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दो स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं, बच्चे पूछ रहे 'कैसे पढ़ेंगे हम कैसे बढ़ेंगे हम' ?

सिवनी जिले के घंसौर ब्लॉक के तहत नर्मदा डूब क्षेत्र में आने वाले चमरवाह गांव में शिक्षा व्यवस्था बदहाल हो चुकी है. यहां मौजूद दो सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं है.

दो स्कूलों में कोई शिक्षक नहीं
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Published : Oct 25, 2019, 1:02 PM IST

Updated : Oct 25, 2019, 3:25 PM IST

सिवनी। ये बच्चे देश का भविष्य कहलाते हैं. यही वो कंधे हैं, जिनके ऊपर देश का भार उठाने की जिम्मेदारी है, लेकिन अफसोस इनके साथ शिक्षा के नाम पर धोखा किया जा रहा है. शिक्षा विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे ये नौनिहाल चमरवाह गांव में रहते हैं. शिक्षा विभाग के एक फैसले से घंसौर ब्लॉक में आने वाले चमरवाह गांव के दर्जनों बच्चों के सामने नई समस्या खड़ी हो गई है. यहां मौजूद प्राइमरी और हाई दोनों स्कूलों में पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं हैं. हालात ये है कि छात्रों के अब तक एक भी सब्जेक्ट की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है.

दो स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं

पहले से ही शिक्षकों की कमी झेल रहे इन स्कूलों में पदस्थ्य दोनों शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया गया और स्कूल अब शिक्षक विहीन हो गए, लिहाजा ग्रामीणों ने शिक्षक की व्यवस्था नहीं होने तक स्कूल में ताला जड़ने की चेतावनी दी है.

यह दोनों स्कूल नर्मदा डूब क्षेत्र में आते हैं. बच्चे पहले से ही खतरों वाले रास्ते को पार कर स्कूल पहुंचते थे और अब शिक्षक नहीं होने से छात्रों का स्कूल जाना बेमतलब साबित हो रहा है. जब इस मामले को ईटीवी भारत ने उठाया, तो जनपद शिक्षा केन्द्र प्रभारी ने जल्द चमरवाह के स्कूलों में शिक्षक पदस्थ करने का भरोसा दिया है.

एक कहावत है कि अगर नींव मजबूत नहीं होगी, तो मकान कैसे मजबूत होगा. यानि अगर इन बच्चों को बचपन में ही अच्छी शिक्षा से नहीं सींचा गया, तो आगे की पढ़ाई का अंजाम क्या होगा. इस बात का अंदाजा इन मासूम चेहरों को नहीं है, पर जो ये बात समझते हैं, वह लापरवाही की हदें पार कर चुके हैं. अब जिम्मेदारों को चाहिए कि वह चमरवाह गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षक की व्यवस्था करे. अगर ऐसा नहीं होता है, तो कैसे पढ़ेगा इंडिया, क्योंकि जब पढ़ेगा नहीं तो कैसे बढ़ेगा इंडिया.

सिवनी। ये बच्चे देश का भविष्य कहलाते हैं. यही वो कंधे हैं, जिनके ऊपर देश का भार उठाने की जिम्मेदारी है, लेकिन अफसोस इनके साथ शिक्षा के नाम पर धोखा किया जा रहा है. शिक्षा विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे ये नौनिहाल चमरवाह गांव में रहते हैं. शिक्षा विभाग के एक फैसले से घंसौर ब्लॉक में आने वाले चमरवाह गांव के दर्जनों बच्चों के सामने नई समस्या खड़ी हो गई है. यहां मौजूद प्राइमरी और हाई दोनों स्कूलों में पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं हैं. हालात ये है कि छात्रों के अब तक एक भी सब्जेक्ट की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है.

दो स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं

पहले से ही शिक्षकों की कमी झेल रहे इन स्कूलों में पदस्थ्य दोनों शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया गया और स्कूल अब शिक्षक विहीन हो गए, लिहाजा ग्रामीणों ने शिक्षक की व्यवस्था नहीं होने तक स्कूल में ताला जड़ने की चेतावनी दी है.

यह दोनों स्कूल नर्मदा डूब क्षेत्र में आते हैं. बच्चे पहले से ही खतरों वाले रास्ते को पार कर स्कूल पहुंचते थे और अब शिक्षक नहीं होने से छात्रों का स्कूल जाना बेमतलब साबित हो रहा है. जब इस मामले को ईटीवी भारत ने उठाया, तो जनपद शिक्षा केन्द्र प्रभारी ने जल्द चमरवाह के स्कूलों में शिक्षक पदस्थ करने का भरोसा दिया है.

एक कहावत है कि अगर नींव मजबूत नहीं होगी, तो मकान कैसे मजबूत होगा. यानि अगर इन बच्चों को बचपन में ही अच्छी शिक्षा से नहीं सींचा गया, तो आगे की पढ़ाई का अंजाम क्या होगा. इस बात का अंदाजा इन मासूम चेहरों को नहीं है, पर जो ये बात समझते हैं, वह लापरवाही की हदें पार कर चुके हैं. अब जिम्मेदारों को चाहिए कि वह चमरवाह गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षक की व्यवस्था करे. अगर ऐसा नहीं होता है, तो कैसे पढ़ेगा इंडिया, क्योंकि जब पढ़ेगा नहीं तो कैसे बढ़ेगा इंडिया.

Intro:स्कूल की पढ़ाई हुई ठप्प,,
सरकार की नीति या शिक्षा विभाग की लापरवाही,

शिक्षा विभाग के आदेश के बाद चमरवाह प्रायमरी और मिडिल स्कूल की पढ़ाई हुई ठप्प

Body:सिवनी :-
एक और शिक्षा को लेकर केंद्र एवं मध्यप्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में ग्रामीण इलाको में रहने वाले बच्चो के लिए नई नई योजनाओ के माध्यम से गरीब बच्चो को पढ़ाने के लिए लगी है वही दूसरी ओर शिक्षा विभाग सरकारी योजनाओं में पलीता लगते हुए ठप्प करने में लगा है साथ ही उन छात्रों के जीवनी के साथ भी खिलवाड़ करता दिख रहा है।

Vo:- मामला सिवनी जिले के घँसौर ब्लाक के अंतर्गत नर्मदा डूब क्षेत्र में आने वाले चमरवाह गांव का जहाँ शिक्षा विभाग का अनोखा फरमान देखने को मिला है चमरवाह गांव का प्राइमरी और मिडिल स्कूल आज शिक्षक विहीन हो गये है इस गांव के दोनों स्कूल में वर्तमान में कोई भी शिक्षक नही है और यहाँ शिक्षक न होने के कारण स्कूल भवन मे ताला डालने की नौबत भी आ खड़ी है। जिसके कारण बच्चो की पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ रहा है। दरअसल चमरवाह गांव के प्रायमरी और मिडिल स्कूल की जिम्मेदारी दो शिक्षकों पर थी। वही बिभाग ने एक शिक्षक जीपी धुर्वे को विभाग ने बीएलओ नियुक्त कर दिया है वही बी एल ओ बनते ही जीपी धुर्वे ने स्कूल में आना बंद कर दिया है। और वही शिक्षा विभाग ने दोनों स्कुलो के अध्यापन कार्य को जारी रखे दूसरे शिक्षक उदय सिंह महोतीया का लेहरी ट्रांसफर कर दिया है। जिसके बाद दोनों ही स्कूल अब शिक्षक विहीन हो गए है। इसके बावजूद संकुल प्रभारी ने किसी विकल्प के तौर पर इन स्कूल में किसी दूसरे शिक्षक कि पोस्टिंग नही की है। आपको बता दे यह दोनों स्कूल नर्मदा डूब क्षेत्र मे आते है। बच्चो को पहले से ही नाव से नदी पार करते हुए ऊबड़ खाबड़ रास्तो से होकर स्कूल जाना पड़ता है। और ऐसे में स्कूल मे शिक्षक न होने के कारण छात्र छात्राओ की पढ़ाई चौपट हो रही है।वही छात्रों के मुताबिक शिक्षको के न होने के कारण उनके पुस्तको के पन्ने भी नही पलट रहे और पढ़ाई नहीं होने से छात्र छात्राओं का मनोबल भी गिरता दिख रहा है वही अपने बच्चो के भबिष्य को लेकर परिजन भी चिंतित आक्रोशित दिख रहे है। परिजनों की नाराजगी देख जनपद शिक्षा केन्द्र प्रभारी ने जल्द ही चमरवाह के मौजूदा शिक्षक के ट्रांसफर आदेश को संशोधित कर जल्द गलती सुधारने की बात कही है।

बाइट-1- तनु तिवारी छात्रा
बाइट-2- दीपक छात्र
बाइट-3- सुमतलाल परिजन
बाइट-4- मनीष मिश्रा बीआरसीसी घंसौरConclusion:
Last Updated : Oct 25, 2019, 3:25 PM IST
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