ETV Bharat / state

सिवनी: पानी का संकट, प्यास बुझाने के लिए बूंद- बूंद का सहारा

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के लखनादौन के आने वाले घुरवाडा में जहां की जनसंख्या तकरीबन 8 हजार के आसपास है. वहीं पाने के पानी के लिए संकट गहराता जा रहा है.

Water crisis
पानी का संकट
author img

By

Published : May 14, 2021, 3:18 PM IST

सिवनी। झुलसा देने वाली गर्मी में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए घंटों मशक्कत कर रहे हैं. मई का दूसरा हफ्ता चल रहा है और सूरज अपने तेवर दिखाने में पीछे नहीं है. इस स्थिति में लोगों को पीने के पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. बूंद-बूंद पानी के लिए भटकते ये बच्चे पानी के लिए जद्दोजहत कर रहे हैं.

Water crisis in Ghuruwara of Seoni
पानी का संकट

पानी के लिए संघर्ष

हैडपंप की दूरी घुरुवाड़ा गांव से लगभग डेढ़ से 2 किलोमीटर पर है. जहां से यह बच्चे और बुजुर्ग दोनों ही पीने का पानी ला रहे हैं. सरकार भले बदल गई हो लेकिन हालात वैसे के वैसे ही है. मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के लखनादौन के घुरवाडा गांव में तकरीबन 8 हजार के आसपास जनसंख्या है. जहां पर पिछले कई महीनों से पीने के पानी के लिए यहां की जनता की हालात खराब है और अपनी जान जोखिम में डाल रही है.

पानी का संकट

विफल साबित हो रही है 'नल जल योजना'

लखनादौन में 'नल जल योजना' के तहत पाइप लाइन तो बिछाई गई है. उसमें पानी भी आता है. लेकिन पीने का पानी नहीं बल्कि कुएं का पानी आता है. जिसको जल्दी से पशु जानवर भी नहीं पीते, तो उस आम लोग क्या पीएंगे. हालांकि यहां पर हेडपंप तो लगे हुए हैं और पानी भी आता है. लेकिन गंदा पानी आता है. गांव के बाहर नेशनल हाईवे के पास लगे एक हैंडपंप है.

पानी के लिए खतरों से खेलते लोग: बूंद-बूंद की किल्लत! वादे बने चुनावी जुमले

बूंद-बूंद के लिए भटकना

जिसमें साफ पानी आता तो है. लेकिन हैंडपंप के सामने इस गंदे पानी से भरे गड्ढे को भी देखिए, जहां पर कितना गंदा पानी और गंदगी भी नजर आ रही है. ये दूसरी तस्वीर लखनादौन के आदेगांव की है और इस ग्राम पंचायत से 103 गांव भी लगे हुए हैं और भी ऐसे कई गांव है, जहां पर बूंद-बूंद पीने के पानी के लिए भटकती जिंदा तस्वीर लेकिन पर्याप्त पानी नहीं है और ना ही कोई व्यवस्था है. यहां पर भी यही हालात हैं, तस्वीर खुद बोलती है.

कब सबक लेगें लोग?

जो पानी का मोल नहीं समझते, उन्हें इन तस्वीरों को जरूर देखना चाहिए और ना सिर्फ देखना चाहिए, बल्कि समय रहते यह समझ लेना चाहिए कि देश में जल संकट बड़ा संकट बन चुका है. अलग-अलग गांव की ये तस्वीर लखनादौन की हैं. हम सब ने उस प्यासे कौवा की कहानी जरूर सुनी होगी, जो घड़े में बच्चे कुछ थोड़े से पानी को ऊपर लाने के लिए अपनी चोंच से एक-एक कंकड़, उस घड़े में डालता है और पानी धीरे-धीरे ऊपर आते जाता है. लेकिन बचपन पर वो कहानी सुनकर बड़े होने के बाद जब आपको लगे आने वाले वक्त पर ऐसा ही कुछ होने वाला है. तो आप क्या कहेंगे क्योंकि वह कहानी थी और हकीकत आपकी स्क्रीन पर है. यह कहानी प्यासे आम जनता की है. जिसमें पानी उनके पास नहीं आता बल्कि इनको उस पानी के पास जाना पड़ता है. उस कंकड़ की तरह, पानी चाहे कितनी ही दूरी पर क्यों ना हो जान को चाहे कितना भी खतरा क्यों ना हो प्यास बुझानी है. तो यह खतरा मोल लेना ही पड़ेगा.

सिवनी। झुलसा देने वाली गर्मी में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए घंटों मशक्कत कर रहे हैं. मई का दूसरा हफ्ता चल रहा है और सूरज अपने तेवर दिखाने में पीछे नहीं है. इस स्थिति में लोगों को पीने के पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. बूंद-बूंद पानी के लिए भटकते ये बच्चे पानी के लिए जद्दोजहत कर रहे हैं.

Water crisis in Ghuruwara of Seoni
पानी का संकट

पानी के लिए संघर्ष

हैडपंप की दूरी घुरुवाड़ा गांव से लगभग डेढ़ से 2 किलोमीटर पर है. जहां से यह बच्चे और बुजुर्ग दोनों ही पीने का पानी ला रहे हैं. सरकार भले बदल गई हो लेकिन हालात वैसे के वैसे ही है. मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के लखनादौन के घुरवाडा गांव में तकरीबन 8 हजार के आसपास जनसंख्या है. जहां पर पिछले कई महीनों से पीने के पानी के लिए यहां की जनता की हालात खराब है और अपनी जान जोखिम में डाल रही है.

पानी का संकट

विफल साबित हो रही है 'नल जल योजना'

लखनादौन में 'नल जल योजना' के तहत पाइप लाइन तो बिछाई गई है. उसमें पानी भी आता है. लेकिन पीने का पानी नहीं बल्कि कुएं का पानी आता है. जिसको जल्दी से पशु जानवर भी नहीं पीते, तो उस आम लोग क्या पीएंगे. हालांकि यहां पर हेडपंप तो लगे हुए हैं और पानी भी आता है. लेकिन गंदा पानी आता है. गांव के बाहर नेशनल हाईवे के पास लगे एक हैंडपंप है.

पानी के लिए खतरों से खेलते लोग: बूंद-बूंद की किल्लत! वादे बने चुनावी जुमले

बूंद-बूंद के लिए भटकना

जिसमें साफ पानी आता तो है. लेकिन हैंडपंप के सामने इस गंदे पानी से भरे गड्ढे को भी देखिए, जहां पर कितना गंदा पानी और गंदगी भी नजर आ रही है. ये दूसरी तस्वीर लखनादौन के आदेगांव की है और इस ग्राम पंचायत से 103 गांव भी लगे हुए हैं और भी ऐसे कई गांव है, जहां पर बूंद-बूंद पीने के पानी के लिए भटकती जिंदा तस्वीर लेकिन पर्याप्त पानी नहीं है और ना ही कोई व्यवस्था है. यहां पर भी यही हालात हैं, तस्वीर खुद बोलती है.

कब सबक लेगें लोग?

जो पानी का मोल नहीं समझते, उन्हें इन तस्वीरों को जरूर देखना चाहिए और ना सिर्फ देखना चाहिए, बल्कि समय रहते यह समझ लेना चाहिए कि देश में जल संकट बड़ा संकट बन चुका है. अलग-अलग गांव की ये तस्वीर लखनादौन की हैं. हम सब ने उस प्यासे कौवा की कहानी जरूर सुनी होगी, जो घड़े में बच्चे कुछ थोड़े से पानी को ऊपर लाने के लिए अपनी चोंच से एक-एक कंकड़, उस घड़े में डालता है और पानी धीरे-धीरे ऊपर आते जाता है. लेकिन बचपन पर वो कहानी सुनकर बड़े होने के बाद जब आपको लगे आने वाले वक्त पर ऐसा ही कुछ होने वाला है. तो आप क्या कहेंगे क्योंकि वह कहानी थी और हकीकत आपकी स्क्रीन पर है. यह कहानी प्यासे आम जनता की है. जिसमें पानी उनके पास नहीं आता बल्कि इनको उस पानी के पास जाना पड़ता है. उस कंकड़ की तरह, पानी चाहे कितनी ही दूरी पर क्यों ना हो जान को चाहे कितना भी खतरा क्यों ना हो प्यास बुझानी है. तो यह खतरा मोल लेना ही पड़ेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.