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मॉडल एक्ट के विरोध में मंडी कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन - कृषि अध्यादेश लागू

केंद्र सरकार द्वारा जारी कृषि अध्यादेश और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जारी मॉडल एक्ट का मंडी कर्मचारियों द्वारा विरोध किया जा रहा है. मंडी कर्मचारियों का कहना है कि इस अध्यादेश के लागू हो जाने से किसान और मंडी कर्मचारियों दोनों का काफी नुकसान होगा.

मॉडल एक्ट के विरोध में मंडी कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
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Published : Jul 17, 2020, 1:45 AM IST

सिवनी। जिले में मंडी कर्मचारियों ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जारी मॉडल एक्ट की खिलाफत करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही कलेक्टर परिसर पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. मंडी कर्मचारियों की मांग है कि इस एक्ट को वापस लिया जाए. उनका कहना है कि इस एक्ट के लागू होने से किसानों और कर्मचारियों दोनों को नुकसान होगा.

मंडी कर्मचारियों का कहना है कि केंद्रीय कृषि अध्यादेश लागू होने से किसानों के घर से कोई भी व्यापारी उनका अनाज सीधे खरीद कर सकता है. जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नही मिलेगा न ही राशि दिलाने की कोई पुख्ता सिक्योरिटी होगी. वहीं मंडी में किसानों की उपज की खुली निलामी होती है, जहां पर सभी व्यापारियों द्वारा बोली लगाई जाती है. इसके साथ ही सही तौल और उपज के भुगतान की पूरी जिम्मेदारी मंडी की होती है.

मॉडल एक्ट लागू होने से मंडियों को मिलने वाली मंडी शुल्क में भारी कमी आयी है, जिससे मंडी कर्मचारियों के वेतन-भत्ते पेंशन आदि की समस्याओं का शासन की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

सिवनी। जिले में मंडी कर्मचारियों ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जारी मॉडल एक्ट की खिलाफत करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही कलेक्टर परिसर पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. मंडी कर्मचारियों की मांग है कि इस एक्ट को वापस लिया जाए. उनका कहना है कि इस एक्ट के लागू होने से किसानों और कर्मचारियों दोनों को नुकसान होगा.

मंडी कर्मचारियों का कहना है कि केंद्रीय कृषि अध्यादेश लागू होने से किसानों के घर से कोई भी व्यापारी उनका अनाज सीधे खरीद कर सकता है. जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नही मिलेगा न ही राशि दिलाने की कोई पुख्ता सिक्योरिटी होगी. वहीं मंडी में किसानों की उपज की खुली निलामी होती है, जहां पर सभी व्यापारियों द्वारा बोली लगाई जाती है. इसके साथ ही सही तौल और उपज के भुगतान की पूरी जिम्मेदारी मंडी की होती है.

मॉडल एक्ट लागू होने से मंडियों को मिलने वाली मंडी शुल्क में भारी कमी आयी है, जिससे मंडी कर्मचारियों के वेतन-भत्ते पेंशन आदि की समस्याओं का शासन की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

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