सीहोर। इछावर तहसील क्षेत्र में इस समय चारों ओर खेतों में आग की लपटे और धुएं के गुब्बार उठते हुए दिखाई दे रहे हैं. दरअसल किसान गेहूं की नरवाई को जलाने के लिए खेतों में आग लगा रहें हैं, लेकिन लापरवाही के चलते नरवाई की यह आग कई लोगों के लिए बर्बादी का कारण बन रही है. आग की यह लपटें कई बार हवा के रूख के साथ चिंगारी उड़कर अन्य खेत में खड़ी या खलिहान में पड़ी फसल तक पहुंच जाती हैं, जिससे लाखों की उपज जलकर खाक हो रही हैं. इसके साथ ही शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण अंचल का तापमान भी तेजी से बढ़ रहा है. कृषि वैज्ञानिकों द्वारा खेतों में आग न लगाने की लगातार सलाह दी जा रही है, लेकिन इसको दरकिनार कर किसान नरवाई जलाने में जुटे हैं.
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नरवाई जलाने पर प्रशासन का ध्यान नहीं: प्रतिबंध के बावजूद इस समय खेतों में चारों ओर आग जलती हुई और धुएं के गुब्बार उठते हुए दिखाई दे रहे हैं. आलम यह है कि खेतों में गेहूं कटाई के बाद किसानों द्वारा बेखौफ होकर नरवाई जलाई जा रही है. दिन हो या रात किसी भी समय खेतों में आग की लपटें उठती हुई दिखाई देती हैं. भैरूदां स्टैट हाईवे सहित ग्रामीण अंचल की सड़कों व मार्गों के आसपास जब नरवाई जलाई जाती है तो उसकी गर्मी का एहसास सड़क से गुजरते हुए वाहनों में सवार लोगों को भी होता है. साथ ही धुआं भी लोगों के लिए मुसीबत बन रहा है. आंखों में धुआं जाने से कई बार हादसे भी हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन द्वारा खेतों में आगजनी के इस सिलसिले को रोकने के कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं.