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Poor Education Infrastructure: खस्ताहाल है एमपी का यह स्कूल, छत नहीं छाते के नीचे पढ़ने को मजबूर है भारत का भविष्य

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में खस्ताहाल सरकारी स्कूल में नन्हें बच्चे छाता लगाकर पढ़ने को मजबूर हैं. ऐसे में इन स्कूलों के बच्चे विभाग के आलाधिकारियों की तरफ इस आस में देख रहे हैं कि शायद उनसे कोई मदद मिल जाए. इधर कांग्रेस ने इस मामले में ट्वीट कर भाजपा सरकार पर तंज कसा है. (Water leakage in School Roof in Seoni) (Student using umbrella in Class Room)

Student using umbrella in Class Room
स्कूल के कमरे में छाते के नीचे पढ़ाई कर रहे छात्र
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Published : Jul 27, 2022, 1:48 PM IST

Updated : Jul 27, 2022, 3:22 PM IST

सिवनी। मध्य प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा कई प्रयास किए जाने के वादे और दावे किए जा रहे है. लेकिन हकीकत इसके विपरीत है. सिवनी जिले में सभी विकासखंडों में सीएम राइज स्कूल (CM Rise School) खोलकर निजी शिक्षण संस्थाओं को टक्कर दिए जाने की बात कही जा रही है. जिसके लिए करोड़ों रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है. वहीं जिले में कई ऐसे स्कूल हैं जो न सिर्फ जर्जर हैं बल्कि उनमें पेयजल जैसी जरूरी सुविधाओं का अभाव है. ऐसा ही एक स्कूल घंसौर विकासखंड में है जहां पर छात्रों को छाता लगाकर पढ़ाई करना पड़ रही है. स्कूल कभी भी गिरने की स्थिति में है. ऐसे में अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से भी डर रहे हैं.

जर्जर स्कूल की छत से टपकता है पानी

पढ़ाई करनी है तो छाता लगाओ: घंसौर विकासखंड के खैरी कला गांव में मिडिल स्कूल की इमारत काफी जर्जर हो चुकी है. इस स्कूल में दीवारें सीलन युक्त हैं. बारिश के दिनों में छत पर पानी जमा हो जाता है, जो घंटों तक रिसता रहता है. छात्रों को ऐसे में पढ़ाई करने में काफी दिक्कत होती है. एक शाला एक परिसर के अंर्तगत संचालित इस परिसर में माध्यमिक की तीनों कक्षाओं में लगभग 35 छात्र अध्ययनरत हैं.

Student using umbrella in Class Room
स्कूल के कमरे में छाते के नीचे पढ़ाई कर रहे छात्र

दीवारों पर सीलन, उखड़ रही परतें: स्कूल की इमारत का निर्माण लगभग 12 वर्ष पूर्व हुआ था. मात्र एक दशक में ही इस स्कूल की इमारत जर्जर हो गई है. स्कूल परिसर में दीवारों और छतों का प्लास्टर उखड़ गया है. छत की लोहे की सरिया भी लगातार रिसाव के कारण गलने लगी है. छात्रों का कहना है कि ''कभी भी छत या दीवार से प्लास्टर का टुकड़ा गिर जाता है. इस कारण छात्र स्कूल आने में आनाकानी करने लगे हैं''.

  • शिव'राज में मध्यप्रदेश की दुर्दशा देखिए :

    सिवनी जिले के खैरीकला गांव में छत से टपक रहे पानी से बचने के लिए बच्चे स्कूल के अंदर छाता लगा कर पड़ाई करने पर मजबूर हैं।

    शिवराज जी,
    पूरा मध्यप्रदेश निगल लिया,
    लेकिन बच्चों को स्कूल तक नहीं दे पाए❓

    ये है आपके 18 सालों का हासिल❓ pic.twitter.com/zxLsSBxcCH

    — MP Congress (@INCMP) July 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शिकायत के बावजूद किसी ने नहीं दिया ध्यान: स्कूल प्रबंधन का कहना है कि ''स्कूल की स्थिति को लेकर वे कई बार मरम्मत के लिए प्रस्ताव अपने आला अधिकारियों को दे चुके हैं. लेकिन घंसौर मुख्यालय से मात्र छह-सात किलोमीटर दूर इस स्कूल की स्थिति देखने अबतक कोई नहीं पहुंचा है''. फिलहाल स्कूल की मरम्मत की संभावना कम ही है. क्योंकि जिले में मानसून सक्रिय है. ऐसे में कुछ समय के लिए गांव में स्थित ग्राम पंचायत के दो कक्षों में शिक्षा व्यवस्था के लिए इंतजाम किए जा सकते हैं.

MP Heavy Rain: मध्यप्रदेश में जारी है बारिश का कहर, बांधों का जलस्तर बढ़ा, गेट खोलकर पानी की निकासी

बच्चों को स्कूल भेजने में डर रहे अभिभावक: एक बच्चे के अभिभावन भीकम सिंह परते बताते हैं कि ''एक बार बच्चे की सिर पर प्लास्टर का टुकड़ा गिर गया था. अनेक बार शिकायत भी की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. पानी बरसने से दीवारें गिरने की आशंका है. इस कारण बच्चे स्कूल नहीं जरा रहे हैं''. वहीं शाला समिति के अध्यक्ष शेख रुस्तम मंसूरी ने बताया कि ''स्कूल भवन की स्थिति काफी जर्जर है. यहां सब जगह पानी भरा रहता है. अभिभावक डर के कारण बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं. हर वक्त हादसे की आशंका बनी रहती है''.

''स्कूल परिसर काफी जर्जर है. इसकी मरम्मत के लिए प्रस्ताव जिला शिक्षा केंद्र को भेज चुके हैं. जैसे ही स्वीकृत होकर राशि आएगी हम मरम्मत करा देंगे''. -देवी प्रसाद सेन, बीआरसी

(Water leakage in Government School Roof in Seoni) (Student using umbrella in Class Room) (Seoni Poor Education Infrastructure)

सिवनी। मध्य प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा कई प्रयास किए जाने के वादे और दावे किए जा रहे है. लेकिन हकीकत इसके विपरीत है. सिवनी जिले में सभी विकासखंडों में सीएम राइज स्कूल (CM Rise School) खोलकर निजी शिक्षण संस्थाओं को टक्कर दिए जाने की बात कही जा रही है. जिसके लिए करोड़ों रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है. वहीं जिले में कई ऐसे स्कूल हैं जो न सिर्फ जर्जर हैं बल्कि उनमें पेयजल जैसी जरूरी सुविधाओं का अभाव है. ऐसा ही एक स्कूल घंसौर विकासखंड में है जहां पर छात्रों को छाता लगाकर पढ़ाई करना पड़ रही है. स्कूल कभी भी गिरने की स्थिति में है. ऐसे में अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से भी डर रहे हैं.

जर्जर स्कूल की छत से टपकता है पानी

पढ़ाई करनी है तो छाता लगाओ: घंसौर विकासखंड के खैरी कला गांव में मिडिल स्कूल की इमारत काफी जर्जर हो चुकी है. इस स्कूल में दीवारें सीलन युक्त हैं. बारिश के दिनों में छत पर पानी जमा हो जाता है, जो घंटों तक रिसता रहता है. छात्रों को ऐसे में पढ़ाई करने में काफी दिक्कत होती है. एक शाला एक परिसर के अंर्तगत संचालित इस परिसर में माध्यमिक की तीनों कक्षाओं में लगभग 35 छात्र अध्ययनरत हैं.

Student using umbrella in Class Room
स्कूल के कमरे में छाते के नीचे पढ़ाई कर रहे छात्र

दीवारों पर सीलन, उखड़ रही परतें: स्कूल की इमारत का निर्माण लगभग 12 वर्ष पूर्व हुआ था. मात्र एक दशक में ही इस स्कूल की इमारत जर्जर हो गई है. स्कूल परिसर में दीवारों और छतों का प्लास्टर उखड़ गया है. छत की लोहे की सरिया भी लगातार रिसाव के कारण गलने लगी है. छात्रों का कहना है कि ''कभी भी छत या दीवार से प्लास्टर का टुकड़ा गिर जाता है. इस कारण छात्र स्कूल आने में आनाकानी करने लगे हैं''.

  • शिव'राज में मध्यप्रदेश की दुर्दशा देखिए :

    सिवनी जिले के खैरीकला गांव में छत से टपक रहे पानी से बचने के लिए बच्चे स्कूल के अंदर छाता लगा कर पड़ाई करने पर मजबूर हैं।

    शिवराज जी,
    पूरा मध्यप्रदेश निगल लिया,
    लेकिन बच्चों को स्कूल तक नहीं दे पाए❓

    ये है आपके 18 सालों का हासिल❓ pic.twitter.com/zxLsSBxcCH

    — MP Congress (@INCMP) July 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शिकायत के बावजूद किसी ने नहीं दिया ध्यान: स्कूल प्रबंधन का कहना है कि ''स्कूल की स्थिति को लेकर वे कई बार मरम्मत के लिए प्रस्ताव अपने आला अधिकारियों को दे चुके हैं. लेकिन घंसौर मुख्यालय से मात्र छह-सात किलोमीटर दूर इस स्कूल की स्थिति देखने अबतक कोई नहीं पहुंचा है''. फिलहाल स्कूल की मरम्मत की संभावना कम ही है. क्योंकि जिले में मानसून सक्रिय है. ऐसे में कुछ समय के लिए गांव में स्थित ग्राम पंचायत के दो कक्षों में शिक्षा व्यवस्था के लिए इंतजाम किए जा सकते हैं.

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बच्चों को स्कूल भेजने में डर रहे अभिभावक: एक बच्चे के अभिभावन भीकम सिंह परते बताते हैं कि ''एक बार बच्चे की सिर पर प्लास्टर का टुकड़ा गिर गया था. अनेक बार शिकायत भी की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. पानी बरसने से दीवारें गिरने की आशंका है. इस कारण बच्चे स्कूल नहीं जरा रहे हैं''. वहीं शाला समिति के अध्यक्ष शेख रुस्तम मंसूरी ने बताया कि ''स्कूल भवन की स्थिति काफी जर्जर है. यहां सब जगह पानी भरा रहता है. अभिभावक डर के कारण बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं. हर वक्त हादसे की आशंका बनी रहती है''.

''स्कूल परिसर काफी जर्जर है. इसकी मरम्मत के लिए प्रस्ताव जिला शिक्षा केंद्र को भेज चुके हैं. जैसे ही स्वीकृत होकर राशि आएगी हम मरम्मत करा देंगे''. -देवी प्रसाद सेन, बीआरसी

(Water leakage in Government School Roof in Seoni) (Student using umbrella in Class Room) (Seoni Poor Education Infrastructure)

Last Updated : Jul 27, 2022, 3:22 PM IST
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