सिवनी। जिले के छपारा थाना क्षेत्र के पीपरढाना गांव में रम्मू उइके नाम के शख्स की लाश 17 अगस्त को कुएं में मिली थी, जिस पर परिजनों ने 17 अगस्त को छपारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. परिजनों ने बताया था कि 15 अगस्त की शाम से रम्मू उइके जो की खेती किसानी और मवेशी चराने का काम करके घर नहीं पहुंचे तब उन्होंने आसपास पता लगाया तो गांव के ही एक व्यक्ति ने बताया कि उनकी लाश एक कुएं में तैर रही है, जिसके बाद घटना की सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस ने लाश को कुएं से बरामद कर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया.
बताया जाता है कि परिजनों के द्वारा उक्त घटना के बारे में पहले तो कोई संदेह व्यक्त नहीं किया गया लेकिन अब इस पूरे मामले में नया मोड़ आ गया है. परिजनों ने सिवनी पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक को एक शिकायत करते हुए गांव के ही कुछ लोगों पर आरोप लगाया है कि रम्मू उईके की मौत कुएं में डूबने से नहीं बल्कि खेत में जंगली जानवरों से फसल को बचाने के लिए फैलाए गए बिजली के तारों से करंट लगने से मौत हुई है. करंट लगने से मौत हो जाने के बाद लाश को झाड़ियों में छुपा दिया गया था, बाद में कुएं में फेंका गया है. इस तरह के आरोप लगाते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग परिजनों के द्वारा की गई है.
छपारा थाना प्रभारी नीलेश परतेती ने बताया कि मृतक पक्ष के लोगों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि मृतक रम्मू लाल उइके की कुएं में डूबने से मृत्यु हो गई है, जिसके आधार पर मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम कर शव को परिजनों को सौंप दिया गया था, लेकिन घटना के कुछ दिनों बाद ये कुछ लोगों पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं, जिस सम्बन्ध में वरिष्ठ अधिकारी को आवेदन दिया गया है, जांच की जा रही जो भी तथ्य सामने आएंगे उसकी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.