सिवनी। जिम्मेदारों की लापरवाही और सिस्टम की उदासीनता के चलते किसानों की मेहनत घुन में तब्दील हो गई. मामला केसला बम्होडी सेवा सहकारी समिति का है, जहां लापरवाही के चलते 10 हजार क्विंटल सरकारी गेहूं पर घुन का कब्जा हो गया है. किसानों के गेहूं खरीदी के बाद उसकी न तो देख-रेख की गई और न ही इस ओर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने ध्यान दिया, लिहाजा वेयर हाउस और गोदामों में रखा हजारों क्विंटल सरकारी गेंहू, पाउडर बन गया.
गेहूं बर्बाद हो जाने के बाद समिति प्रबंधक ने गेहूं की सफाई के लिए मजदूर लगाए हैं, जो गोदाम में पड़े गेहूं की छनाई कर पाउडर से गेहूं अलग कर रहे हैं. गोदाम में गेहूं की सफाई कर रहे मजदूरों ने बताया कि गेंहू में बड़ी मात्रा में घुन ने कब्जा जमा लिया है, जिससे ज्यादातर गेहूं पाउडर में बदल गया है.
मामले में जब सेवा सहकारी मर्यादित समिति केसला बम्होडी के प्रबंधक प्रहलाद राहंगडाले से बात की गई तो उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया. उनका कहना है कि उन्होंने अपनी तरफ से इसकी सुरक्षा के पर्याप्त बंदाबस्त किए थे, लेकिन इसके बाद भी अगर घुन लग गई तो वो क्या कर सकते हैं. गेहूं की सुरक्षा और वेयर हाउस के किराये के रूप में सरकार लाखों रुपये खर्च करती है. बावजूद इसके प्रदेश के कई इलाकों में गेंहू के खराब की बात सामने आती रहती है. ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि अनाज की सुरक्षा के नाम पर खर्च हो रहा करोड़ों रुपया आखिर कहां जा रहा है.