए किसान चैतू की पूरी कहानी

शहडोल जिला मुख्यालय से करीब 15 से 20 किलोमीटर दूर है जोधपुर ग्रामपंचायत और उसी गांव में है जमुनिहा टोला जहां कोल समाज के लोग बहुतायत में रहते हैं। और इन्हीं में से एक गरीब किसान है चैतू कोल जिसकी उम्र 65 साल है, खेती और मज़दूरी कर अपने और अपने परिवार का किसी कदर पेट पालता है। लेकिन इस गरीब किसान के पास नए बैल खरीदने के पैसे नहीं थे इसके पुराने बैल मर चुके हैं और अभी जो बैल हैं उनमें से एक बैल बुजुर्ग है साथ में एक आंख से अंधा भी है तो दूसरा जो बैल है वो एकदम नया और कमजोर है।

आलम ये था कि ये गरीब किसान अब अपने खेतों की जुताई जुगाड़ तंत्र से इन्हीं बैलों से करता था। चैतू कोल खुद रस्सी से एक बैल को आगे से पकड़ कर चलाता था और पीछे से उसका लड़का समयलाल कोल हल को पकड़कर खेतों की जुताई करता था। चैतू कोल खुद भी दिव्यांग हैं ज्यादा चलने में परेशानी होती थी।

चैतू कोल अपने इस समस्या को लेकर हर जगह गुहार लगा चुके थे सरपंच और सचिव को भी कई बार बोल चुके थे कई तरह के कागज भी बनवाकर दिए लेकिन हर कोई यही कह रहा था कि कागज ऊपर भेज दिया गया है, जब ऊपर से कोई आदेश आएगा तो बतया जाएगा। लेकिन चैतू की समस्या का कोई समाधान नहीं कर रहा था।

इसके अलावा 65 साल के चैतू कोल को पेंशन भी नहीं मिल रहा था, सरकारी योजनाएं से कोशो दूर थे।

इस खबर को Etv Bharat ने प्रमुखता से दिखाया था जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और चैतू के सभी समस्याओं का हल हो गया और अब चैतू खुश है।

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