सीहोर। प्रशासन और पुलिस की लचर कार्यप्रणाली के चलते ओवर लोड रेत से भरे डंपर बेखौफ होकर क्षेत्र की सड़कों पर दौड़ते नजर आ रहे हैं. नगर की सीमा में प्रवेश करते ही चालक वाहनों की स्पीड बढ़ा देते हैं. तेज रफ्तार से गुजरने वाले रेत के यह वाहन अक्सर हादसों का कारण बन रहे हैं. रेत से भरे यह वाहन नगर व क्षेत्र की सड़कों से होकर सीहोर, आष्टा, इंदौर, कुरावर, श्यामपुर, देवास, महू आदि शहरों में जाते हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिसके चलते डंफर ऑपरेटरों के हौसले बुलंद हो रहें हैं. इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण उनकी भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं.
अफसर कर रहे अनदेखी: ओवरलोड रेत से भरे डंपर, ट्रक आदि वाहन थाना, तहसील कार्यालय, जनपद पंचायत आदि सरकारी कार्यालयों के सामने से प्रतिदिन निकलते हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इन्हें अनदेखा कर दिया जाता है. इन वाहन ड्राइवरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. हालांकि कभी-कभी दिखावे के लिए रेत से भरे ओवरलोड डपरों को चेकिंग के नाम पर रोका जाता है. बिना कार्रवाई के ही इन्हें चलता कर दिया जाता है.
अफसरों की मिलीभगत से रेत का अवैध परिवहन: ओवरलोड व बिना रायल्टी के रेत का अवैध परिवहन करने वालों पर स्थानीय प्रशासन ही नहीं खनिज विभाग के जिला प्रशासन स्तरीय अधिकारी भी मेहरबान है. बताया जा रहा है कि अफसरों की सांठगांठ से ही रेत का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है.
ट्रैक्टर-ट्रालियों से भी होता है रेत का परिवहन: नगर में सुबह से ही बड़ी संख्या में रेत से भरी ट्रालियां आती है. यह हाईवे पर पानी की टंकी व दीवड़िया जोड़ पर घंटों खड़ी रहती है. इनके पास ना तो रायल्टी होती है और ना ही कोई वैध कागजात होते हैं. इसके बावजूद रेत का काला कारोबार बेखौफ चल रहा है.