सिवनी। नवरात्रि के मौके पर माता रानी के मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. जिसमें आस्था के साथ- साथ विश्वास भी झलकता है. एक ऐसा ही मंदिर है बंजारी माता का जो जंगल के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित है. जहां से गुजरने वाले सभी यात्री माता के दरबार में शीश झुकाने पहुंच रहे हैं.
बंजारों ने की है बंजारी माता की स्थापना-
सिवनी से जबलपुर मार्ग पर छपारा तहसील से 8 किलोमीटर दूर मुख्य मार्ग पर माता बंजारी का मंदिर स्थापित है. वैसे तो बंजारी माता का मंदिर हर शहर और जिले से बाहर निकलने वाले मार्गों पर मिलेंगे, लेकिन बताया जाता है कि बंजारी माता के मंदिरों की स्थापना बंजारे एक गांव से दूसर गांव जाने के समय करते थे.
जंगल-घाटी में दुर्घटनाओं से बचाने के लिए करते थे माता की स्थापना-
बंजारे जंगल-घाटी में दुर्घटनाओं से बचाने के लिए माता की स्थापना करते थे, इसलिए इन्हें बंजारी माता कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि माता का आशीर्वाद लेकर घाटी-जंगल से गुजरने पर माता दुर्घटनाओं से अपने भक्तों की रक्षा करती है.
भक्त करते है मनोकामना कलश की स्थापना-
शारदीय नवरात्र प्रारंभ होते ही नव दुर्गा की आराधना शुरू हो गई है. देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लग रहा है. छपारा और लखनादौन के बीच गणेशगंज के पास जंगलों पर विराजित माता बंजारी मंदिर में घट स्थापना कर मनोकामना कलश की स्थापना की गई है. इस साल बंजारी माता के दरबार में 1980 कलश तेल के और 39 कलश घी से प्रज्ज्वलित की गई हैं. जिसमें जिले सहित अन्य जिलों के भक्तों ने मनोकामना ज्योति कलश स्थापित किए गए हैं. जिनका विसर्जन नवमी के दिन विशाल भंडारा प्रसाद वितरण कर किया जाएगा.