सिवनी । प्रदेश में सरकार जरूर बदल गई है, लेकिन किसानों के हालत जस की तस बनी हुई है. मुख्यमंत्री शिवराज खुद को किसान का बेटा बताते तो हैं, लेकिन उनके राज में भी किसानों के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. किसानों को समय पर यूरिया मुहैया नहीं हो पा रहा है. एक बोरी यूरिया के लिए किसानों को सहकारी समितियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. इन सब में एक पुरानी कहावत सही हो रही है कि "डाल का चुका वानर और समय का चूका किसान" दोनों एक से साबित हो रहे हैं.
यदि समय पर किसानों को यूरिया नहीं मिला तो उनके हालात सुधरने की बजाय उलझ जाएंगें. इन दिनों छपारा क्षेत्र में किसान यूरिया की परेशानी से जूझ रहे हैं. दुकानदार मूल्य से 200 रुपए ज्यादा में यूरिया बेच रहे हैं. किसान का कहना है कि दुकानदार यूरिया के साथ कीटनाशक का डिब्बा खरीदने के लिए दबाव बना रहे हैं.
वहीं बैनगंगा सोसायटी के अध्यक्ष कृष्णकांत सिंह का कहना है कि उन्होंने यूरिया मुहैया कराने को लेकर डीएमओ को पत्र लिखा है, साथ में यूरिया को लेकर चेक और राशि भी जमा कर रखी है, लेकिन अब तक सोसायटी तक यूरिया नहीं भेजी गई है. कोई अधिकारी किसानों को सही जवाब नहीं दे रहा है. फसल में यूरिया डालने का मौसम है लेकिन किसानों को हर रोज सोसायटी जाकर निराशा ही हाथ लग रही है.