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Sehore News: अस्पताल में रखी लाखों रुपये की डिजिटल एक्स-रे मशीन फांक रही है धूल, मरीजों के परिजन एक्स-रे का फोटो लेने पर मजबूर

सीहोर जिला अस्पताल की डिजिटल एक्स-रे मशीन धूल फांक रही है. पिछले साल अस्पताल को डिजिटल एक्स-रे मशीन की सौगात मिली थी. जिम्मेदारों द्वारा यह दावा किया गया था कि अब यहां एक्स-रे संबंधी समस्या नहीं होगी, लेकिन अस्पताल में रखी लाखों की एक्स-रे मशीन अनुपयोगी साबित हो रही है.

bad mission of sehore hospital
सीहोर अस्पताल का मीशन खराब
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Published : Aug 3, 2023, 5:50 PM IST

सीहोर। संसाधनों की उपलब्धता होने के बाद भी जिला चिकित्सालय में मरीजों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के प्रभार में जिला है, बावजूद इसके व्यवस्थाएं लचर हैं और महकमे के अधिकारी-कर्मचारियों की मनमानी हावी है. जिला अस्पताल में लाखों की डिजिटल एक्स-रे मशीन धूल खा रही है. आधुनिक मशीन होने के बाद भी अस्थि रोग पीड़ितों को डिजिटल एक्स-रे की सुविधा नहीं मिल रही है. उन्हें यहां अपने मोबाइल कैमरे से एक्स-रे का फोटो लेना पड़ता है. तब जाकर उपचार हो पाता है.

Sehore Government Hospital
सीहोर सरकारी अस्पताल

नहीं मिलती एक्स-रे रील: शासकीय अस्पताल सीहोर में बड़ी संख्या में मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं. बताया जा रहा है कि पुलिस केस, एमएलसी में ही एक्स-रे रील उपलब्ध कराई जाती है. वहीं अन्य अस्थि रोग पीड़ितों को एक्स-रे रील नहीं दी जा रही है. जबकि नियमों की बात करें तो बीपीएल, आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों को नि:शुल्क एक्स रे रील उपलब्ध कराया जाना चाहिए. सामान्य मरीजों के लिए 100 रुपये शुल्क रखा गया है. विभाग में लंबे समय से कर्मचारी जमे बैठे हैं, जिनकी मनमानी से मरीज परेशान रहते हैं. इन्होंने यहां अपना ही एक सिस्टम बना रखा है. देखने में यह भी आ रहा है कि मरीजों को बाहर निजी एक्स रे लैब पर जांच कराने की सलाह दी जाती है.

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लिफ्ट सुविधा से वंचित मरीज: सीहोर ट्रामा सेंटर में मरीजों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए चार लिफ्ट लगाए गई थी. लेकिन शुरुआती कुछ महिनों तक ही लिफ्ट चालू रही. लंबे समय से यहां लिफ्ट बंद पड़ी है, जिससे मरीज और उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री प्रभुराम चौधरी ने अपने अस्पताल दौरे के समय वादा किया था कि जल्द ही सभी लिफ्ट चालू हो जाएंगीं और मरीजों को इसका लाभ मिलेगा. महीनोंं बीत जाने के बाद भी लिफ्टे बंद पड़ी है.

कई मरीज इंतजार नहीं करते: इस संंबंध में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. प्रवीर गुप्ता कहते हैं कि "मरीजों को डिजिटल एक्स-रे मोबाइल पर उपलब्ध कराया जा रहा है, दो मशीनों की सुविधा है. कुछ मरीज गलत मोबाइल नंबर देते हैं, इसलिए शायद उन्हें एक्स-रे उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. यदि मॉनीटर पर फोटो खींचने के लिए बाध्य किया जा रहा है तो कर्मचारियों से बात करुंगा. क्या समस्या आ रही है."

सीहोर। संसाधनों की उपलब्धता होने के बाद भी जिला चिकित्सालय में मरीजों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के प्रभार में जिला है, बावजूद इसके व्यवस्थाएं लचर हैं और महकमे के अधिकारी-कर्मचारियों की मनमानी हावी है. जिला अस्पताल में लाखों की डिजिटल एक्स-रे मशीन धूल खा रही है. आधुनिक मशीन होने के बाद भी अस्थि रोग पीड़ितों को डिजिटल एक्स-रे की सुविधा नहीं मिल रही है. उन्हें यहां अपने मोबाइल कैमरे से एक्स-रे का फोटो लेना पड़ता है. तब जाकर उपचार हो पाता है.

Sehore Government Hospital
सीहोर सरकारी अस्पताल

नहीं मिलती एक्स-रे रील: शासकीय अस्पताल सीहोर में बड़ी संख्या में मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं. बताया जा रहा है कि पुलिस केस, एमएलसी में ही एक्स-रे रील उपलब्ध कराई जाती है. वहीं अन्य अस्थि रोग पीड़ितों को एक्स-रे रील नहीं दी जा रही है. जबकि नियमों की बात करें तो बीपीएल, आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों को नि:शुल्क एक्स रे रील उपलब्ध कराया जाना चाहिए. सामान्य मरीजों के लिए 100 रुपये शुल्क रखा गया है. विभाग में लंबे समय से कर्मचारी जमे बैठे हैं, जिनकी मनमानी से मरीज परेशान रहते हैं. इन्होंने यहां अपना ही एक सिस्टम बना रखा है. देखने में यह भी आ रहा है कि मरीजों को बाहर निजी एक्स रे लैब पर जांच कराने की सलाह दी जाती है.

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कई मरीज इंतजार नहीं करते: इस संंबंध में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. प्रवीर गुप्ता कहते हैं कि "मरीजों को डिजिटल एक्स-रे मोबाइल पर उपलब्ध कराया जा रहा है, दो मशीनों की सुविधा है. कुछ मरीज गलत मोबाइल नंबर देते हैं, इसलिए शायद उन्हें एक्स-रे उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. यदि मॉनीटर पर फोटो खींचने के लिए बाध्य किया जा रहा है तो कर्मचारियों से बात करुंगा. क्या समस्या आ रही है."

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