सीहोर। एक तरफ शिवराज सरकार लगातार प्रदेश के उत्थान के लिए तरह-तरह की योजनाएं ला रही है. वहीं उनके ही विधानसभा क्षेत्र के सरकारी स्कूल के बच्चों को मिड-डे-मील में इल्ली वाला भोजन परोसा गया है. इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है क्योंकि मामला सीएम के विधानसभा क्षेत्र का है. यह मिड-डे-मील योजना सरकार ही चला रही है. इसके अंर्तगत आंगनबाड़ी और सरकारी स्कूल के बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया जाता है. दावा है कि इससे छोटे बच्चों को स्कूल के खाने में ही पोषक तत्व मिल जाएगा. लेकिन हालात इसके ठीक उलट कुछ और ही कहानी कह रहे हैं. बुधनी में CM शिवराज के विधानसभा इलाके में आने वाले सरकारी स्कूल में गुणवत्ताहीन और इल्लियों वाले भोजन बच्चों को परोसने से विवाद हो गया है.
बच्चों को परोसा गया इल्ली वाला भोजन: एमपी में मध्याह्न भोजन में मासूम बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ की असलियत ऐसे सामने आने के बाद अधिकारियों के हाथ पांव फूल हुए हैं. दरअसल बुधनी की नसरुल्लागंज तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम हाथी घाट आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 2 के मिड-डे-मील में इल्ली वाला भोजन बच्चों को परोसा गया, वहीं जब इस संबंध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से पूछा गया कि बच्चों को इस प्रकार गुणवत्ताहीन भोजन क्यों दिया जाता है? इस पर कार्यकर्ता ने कहा कि "भोजन बनाने वाला समूह इस प्रकार का ही भोजन हमें प्रदान करता है, हमने कई बार इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया है. इसके बावजूद भी समूह अपनी मनमानी जारी रखे हुए है और गुणवत्ताहीन भोजन ही भेज रहे हैं."
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कलेक्टर ने दिया कार्रवाई का आदेश: इससे पहले भी मध्य प्रदेश के कई सरकारी स्कूल और आंगनबाड़ी में बच्चों को कीड़े वाले भोजन परोसे गए हैं. मगर फिर भी इस तरह की प्रैक्टिस पर रोक नहीं लग पा रही है. अधिकारी क्यों एक्शन लेने से कतराते हैं यह समझ से परे है. लोगों का आरोप है कि अधिकारी बस खानापूर्ति वाली कार्रवाई कर मामले को ऐसे ही छोड़ देते हैं, फिलहाल इस मामले में सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह का कहना है कि "इस मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को दंडित किया जाएगा. गुणवत्ताहीन खाना बच्चों को परोसा जाए इसे प्रशासन कतई बर्दाश्त नहीं करेगा ".