शहडोल। जिला चिकित्सालय में सिविल सर्जन के विरोध में डॉक्टर का एक ग्रुप लगातार प्रदर्शन करते हुए उन्हें प्रभार से हटाने की बात कहता रहा है. जब से शहडोल जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन का प्रभार दंत चिकित्सक डॉक्टर जीएस परिहार को दिया गया है, तभी से शहडोल जिला चिकित्सालय के लगभग 20 डॉक्टर लगातार उनका विरोध कर रहे हैं. उनका साफ कहना है कि वह एक दंत चिकित्सक को जिला चिकित्सालय का सिविल सर्जन बनाए जाने के पक्ष में नहीं है. उनसे भी कई सीनियर और एमबीबीएस डॉक्टर अभी जिला चिकित्सालय में हैं, जिन्हें यह प्रभार सौंपा जाए, जिसे लेकर लगातार वह ज्ञापन भी देते रहें और विरोध भी दर्ज कराते रहे हैं.
जिसके बाद मंगलवार को उस समय इस विरोध में नया मोड़ आया. जब जिला चिकित्सालय के करीब 20 डॉक्टर्स ने एक साथ सामूहिक तौर पर सीएमएचओ ऑफिस जाकर अपना त्यागपत्र सौंप दिया. इस दौरान सीएमएचओ ऑफिस में सीएमएचओ एमएस सागर नहीं मिले तो आवक जावक में ही सभी डॉक्टर्स ने सामूहिक तौर पर अपना इस्तीफा दे दिया. सभी डॉक्टर अपने घर चले गए जिसके बाद सीएमएचओ ने इस मामले को लेकर साफ कहा कि सभी डॉक्टर्स को पहले मैंने समझाया था और फिर वह 3 दिन 4 दिन के लिए मान भी गए थे.
आज फिर उन्होंने मेरी अनुपस्थिति में मेरे कार्यालय में इस्तीफे का कॉपी लिख करके भेजा है. तो मैंने उनको एक पत्र जारी किया है, इसका एक फॉर्म है. निर्धारित प्रोफार्मा और उसमें एक चालान लगता है. वह चालान जमा कराएं, उसको शासन को भेज दिया जाएगा. शासन को फैसला लेना है जो भी करना है और जब तक नहीं आएंगे, तब तक अनाधिकृत अनुपस्थित मान्य किया जाएगा. वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर सीएमएचओ कहते हैं कि हमारे पास मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स की तो कोई कमी नहीं है तो हम उसी की व्यवस्था करेंगे. अभी मेडिकल कॉलेज और जिला चिकित्सालय दोनों का अस्पताल एक ही है इसलिए कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है.
गौरतलब है कि सीएमएचओ के इस बयान से एक बात तो साफ है कि डॉक्टर्स वर्सेज सिविल सर्जन के बीच जो विवाद चल रहा है वह भी थमने वाला नहीं है अब देखना यह है कि सीएमएचओ के इस बयान के बाद और उनके इस पत्र के बाद डॉक्टर्स का इस पत्र को लेकर क्या जवाब रहता है।