सिवनी। जिले में गेहूं की ऐसी बर्बादी शायद कहीं नहीं हुई होगी जो गणेशगंज खरीदी केंद्र में हुई है. दरअसल, गणेशगंज खरीदी केंद्र पर बारिश के कारण सैकड़ों क्विंटल गेहूं सड़कर दुर्गंध मारने लगा. मौसम विभाग की चेतावनी के बाद भी गेहूं, खरीदी केंद्र द्वारा चयनित खेत में पड़ा रहा और बारिश आने के कारण भीगकर सड़ गया. सड़े हुए गेहूं को जेसीबी की मदद से ठिकाने लगाना पड़ा है.
इस पूरे मामले में बड़ा सवाल ये है कि इतने बड़े पैमाने पर खरीदी केंद्र का गेहूं खेत में में ही छोड़ दिया गया, जबकि मौसम विभाग ने बारिश की चेतावनी पहले ही दे दी थी. बारिश आने पर सैकड़ों क्विंटल गेहूं सड़ गया. इतना ही नहीं कई खरीदी केंद्रों ने सड़े हुए गेहूं को साफ गेहूं में मिलाकर गोदामों में पहुंचाने का भी प्रयास किया लेकिन गोदाम मालिकों के द्वारा उस गेहूं को वापस भेज दिया गया. ऐसे में खरीदी केंद्रों की मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों की भी लापरवाही उजागर होती है, जिनके द्वारा पहले से ही कोई कार्रवाई नहीं की गई.
बताया जा रहा है कि गेहूं खरीदी केंद्रों पर भारी मात्रा में गेहूं सड़ चुका है. गेहूं को किन अधिकारियों के सामने ठिकाने लगाया गया है, इसकी सही मात्रा कितनी है, इन सब मामलों की जांच होना चाहिए. आपको बता दें जिले में भारी मात्रा में खरीदी केंद्रों में गेहूं सड़ा है, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से लापरवाहों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
गणेशगंज सोसाइटी का गेहूं कई स्कूलों में भी भर दिया गया है, जो कि दुर्गंध मार रहा है. खरीदी केंद्र प्रभारी सिर्फ परिवहनकर्ता को दोषी ठहरा कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. खरीदी केंद्रों पर खरीदे हुए गेहूं को सुरक्षित रखने की पूर्ण जिम्मेदारी खरीदी केंद्र प्रभारियों की होती है, लेकिन उनकी लापरवाही के चलते किसान की मेहनत बर्बाद हो चुकी है.