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शहडोल जिला अस्पताल में नहीं थम रहा बच्चों की मौत का सिलसिला, 24 पहुंचा मौत का आंकड़ा

शहडोल का जिला अस्पताल इन दिनों बच्चों की मौत को लेकर सुर्खियों में छाया हुआ है. यहां एक के बाद एक बच्चे दम तोड़ चुके हैं. अब तक यहां कुल 24 बच्चों की मौत हो चुकी है. जानिए क्या कहते हैं शहडोल जिला अस्पताल के सिविल सर्जन

Shahdol District Hospital
शहडोल का जिला अस्पताल
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Published : Dec 14, 2020, 4:31 PM IST

शहडोल। जिला अस्पताल 26 नवंबर से ही सुर्खियों में है, यहां सिलसिलेवार तरीके से बच्चों की मौत का सिलसिला अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर से शहडोल जिला चिकित्सालय में दो और बच्चों की मौत हो गई. जिसमें एक बच्चे की मौत का कारण फीडिंग के दौरान श्वास नली में दूध जाना बताया जा रहा है. जबकि दूसरी बच्ची को बुखार और सर्दी से पीड़ित होना और दिमागी बुखार बताई जा रही है, आखिर ये बच्चे कहां के थे और इनकी किन वजहों से मौत हुई है, जानिए इस पूरे मामले को लेकर सिविल सर्जन ने क्या कहा.

सिविल सर्जन

दो और बच्चों की मौत

शहडोल जिला चिकित्सालय में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिला चिकित्सालय में दो और बच्चों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि उमरिया जिले के टिकरी टोला पाली से 4 महीने की बच्ची को जिला अस्पताल लाया गया था, चिकित्सकों ने जांच की तो उसकी सांसें थम चुकी थी चिकित्सकों ने पीआईसीयू में उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन बच्चे की मौत हो गई है. वहीं जिला अस्पताल में दूसरे बच्चे की मौत हुई है. वह 4 महीने की एक बच्ची है. बच्ची को उमरिया जिले के चननिया गांव से करीब 4 दिन पहले यहां इलाज के लिए लाया गया था.

बच्चों की मौत पर बोले सिविल सर्जन

जिला चिकित्सालय के नए प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर जीएस परिहार ने बच्चों की मौत को लेकर सफाई पेश करते हुए बताया कि दो बच्चों की मौत का जो मामला है, इसमें एक बच्चा उमरिया जिले से आया था वह एसएनसीयू में आया था और मृत अवस्था में आया था. यहां मौत हुई है कहना गलत है, दूसरी जो 4 महीने की बच्ची थी वह पीडियाट्रिक वार्ड वार्ड में भर्ती थी. वह बच्ची पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती थी. वह स्वस्थ थी, उसकी छुट्टी होनी थी. रात में दूध पिलाते पिलाते बच्ची सो गई. जिसकी वजह से बच्ची के स्वास नली में दूध चला गया और उसकी मौत हो गई. इसमें चिकित्सकों की कोई लापरवाही नहीं है. 26 तारीख से अब तक बच्चों की मौत के आंकड़े 24 हो गए हैं.

शहडोल जिला अस्पताल में दो और बच्चों की हुई मौत, अब तक 23 मासूम तोड़ चुके हैं दम

सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त

सिविल सर्जन डॉक्टर जीएस परिहार के मुताबिक पहले मैंने बच्चों को नहीं देखा था. लेकिन अभी देखा है तो एसएनसीयू में सारी व्यवस्थाएं सारे चिकित्सक हैं और कुछ चिकित्सकों की भी भर्ती हो गई है, हमारे यहां दवाइयों की भी कोई कमी नहीं है. ये जरूर कह सकते हैं कि भीड़ वहां ज्यादा है क्योंकि हमारे पास वार्मर 23 है और आज की डेट में 31 बच्चे भर्ती हैं और बच्चों की संख्या अधिक है.

क्यों सिर्फ यहीं ज्यादा मौत हो रही

सिविल सर्जन ने कहा कि पहला तो यहां बाहर से क्रिटिकल कंडीशन में बच्चे आते हैं. अब कल ही दोनों बच्चे उमरिया जिले के थे. बच्चे की जो मौत हुई उसको मस्तिष्क ज्वर था, चिकित्सकों ने बताया फिर भी उन्होंने प्रयास किया था कि शायद उस बच्चे की सांसे लौट आएं, इसके लिए चिकित्सकों ने प्रयास किया था. वहीं कम वजन के बच्चे गंभीर बच्चे आते हैं तो मेडिकल साइंस में भी चिकित्सकों के लिए भी एक लिमिटेशन ट्रीटमेंट में है.

स्वास्थ्य मंत्री कर चुके हैं अस्पताल का दौरा

गौरतलब है कि शहडोल जिला चिकित्सालय 26 नवंबर से ही लगातार सुर्खियों में है. जब से वहां सिलसिलेवार तरीके से बच्चों की मौत का मामला उजागर हुआ है और उसके बाद से तो पूरे देश में इस मामले को लेकर हड़कंप मचा हुआ है. खुद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी भी शहडोल जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करने पहुंच गए थे और उन्होंने इस दौरान जिला चिकित्सालय के सीएमएचओ और सिविल सर्जन को भी प्रभार से हटाया था और नए सिविल सर्जन और सीएमएचओ को यहां का प्रभार दिया गया है. शहडोल जिला चिकित्सालय में जैसा कि सिविल सर्जन ने बताया 26 तारीख से अब तक 24 बच्चों की मौत हो चुकी है.

शहडोल। जिला अस्पताल 26 नवंबर से ही सुर्खियों में है, यहां सिलसिलेवार तरीके से बच्चों की मौत का सिलसिला अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर से शहडोल जिला चिकित्सालय में दो और बच्चों की मौत हो गई. जिसमें एक बच्चे की मौत का कारण फीडिंग के दौरान श्वास नली में दूध जाना बताया जा रहा है. जबकि दूसरी बच्ची को बुखार और सर्दी से पीड़ित होना और दिमागी बुखार बताई जा रही है, आखिर ये बच्चे कहां के थे और इनकी किन वजहों से मौत हुई है, जानिए इस पूरे मामले को लेकर सिविल सर्जन ने क्या कहा.

सिविल सर्जन

दो और बच्चों की मौत

शहडोल जिला चिकित्सालय में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिला चिकित्सालय में दो और बच्चों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि उमरिया जिले के टिकरी टोला पाली से 4 महीने की बच्ची को जिला अस्पताल लाया गया था, चिकित्सकों ने जांच की तो उसकी सांसें थम चुकी थी चिकित्सकों ने पीआईसीयू में उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन बच्चे की मौत हो गई है. वहीं जिला अस्पताल में दूसरे बच्चे की मौत हुई है. वह 4 महीने की एक बच्ची है. बच्ची को उमरिया जिले के चननिया गांव से करीब 4 दिन पहले यहां इलाज के लिए लाया गया था.

बच्चों की मौत पर बोले सिविल सर्जन

जिला चिकित्सालय के नए प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर जीएस परिहार ने बच्चों की मौत को लेकर सफाई पेश करते हुए बताया कि दो बच्चों की मौत का जो मामला है, इसमें एक बच्चा उमरिया जिले से आया था वह एसएनसीयू में आया था और मृत अवस्था में आया था. यहां मौत हुई है कहना गलत है, दूसरी जो 4 महीने की बच्ची थी वह पीडियाट्रिक वार्ड वार्ड में भर्ती थी. वह बच्ची पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती थी. वह स्वस्थ थी, उसकी छुट्टी होनी थी. रात में दूध पिलाते पिलाते बच्ची सो गई. जिसकी वजह से बच्ची के स्वास नली में दूध चला गया और उसकी मौत हो गई. इसमें चिकित्सकों की कोई लापरवाही नहीं है. 26 तारीख से अब तक बच्चों की मौत के आंकड़े 24 हो गए हैं.

शहडोल जिला अस्पताल में दो और बच्चों की हुई मौत, अब तक 23 मासूम तोड़ चुके हैं दम

सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त

सिविल सर्जन डॉक्टर जीएस परिहार के मुताबिक पहले मैंने बच्चों को नहीं देखा था. लेकिन अभी देखा है तो एसएनसीयू में सारी व्यवस्थाएं सारे चिकित्सक हैं और कुछ चिकित्सकों की भी भर्ती हो गई है, हमारे यहां दवाइयों की भी कोई कमी नहीं है. ये जरूर कह सकते हैं कि भीड़ वहां ज्यादा है क्योंकि हमारे पास वार्मर 23 है और आज की डेट में 31 बच्चे भर्ती हैं और बच्चों की संख्या अधिक है.

क्यों सिर्फ यहीं ज्यादा मौत हो रही

सिविल सर्जन ने कहा कि पहला तो यहां बाहर से क्रिटिकल कंडीशन में बच्चे आते हैं. अब कल ही दोनों बच्चे उमरिया जिले के थे. बच्चे की जो मौत हुई उसको मस्तिष्क ज्वर था, चिकित्सकों ने बताया फिर भी उन्होंने प्रयास किया था कि शायद उस बच्चे की सांसे लौट आएं, इसके लिए चिकित्सकों ने प्रयास किया था. वहीं कम वजन के बच्चे गंभीर बच्चे आते हैं तो मेडिकल साइंस में भी चिकित्सकों के लिए भी एक लिमिटेशन ट्रीटमेंट में है.

स्वास्थ्य मंत्री कर चुके हैं अस्पताल का दौरा

गौरतलब है कि शहडोल जिला चिकित्सालय 26 नवंबर से ही लगातार सुर्खियों में है. जब से वहां सिलसिलेवार तरीके से बच्चों की मौत का मामला उजागर हुआ है और उसके बाद से तो पूरे देश में इस मामले को लेकर हड़कंप मचा हुआ है. खुद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी भी शहडोल जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करने पहुंच गए थे और उन्होंने इस दौरान जिला चिकित्सालय के सीएमएचओ और सिविल सर्जन को भी प्रभार से हटाया था और नए सिविल सर्जन और सीएमएचओ को यहां का प्रभार दिया गया है. शहडोल जिला चिकित्सालय में जैसा कि सिविल सर्जन ने बताया 26 तारीख से अब तक 24 बच्चों की मौत हो चुकी है.

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