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गंभीर बीमारी होने के बाद भी शिक्षक ने निभाया अपना कर्तव्य - संकुल केंद्र बखारी

हीरालाल नामदेव नाम के एक शिक्षक ने शिक्षा के क्षेत्र में मिशाल पेश की है, फेफड़े की बिमारी होने के बाद भी उसे भूलकर हमेशा बच्चों की शिक्षा में लगे रहे.

सेवानिवृत्त शिक्षक की विदाई करते शिक्षक
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Published : Aug 1, 2019, 11:24 PM IST

सिवनी। संकुल केंद्र बखारी के प्राचार्य हीरालाल नामदेव 62 साल की उम्र में बिमार होने के बाद भी बच्चों को शिक्षा देते रहे. उन्होंने हमेशा बच्चों का मार्गदर्शन कर उन्हे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी,और इसके साथ ही आज वे अपने कार्य से सेवानिवृत्त हो गए.

गंभीर बीमारी होने के बाद भी शिक्षक ने निभाया अपना कर्तव्य

इस मौके पर संकुल केंद्र बखारी के अंतर्गत आने वाली समस्त प्राथमिक, माध्यमिक ,उच्च एवं उच्चतर शालाओं के शिक्षक साथियो ने पूरे हर्षोल्लास के साथ विदाई समारोह आयोजित किया. कार्यक्रम में सेवानिवृत्त शिक्षक के परिजन और मित्रगण भी उपस्थित हुए. कार्यक्रम में उपस्थित उद्बोधन कर्त्ताओं के द्वारा नामदेव के सेवानिवृत्ति के बाद बीतने वाले जीवन के लिए मंगल कामनाएं की वही सेवानिवृत्त शिक्षक ने भी उपस्थित सभी शिक्षक-शिक्षकाओं का हृदय से धन्यवाद देते हुए कहा कि मेरे फेफड़े 20 प्रतिशत ही काम करते हैं लेकिन फिर भी मैने कभी हार नही मानी और मैं अपनी जिम्मेदारियों पर अपनी बीमारी को कभी हावी नही होने दिया.

साथ ही उन्होंने अपने कुछ अनसुलझे अनुभव को बताते हुए कहा की हमें लगातार अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहना चाहिए समस्या आती है लेकिन उन समस्याओं से ना डरते हुए भी अपने कार्य को पूरी इमानदारी और लगन से करना चाहिए.

सिवनी। संकुल केंद्र बखारी के प्राचार्य हीरालाल नामदेव 62 साल की उम्र में बिमार होने के बाद भी बच्चों को शिक्षा देते रहे. उन्होंने हमेशा बच्चों का मार्गदर्शन कर उन्हे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी,और इसके साथ ही आज वे अपने कार्य से सेवानिवृत्त हो गए.

गंभीर बीमारी होने के बाद भी शिक्षक ने निभाया अपना कर्तव्य

इस मौके पर संकुल केंद्र बखारी के अंतर्गत आने वाली समस्त प्राथमिक, माध्यमिक ,उच्च एवं उच्चतर शालाओं के शिक्षक साथियो ने पूरे हर्षोल्लास के साथ विदाई समारोह आयोजित किया. कार्यक्रम में सेवानिवृत्त शिक्षक के परिजन और मित्रगण भी उपस्थित हुए. कार्यक्रम में उपस्थित उद्बोधन कर्त्ताओं के द्वारा नामदेव के सेवानिवृत्ति के बाद बीतने वाले जीवन के लिए मंगल कामनाएं की वही सेवानिवृत्त शिक्षक ने भी उपस्थित सभी शिक्षक-शिक्षकाओं का हृदय से धन्यवाद देते हुए कहा कि मेरे फेफड़े 20 प्रतिशत ही काम करते हैं लेकिन फिर भी मैने कभी हार नही मानी और मैं अपनी जिम्मेदारियों पर अपनी बीमारी को कभी हावी नही होने दिया.

साथ ही उन्होंने अपने कुछ अनसुलझे अनुभव को बताते हुए कहा की हमें लगातार अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहना चाहिए समस्या आती है लेकिन उन समस्याओं से ना डरते हुए भी अपने कार्य को पूरी इमानदारी और लगन से करना चाहिए.

Intro:गंभीर बीमारी होने पर भी नही भूले अपना कर्तव्य

सेवानिवृत्त हुए बखारी प्राचार्य

लोगो ने दी भावभीनी बिदाईBody:सिवनी जिले के अंतर्गत संकुल केंद्र बखारी के प्राचार्य हीरालाल नामदेव अपनी 62 वर्ष की आयु की पूर्णता के साथ ही गतदिवस (दिनाँक 31/07/2019) को सेवानिवृत्त हुए ।
इस मौके पर संकुल केंद्र बखारी के अंतर्गत आने वाली समस्त प्राथमिक, माध्यमिक ,उच्च एवं उच्चतर शालाओं के शिक्षक साथियो ने पूरे हर्षोल्लास के साथ विदाई समारोह आयोजित किया । कार्यक्रम में सेवानिवृत्त शिक्षक के परिजन और मित्रगण भी उपस्थित हुए । कार्यक्रम में उपस्थित उद्बोधन कर्त्ताओं के द्वारा श्री नामदेव जी के सेवानिवृत्ति के बाद बीतने वाले जीवन के लिए मंगल कामनाएं की वही सेवानिवृत्त शिक्षक ने भी उपस्थित सभी शिक्षक-शिक्षकाओं का हृदय से धन्यवाद देते हुए कहा कि मेरे फेफड़े 20 प्रतिशत ही काम करते हैं लेकिन मेने कभी हार नही मानी और में अपनी जिम्मेवारियों पर अपनी बीमारी को कभी हाभी नही होने दिया और में अपने ईष्ट का ध्यान करते हुए लगतार अपनी ड्यूटी निभाते हुए आज अपनी सेवा से निब्रत हो रहा हूँ साथ ही उन्होंने शिक्षक शिक्षिकाओं को अपने कुछ अनसुलझे अनुभव को बताते हुए कहां की हमें लगातार अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहना चाहिए समस्या आती है लेकिन उन समस्याओं से ना डरते हुए भी अपने कार्य को पूर्ण निष्ठा और लगन से करना चाहिए और अपने कर्तव्य को निभाते रहना चाहिए।

बाइट:- हीरा लाल नामदेव
(सेवानिवृत्त शिक्षक)
संकुल प्राचार्य बखारी)Conclusion:
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