सीहोर। जिले के इछावर विकासखंड के देवपुरा गांव में दिवाली के अगले दिन लगने वाला भगवान पशुपतिनाथ का मेला पहली बार दिवाली के दूसरे दिन लगेगा. दीपावली के अगले दिन यानी कार्तिक शुक्ल माह की प्रतिपदा तिथि को सूर्य ग्रहण होने के कारण यह मेला दूज अर्थात 26 अक्टूबर को लगेगा. बारहखंबा के नाम से प्रसिद्ध एकदिवसीय मेले में श्रद्धालु अपनी मवेशियों की सलामती के लिए भगवान पशुपतिनाथ की पाषाण प्रतिमा पर दूध चढ़ाते हैं. मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु घरों में सुख समृद्धि की मंगल कामना के लिए पहुंचते हैं. जिला का ही नहीं संभावना प्रदेश का पहला मेला है जहां मवेशियों के लिए आशिर्वाद मांगा जाता है. (sehore pashupatinath mela)
मेले में बहती है दूध की धारा: भगवान पशुपतिनाथ की प्रतिमा का दूध से अभिषेक किए जाने के चलते मंदिर से दूध की धारा प्रवाहित होने लगती है. मंदिर के बाहर चंद घंटों में ही हजारों लीटर दूध एक कुंड में जमा हो जाता है. क्षेत्र सहित दूर दराज शहरों और गांवों से आने वाले श्रद्धालुओं की गहरी आस्था मेले से जुड़ी है. इनकी मान्यता है कि मंदिर में स्थित प्रतिमा पर दूध चढाने से मवेशियों में संक्रामक बिमारियां नहीं होती है साथ ही दूध और कृषि उपज की पैदावार भी वृद्धि होती है. (pashupatinath mela)
भगवान पशुपतिनाथ को लोग सुख समृद्धि की कामना को लेकर भी अगरबत्ती और नारियल चढ़ाने जाते हैं. देवपुरा गांव में मेले का आयोजन पिछले कई दशकों से होता चला आ रहा है. लेकिन अभी तक के इतिहास में पहली बार उक्त मेला दिवाली के दो दिन बाद आयोजित हो रहा है. मेला समिति ने इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली है, साथ ही प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पिछले दिनों मेला स्थल का जायजा लेकर सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम करने के निर्देश जिम्मेदार अधिकारियों को जारी किए हैं. (solar eclipse effect) after diwali mela) (sehore letest news) (diwali ichhawar mela sehore)